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पहाड़ों की बारिश से कानपुर में मंडराया बाढ़ का खतरा, तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया

पहाड़ी इलाकों में हुई भीषण बारिश से मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. ऐसे शहरों में कानपुर भी शामिल हैं. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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Published : Aug 20, 2023, 10:00 AM IST

कानपुर: शहर में भले ही बारिश न के बराबर हो रही हो, मगर पहाड़ी इलाकों से जो बारिश का पानी गंगा में पहुंच रहा है उससे अब हाहाकार की स्थिति हो सकती है. शुक्रवार देर रात कानपुर में गंगा बैराज के सभी गेट खोल दिए गए और लगभग तीन लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया. सुबह जब लोग गंगा बैराज के आसपास पहुंचे तो पानी ऊफान पर था और चारों ओर पानी-पानी ही था.

गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने की सूचना मिलते ही डीएम विशाख जी अय्यर एक्टिव हो गए और सिंचाई व राजस्व विभाग के अफसरों से उन्होंने बात की. निर्देश दिए कि अगर जलस्तर इतना बढ़ता है कि बाढ़ की स्थिति बनती है तो फौरन ही कटरी क्षेत्र से लोगों का सुरक्षित स्थानों पर पलायन शुरू करा दें.

डीएम ने मौके की स्थिति का जायजा लेने के बाद मीडिया को बताया कि जलस्तर 114 मीटर का स्तर पार कर चुका है. संभावना है कि अभी और वृद्धि होगी इसलिए कटरी क्षेत्र की जो भी ग्राम पंचायतें हैं वहां बाढ़ चौकियों को अलर्ट पर रखा गया है, जिन एप्रोच रोड में गंगा का पानी भर गया है, वहां एडीएम सप्लाई की निगरानी में राशन वितरित कराया जा रहा है. डीएम ने कहा कि हमारी सभी टीमें अलर्ट मोड पर हैं. बाढ़ आती है तो स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे.

चेतावनी बिंदु के करीब पहुंचा गंगा का पानी: सिंचाई विभाग के अफसरों ने बताया कि गंगा का जलस्तर शहर में लगातार पिछले तीन दिनों से बढ़ रहा है. अब गंगा चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच चुकी हैं. चेतावनी बिंदु का मानक 114 मीटर पर है. शहर के साथ ही शुक्लागंज में गंगा का जलस्तर 112.91 मीटर पर पहुंच गया है. वहीं, शहर के बिठूर क्षेत्र के गंगा किनारे के कई घरों में पानी दहलीज तक पहुंच चुका है.

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ये भी पढ़ेंः सांसद बृजभूषण सिंह का बड़ा बयान, राहुल गांधी और प्रियंका यूपी की किसी सीट से नहीं जीत पाएंगे लोकसभा चुनाव

कानपुर: शहर में भले ही बारिश न के बराबर हो रही हो, मगर पहाड़ी इलाकों से जो बारिश का पानी गंगा में पहुंच रहा है उससे अब हाहाकार की स्थिति हो सकती है. शुक्रवार देर रात कानपुर में गंगा बैराज के सभी गेट खोल दिए गए और लगभग तीन लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया. सुबह जब लोग गंगा बैराज के आसपास पहुंचे तो पानी ऊफान पर था और चारों ओर पानी-पानी ही था.

गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने की सूचना मिलते ही डीएम विशाख जी अय्यर एक्टिव हो गए और सिंचाई व राजस्व विभाग के अफसरों से उन्होंने बात की. निर्देश दिए कि अगर जलस्तर इतना बढ़ता है कि बाढ़ की स्थिति बनती है तो फौरन ही कटरी क्षेत्र से लोगों का सुरक्षित स्थानों पर पलायन शुरू करा दें.

डीएम ने मौके की स्थिति का जायजा लेने के बाद मीडिया को बताया कि जलस्तर 114 मीटर का स्तर पार कर चुका है. संभावना है कि अभी और वृद्धि होगी इसलिए कटरी क्षेत्र की जो भी ग्राम पंचायतें हैं वहां बाढ़ चौकियों को अलर्ट पर रखा गया है, जिन एप्रोच रोड में गंगा का पानी भर गया है, वहां एडीएम सप्लाई की निगरानी में राशन वितरित कराया जा रहा है. डीएम ने कहा कि हमारी सभी टीमें अलर्ट मोड पर हैं. बाढ़ आती है तो स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे.

चेतावनी बिंदु के करीब पहुंचा गंगा का पानी: सिंचाई विभाग के अफसरों ने बताया कि गंगा का जलस्तर शहर में लगातार पिछले तीन दिनों से बढ़ रहा है. अब गंगा चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच चुकी हैं. चेतावनी बिंदु का मानक 114 मीटर पर है. शहर के साथ ही शुक्लागंज में गंगा का जलस्तर 112.91 मीटर पर पहुंच गया है. वहीं, शहर के बिठूर क्षेत्र के गंगा किनारे के कई घरों में पानी दहलीज तक पहुंच चुका है.

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