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सीएसजेएमयू से लीजिए ब्लॉकचेन तकनीक वाली डिजिटल डिग्री - ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित डिजीटल डिग्री

सीएसजेएमयू ने अपने 59वें दीक्षात समारोह में ब्लॉकचेन तकनीक वाली डिजिटल डिग्री छात्रों को दी. इस डिग्री से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी. हमेशा के लिए डिग्री पूरी तरह सुरक्षित रहेगी.

सीएसजेएमयू से लीजिए ब्लॉकचेन तकनीक वाली डिजिटल डिग्री
सीएसजेएमयू से लीजिए ब्लॉकचेन तकनीक वाली डिजिटल डिग्री
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Published : May 31, 2023, 10:29 PM IST

कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विवि (सीएसजेएमयू) या संबद्ध 500 से अधिक विवि के लाखों छात्र जब अपनी पढ़ाई पूरी करके निकलते थे तो किसी संस्थान में प्रवेश लेने या नौकरी के मामलों में उन्हें अपनी डिग्री जमा करनी होती थी. डिग्री में कभी नाम, कभी पिता का नाम या कुछ अन्य गलती होने पर छात्रों को विवि के चक्कर काटने पड़ते थे.

इस तरह के झंझटों से मुक्ति दिलाने के लिए सीएसजेएमयू अब पहली ऐसी यूनिवर्सिटी बन गई, जहां छात्रों को ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित डिजिटल डिग्री मिलेगी. यानी, छात्र दीक्षा समारोह से पहले अपना एक डिजीलॉकर एकाउंट बनाएंगे और उन्हें अपने एकाउंट में डिग्री मिल जाएगी. सीएसजेएमयू की ओर से कुछ दिनों पहले हुए दीक्षा समारोह में छात्रों को ब्लॉकचेन तकनीक से ही डिग्रियां दी गईं.

अब तक इतनी मिली डिग्री
अब तक इतनी मिली डिग्री
विवि द्वारा घर भेजने का भी सिलसिला जारी: विवि के सहायक कुलसचिव डा.अंजली मौर्या ने बताया कि छात्रों को डिजिटल डिग्री देने का मकसद है कि इस डिजिटल दुनिया में छात्र जब चाहें, जहां चाहें, वहां अपने स्मार्टफोन की मदद से डिग्री को जमा कर सकें. इसके अलावा, विवि की ओर से छात्रों के रिकार्ड के लिए आवेदन करने के 21 दिनों बाद घर पर डिग्री को भेज दिया जाता है. जिसे छात्र एक सुरक्षित दस्तावेज के तौर पर अपने पास रख सकते हैं. उन्होंने बताया कि छात्रों को डिग्री के लिए औसतन एक हजार रुपये फीस के तौर पर जमा करना होता है. यह फीस परीक्षा फार्म भरने के साथ ही जमा कर ली जाती है.क्या है ब्लॉकचेन तकनीक: इस तकनीक से डिग्रियां देने की शुरुआत आईआईटी कानपुर द्वारा की गई थी. आईआईटी कानपुर के 54 वें दीक्षा समारोह में पीएम मोदी आए थे और उसी समय छात्रों को ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित डिग्रियां दी गई थीं. इस तकनीक में डिग्रियों से किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है.

यह भी पढे़: एकेटीयू के दीक्षांत समारोह में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए जारी होंगी डिग्रियां

कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विवि (सीएसजेएमयू) या संबद्ध 500 से अधिक विवि के लाखों छात्र जब अपनी पढ़ाई पूरी करके निकलते थे तो किसी संस्थान में प्रवेश लेने या नौकरी के मामलों में उन्हें अपनी डिग्री जमा करनी होती थी. डिग्री में कभी नाम, कभी पिता का नाम या कुछ अन्य गलती होने पर छात्रों को विवि के चक्कर काटने पड़ते थे.

इस तरह के झंझटों से मुक्ति दिलाने के लिए सीएसजेएमयू अब पहली ऐसी यूनिवर्सिटी बन गई, जहां छात्रों को ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित डिजिटल डिग्री मिलेगी. यानी, छात्र दीक्षा समारोह से पहले अपना एक डिजीलॉकर एकाउंट बनाएंगे और उन्हें अपने एकाउंट में डिग्री मिल जाएगी. सीएसजेएमयू की ओर से कुछ दिनों पहले हुए दीक्षा समारोह में छात्रों को ब्लॉकचेन तकनीक से ही डिग्रियां दी गईं.

अब तक इतनी मिली डिग्री
अब तक इतनी मिली डिग्री
विवि द्वारा घर भेजने का भी सिलसिला जारी: विवि के सहायक कुलसचिव डा.अंजली मौर्या ने बताया कि छात्रों को डिजिटल डिग्री देने का मकसद है कि इस डिजिटल दुनिया में छात्र जब चाहें, जहां चाहें, वहां अपने स्मार्टफोन की मदद से डिग्री को जमा कर सकें. इसके अलावा, विवि की ओर से छात्रों के रिकार्ड के लिए आवेदन करने के 21 दिनों बाद घर पर डिग्री को भेज दिया जाता है. जिसे छात्र एक सुरक्षित दस्तावेज के तौर पर अपने पास रख सकते हैं. उन्होंने बताया कि छात्रों को डिग्री के लिए औसतन एक हजार रुपये फीस के तौर पर जमा करना होता है. यह फीस परीक्षा फार्म भरने के साथ ही जमा कर ली जाती है.क्या है ब्लॉकचेन तकनीक: इस तकनीक से डिग्रियां देने की शुरुआत आईआईटी कानपुर द्वारा की गई थी. आईआईटी कानपुर के 54 वें दीक्षा समारोह में पीएम मोदी आए थे और उसी समय छात्रों को ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित डिग्रियां दी गई थीं. इस तकनीक में डिग्रियों से किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है.

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