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IIT कानपुर ने बनाया एयर फिल्टर, एयर प्यूरीफायर की तरह काम करेगा AC

IIT कानपुर और आईआईएससी बेंगलुरू के विशेषज्ञों ने एयर फिल्टर (IIT Kanpur made air filter) बनाया है. आइए जानते है इस एयर फिल्टर के बारे में...

एयर फिल्टर
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Published : Nov 17, 2022, 10:45 PM IST

कानपुर: देश और दुनिया में अपने हुनर से छा जाने वाले आईआईटियंस ने एक बार फिर से कमाल किया है. आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने सर्दियों के मौसम में उपयोग होने वाले नियमित एसी को एयर प्यूरीफायर में बदलने का तरीका खोज लिया है.

क्लीन एयर मॉड्यूल (कैम) एयर फिल्टर का एसी में करें उपयोग: आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने बताया कि आईआईटी कानपुर और आईआईएससी बेंगलुरू के विशेषज्ञों ने क्लीन एयर मॉड्यूल (कैम) नाम से एक उत्पाद बनाया है. जिसकी खासियत यह है कि यह एंटी माइक्रोबियल एयर प्यूरीफिकेशन टेक्नोलाजी से लैस है. इसका परीक्षण एनएबीएल मान्यता प्राप्त लैब में किया गया है. यह 99.24 फीसद की दक्षता के साथ सार्स-कोविड-2 (डेल्टा वेरिएंट) को निष्क्रिय करने में पूरी तरह से प्रभावी है. इसे आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप-एआईआरटीएच को इनोवेशन का लाइसेंस दिया गया है. इसकी कीमत महज 2 हजार रुपये है.

नई हवा से वायरस खत्म होंगे और जीवन होगा सुरक्षित: इस नई तकनीक के विकास के विषय में बताते हुए प्रो. अंकुश शर्मा, प्रोफेसर-इन-चार्ज, इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन, आईआईटी कानपुर ने कहा कि इन एयर फिल्टर में इस्तेमाल की गई नई वायु शुद्धिकरण तकनीक से हमारा जीवन पूरी तचरह सुरक्षित होगा. इस हवा के संपर्क में आते ही वायरस नष्ट हो जाएंगे और जीवन बच जाएगा. उन्होंने आईआईटी कानपुर के इस नवाचार संबंधी उपलब्धि को बहुत सराहा है.

यह भी पढ़ें: कानपुर के सपा विधायक इरफान सोलंकी और भाई के खिलाफ NBW की कार्यवाही, कुर्क हो सकती संपत्ति

कानपुर: देश और दुनिया में अपने हुनर से छा जाने वाले आईआईटियंस ने एक बार फिर से कमाल किया है. आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने सर्दियों के मौसम में उपयोग होने वाले नियमित एसी को एयर प्यूरीफायर में बदलने का तरीका खोज लिया है.

क्लीन एयर मॉड्यूल (कैम) एयर फिल्टर का एसी में करें उपयोग: आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने बताया कि आईआईटी कानपुर और आईआईएससी बेंगलुरू के विशेषज्ञों ने क्लीन एयर मॉड्यूल (कैम) नाम से एक उत्पाद बनाया है. जिसकी खासियत यह है कि यह एंटी माइक्रोबियल एयर प्यूरीफिकेशन टेक्नोलाजी से लैस है. इसका परीक्षण एनएबीएल मान्यता प्राप्त लैब में किया गया है. यह 99.24 फीसद की दक्षता के साथ सार्स-कोविड-2 (डेल्टा वेरिएंट) को निष्क्रिय करने में पूरी तरह से प्रभावी है. इसे आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप-एआईआरटीएच को इनोवेशन का लाइसेंस दिया गया है. इसकी कीमत महज 2 हजार रुपये है.

नई हवा से वायरस खत्म होंगे और जीवन होगा सुरक्षित: इस नई तकनीक के विकास के विषय में बताते हुए प्रो. अंकुश शर्मा, प्रोफेसर-इन-चार्ज, इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन, आईआईटी कानपुर ने कहा कि इन एयर फिल्टर में इस्तेमाल की गई नई वायु शुद्धिकरण तकनीक से हमारा जीवन पूरी तचरह सुरक्षित होगा. इस हवा के संपर्क में आते ही वायरस नष्ट हो जाएंगे और जीवन बच जाएगा. उन्होंने आईआईटी कानपुर के इस नवाचार संबंधी उपलब्धि को बहुत सराहा है.

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