अलीगढ़: किसानों के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहीं हैं. अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र में स्थित पशु चिकित्सालय से पशुओं के लिये आए सरकारी जेई बीज को प्राइवेट दुकानदार को बेचा जा रहा था. सरकार की योजना के तहत जेई बीज किसानों को सरकारी मूल्य पर वितरित किया जाता है, जिससे किसान अपने पशुओं का पालन पोषण कर सकें और उनकी आर्थिक मजबूत हो. टप्पल के पशु चिकित्सालय की सरकारी गाड़ी से ही रात के अंधेरे में पशुओं के लिए आने वाला बीज बाजार में प्राइवेट दुकानदार को बेचा जा रहा था. इस गोरखधंधे में पशुपालन विभाग के कर्मी भी संलिप्त नजर आये.
पशु चिकित्सालय की चाबी ना होने पर प्राइवेट दुकान पर माल उतारने का दावा
पशु चिकित्सा विभाग की गाड़ी से ही जेई बीज की बोरियां प्राइवेट दुकानदारों के यहां उतारी जा रही थीं. इन बोरियों पर सरकारी टैग भी लगा हुआ था. ऐसे गोरखधंधे के चलते ही सरकारी योजनाएं किसानों को लाभ नहीं पहुंचा पाती. सरकारी कर्मचारियों के बंदरबांट की वजह से ही किसानों को सरकार की महत्वाकंक्षी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है. उधर, इस मामले पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी वीपी सिंह का कहना है कि, देर रात अलीगढ़ मुख्यालय से बीच टप्पल के लिए भेजा गया था. पशु चिकित्सालय की चाबी न होने की वजह से प्राइवेट दुकान में माल उतारा गया था. हालांकि पूरे मामले पर टप्पल पशु चिकित्सा प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा है.
प्रशासन कर रहा लीपापोती
इस मामले में पशु चिकित्सा विभाग की गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर ने बताया कि दो-तीन साल से इसी तरह प्राइवेट गोदाम में माल को उतारा जाता है. हालांकि विभाग के अधिकारी इस पूरे मामले की लीपापोती करते हुए दबाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन किसानों को मिलने वाले लाभ का बंदरबांट किया जा रहा है. अब देखना होगा कि इस काले कारनामे से जुड़े कर्मचारियों पर कब कार्रवाई होती है.