कानपुर: दुधवा टाइगर रिजर्व हो या फिर बिजनौर स्थित अमानगढ़ टाइगर रिजर्व हो. हर साल लाखों की संख्या में सैलानी, वन्यजीव प्रेमी चिड़ियाघरों में पहुंचते हैं. लेकिन सैलानियों को जितना बाघ देखने में दिलचस्पी दिखाते हैं. उतनी ही उत्सुकता उन्हें शेर देखने के बाद होती है. इसबार अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर पीएम मोदी ने देश के लोगों को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने देश में बढ़ती बाघों की संख्या पर खुशी जताई थी. इसके बाद बाघ प्रोजेक्ट को विस्तार देने के लिए कानपुर जू में बाघों की संख्या को बढ़ाने का खाका तैयार कर लिया गया है.
कानपुर जू में बाघों की संख्याः जानकारी के अनुसार भारत के 18 राज्यों में 51 बाघ अभयारण्यों का घर है. पीएम मोदी के बाघ प्रोजेक्ट को विस्तार देने के लिए कानपुर जू में बाघों की संख्या बढ़ाई जाएगी. इसकी पूरी तैयारी कानपुर जू द्वारा कर ली गई है. सूबे में लखनऊ जू, गोरखपुर जू के मुकाबले कानपुर जू में बाघों की संख्या सबसे अधिक है. जो मौजूदा समय में 10 के करीब है. इनमें 6 मादा व चार नर हैं. खास बात यह है कि यहां के डॉक्टरों को साढ़े तीन साल की मादा बाघ दुर्गा मिल गई है. जिसे कुछ दिनों पहले तिरुपति से लाया गया था. इसके अलावा 7 से 8 वर्षीय मालती और 4 से 6 साल के बीच की पुष्पा है. इनके प्रजनन से यहां 7 वर्षीय मल्लू और 7 वर्षीय बादल है. इसके अलावा 4 वर्ष का बघिरा है.
बाघों का प्रजनन केंद्र होगा तैयार: इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत संवाददाता से विशेष बातचीत में कानपुर जू के चिकित्सक अनुराग सिंह ने बताया कि उनकी योजना है कि पहले बाघों के लिए प्रजनन केंद्र तैयार किया जाए. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कानपुर जू में कई साल पहले शेरनी नंदिनी ने 3 शावकों को जन्म दिया था. वहीं बाघिन त्रुशा भी कई शावकों को जन्म दे चुकी है. ऐसे में कानपुर चिड़ियाघर का वातावरण बाघों के प्रजनन को लेकर मुफीद है. इसलिए अब कानपुर जू में बाघ और बाघिन दोनों हैं. उन्होंने बताया कि जल्द ही बाघों का प्रजनन शुरू करा दिया जाएगा. जिससे आने वाले समय में बाड़ों के अंदर शावकों की बहार दिखाई दे.
जू में बाघों की संख्याः उत्तर प्रदेश के कानपुर जू में मादा बाघ की संख्या 6 और नर मादा की संख्या 4 है. वहीं, लखनऊ जू में मादा बाघ की संख्या 2 और नर बाघ की संख्या 6 के करीब है. जबकि गोरखपुर जू में मादा बाघ की संख्या 1 और नर बाघ की संख्या 2 है.
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