कानपुर: कहा जाता है कि प्रसव से पूर्व योग करने से मां और बच्चे दोनों को लाभ होता है. कुछ गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के दौरान योग करती भी हैं, जिसका उन्हें लाभ भी मिलता है. कानपुर के एएचएन डफरिन महिला चिकित्सालय ने भी इसी दिशा में अपना एक कदम बढ़ाया है. पहली बार यहां पर बिना जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को प्रशिक्षित मिडवाइफ द्वारा परामर्श देने के साथ-साथ उन्हें कसरत, योग और व्यायाम भी सिखाया जा रहा है.
ट्रेंड मिडवाइफरी देंगी, गर्भवती महिलाओं को सही प्रशिक्षण: ईटीवी भारत संवाददाता से खास बातचीत के दौरान जिला महिला चिकित्सालय की प्रबंधक डॉ. दरख्शा परवीन ने बताया कि यह प्रोजेक्ट गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का है और इसका नाम मिडवाइफरी केयर यूनिट (MLCU) है. यह एक ऐसी यूनिट है, जिसमें प्रशिक्षित मिडवाइफ तैनात होंगी, जोकि प्रसव से पूर्व ओपीडी में गर्भवती महिलाओं को देखेंगी. जैसे ही कोई महिला सामान्य प्रसव के लिए पहुंचेगी तो सबसे पहले इन प्रशिक्षित मिडवाइफ द्वारा उनसे संपर्क किया जाएगा. फिर बिना जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को उनके प्रसव से पूर्व कसरत, योगा और व्यायाम करवाने की शुरुआत की जाएगी. साथ ही कैसे नार्मल डिलीवरी कर सकते हैं और नॉर्मल डिलीवरी को लेकर उनके मन में कई तरीके के सवाल होते हैं, जिनके जवाब भी दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि ओपीडी में सामान्य प्रसव वाली गर्भवती महिलाओं को इन प्रशिक्षित मिडवाइफ द्वारा एक-एक करके उन्हें सलाह दी जाएगी कि इस अवस्था में उनके स्वास्थ्य के लिए क्या अच्छा और क्या नहीं है. वहीं, जब तक उनकी डिलीवरी नहीं हो जाती है, तब तक यह उनकी पूरी निगरानी में रहेंगी.
नार्मल डिलीवरी को बढ़ावा देना है मकसद: जिला महिला चिकित्सालय की प्रबंधक डॉ. दरख्शा परवीन ने बताया कि सामान्य प्रसव एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. इसको बढ़ावा देना हमारा मकसद है. इसी कड़ी में जिला महिला चिकित्सालय में मिडवाइफरी लैड केयर यूनिट (MLCU) की शुरुआत की गई है. उन्होंने बताया कि इससे पहले यह प्रोजेक्ट यूपी के मेरठ और लखनऊ में शुरू हो चुका है. लेकिन, कानपुर के डफरिन में ही सिर्फ एंटीनेटल ओपीडी शुरू हुई है. यहां पर जो मिडवाइफ हैं, वह मेरठ से प्रशिक्षण लेकर आई हैं. डॉ. दरख्शा प्रवीन ने बताया कि जब मरीज आता है तो हम उसे MLCU क्लीनिक में भेज देते हैं. वहां पर उनके जो मानक हैं, उनके अनुरूप अगर मरीज है तो वह उन्हें MLCU क्लीनक में सिफ्ट कर लेते हैं और फिर उनके खान-पान से लेकर उनकी दवाइयां, जांचे सभी का पूरा ध्यान रखा जाता है. साथ ही उन्हें अलग-अलग महीनों में अलग तरीके के व्यायाम, कसरत और योग को भी कराया जाता है. उन्होंने बताया कि फिलहाल अभी इस एंटीनेटल ओपीडी का 4 प्रशिक्षित मिडवाइफ संचालन कर रही हैं. जल्द ही 30 छात्र भी इसमें शामिल होंगे.
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