कानपुर: स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस की पैंट्री कार में मिले 1 करोड़ 40 लाख रुपये से भरे बैग को अपना बताने का दावा करने वाली कंपनी का पिछला हिसाब-किताब काफी मजबूत है. गाजियाबाद की कंपनी बी-4 एस ने पिछले ढाई सालों में काफी तेजी से ऊंचा मुकाम हासिल किया है. इस कंपनी ने पिछले 3 सालों में 10 करोड़ से बढ़कर 18 करोड़ रुपये टैक्स जमा किया है. इस पर आयकर अधिकारियों का मानना है कि कंपनी की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, पिछली 16 फरवरी को स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस से कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर एक बैग उतारा गया था, जिसमें 1 करोड़ 40 लाख रुपये मिले थे. इस दौरान रेलवे के इंटरकॉम पर एक फोन आया था, जिसने खुद को रेलवे का एक बड़ा अधिकारी बताते हुए पैंट्री कार से बैग उतरवाने के लिए कहा था. संदेह होने पर जब बैग खोला गया तो उसमें 1 करोड़ 40 लाख रुपये की नकदी मिली. ये रुपये किसके हैं इसको लेकर कानपुर सेंट्रल स्टेशन के रेलवे अधिकारियों, जीआरपी और आरपीएफ में खलबली मच गई थी. इसके बाद लगभग 12 दिन बाद एक कंपनी बी 4 एस सामने आई और उसने रुपयों पर अपना दावा पेश किया. इस कंपनी ने पहले जीआरपी के पास अपना दावा पेश किया, इसके बाद इस कंपनी ने आयकर अधिकारियों को मेल भेजकर ट्रेन में मिले रुपयों पर दावा किया. जिसके बाद आयकर विभाग और जीआरपी कंपनी को लेकर जांच में जुट गई थी.
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जब आयकर अधिकारियों ने कंपनी के रिटर्न की जांच की तो पाया कि कंपनी के आर्थिक स्थिति काफी मजबूत है. इस कंपनी का 300 से 400 करोड़ रुपए के बीच का टर्नओवर है. इसके अलावा कंपनी का टैक्स भी लगातार जमा हो रहा है. अब आयकर अधिकारी यह जांच रहे हैं कि इस कंपनी ने पहली बार ट्रेन से रुपए भेजे थे या हमेशा ही भेजती रही है.