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कानपुर : हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के साथी उमाकांत ने किया सरेंडर, खोले कई राज़ - umakant shukla

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिकरू कांड में शामिल आरोपी उमाकांत ने चौबेपुर थाने में खुद को सरेंडर कर दिया. पुलिस पूछताछ में उसने विकास दुबे के कई राज़ भी खोले.

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पत्नी और बच्चों के साथ थाने पहुंचकर उमाकांत ने किया सरेंडर.
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Published : Aug 8, 2020, 9:34 PM IST

कानपुर: बिकरू कांड के मुख्य आरोपी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया था. कांड में शामिल और हिस्ट्रीशीटर के साथी उमाकांत ने शनिवार को चौबेपुर थाने में खुद को सरेंडर कर दिया.

उमाकांत ने खोले राज़


घटना में शामिल हिस्ट्रीशीटर और उसके साथियों समेत कुल 6 अपराधियों को एसटीएफ एनकाउंटर में मार चुकी है. कहीं न कहीं उमाकांत को भी एनकाउंटर का डर सता रहा था. इस कारण शनिवार को वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ चौबेपुर थाने पहुंचा और खुद को सरेंडर कर दिया.

पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि विकास दुबे का आतंक पूरे क्षेत्र में था और उसके खिलाफ कोई बोलता नहीं था. उसने बताया कि उसके प्रभाव के बिना आसपास के 10 गांवों में कोई भी प्रधान नहीं बन सकता था. सरकारी राशन कोटा भी उसी के कहने पर चलता था.

इतना ही नहीं जिला पंचायत सदस्य भी उसी की मर्जी से बनते थे. उसका इतना आतंक था कि कोई भी उसके खिलाफ जाने की हिम्मत नहीं करता था. एक बार क्षेत्र का एक व्यक्ति उसके खिलाफ हो गया था, तो उसने उसकी जमकर पिटाई की थी.

उमाकांत ने बताया कि कौन-कौन उसके साथ मिले हुए थे, जिन लोगों ने पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की थी. इतना ही नहीं उसने विकास दुबे के द्वारा की गई हत्याओं के बारे में भी बताया.

गौरतलब है कि गत दो जुलाई को पुलिस की टीम रात में हिस्ट्रीशीटर को गिरफ्तार करने बिकरू गांव गई थी. इस दौरान उसने अपने साथियों के साथ पुलिस टीम पर जमकर फायरिंग की, जिसमें आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी, जबकि कई घायल हो गए थे.

कानपुर: बिकरू कांड के मुख्य आरोपी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया था. कांड में शामिल और हिस्ट्रीशीटर के साथी उमाकांत ने शनिवार को चौबेपुर थाने में खुद को सरेंडर कर दिया.

उमाकांत ने खोले राज़


घटना में शामिल हिस्ट्रीशीटर और उसके साथियों समेत कुल 6 अपराधियों को एसटीएफ एनकाउंटर में मार चुकी है. कहीं न कहीं उमाकांत को भी एनकाउंटर का डर सता रहा था. इस कारण शनिवार को वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ चौबेपुर थाने पहुंचा और खुद को सरेंडर कर दिया.

पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि विकास दुबे का आतंक पूरे क्षेत्र में था और उसके खिलाफ कोई बोलता नहीं था. उसने बताया कि उसके प्रभाव के बिना आसपास के 10 गांवों में कोई भी प्रधान नहीं बन सकता था. सरकारी राशन कोटा भी उसी के कहने पर चलता था.

इतना ही नहीं जिला पंचायत सदस्य भी उसी की मर्जी से बनते थे. उसका इतना आतंक था कि कोई भी उसके खिलाफ जाने की हिम्मत नहीं करता था. एक बार क्षेत्र का एक व्यक्ति उसके खिलाफ हो गया था, तो उसने उसकी जमकर पिटाई की थी.

उमाकांत ने बताया कि कौन-कौन उसके साथ मिले हुए थे, जिन लोगों ने पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की थी. इतना ही नहीं उसने विकास दुबे के द्वारा की गई हत्याओं के बारे में भी बताया.

गौरतलब है कि गत दो जुलाई को पुलिस की टीम रात में हिस्ट्रीशीटर को गिरफ्तार करने बिकरू गांव गई थी. इस दौरान उसने अपने साथियों के साथ पुलिस टीम पर जमकर फायरिंग की, जिसमें आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी, जबकि कई घायल हो गए थे.

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