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कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर पकड़े गए फर्जी टीटीई - कानपुर रेलवे स्टेशन पर फर्जा टीटीई

यूपी के कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर जीआरपी ने एक फर्जी टीटीई को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि कुछ दिनों से फर्जी नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी की जा रही है.

कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर पकड़े गए फर्जी टीटीई
कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर पकड़े गए फर्जी टीटीई
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Published : Jun 11, 2021, 2:53 AM IST

कानपुर: महानगर में फर्जी नौकरी दिलाने वाला ग्रुप एक बार फिर से एक्टिव हो गया है. इससे पहले एसपी साउथ रहे दीपक भूकर ने भी फर्जी नौकरी दिलाने के नाम पर तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, जो कि रेलवे में नौकरी लगवाते थे. वहीं इसी क्रम में रेलवे में नौकरी के नाम पर भोले-भाले छात्र और नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. किसी को टीटीई तो किसी को द्वितीय श्रेणी का कर्मी बनाया जा रहा है. इन सभी फर्जी कर्मचारियों की ट्रेनिग भी कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर करायी जा रही थी.

जानकारी देते जीआरपी क्षेत्राधिकारी
जानिए पूरा मामलाकानपुर सेंट्रल स्टेशन पर कार्यरत टिकट चेकिंग स्टाफ सुनील पासवान रात करीब साढ़े 11 बजे फुट ओवर ब्रिज पर टिकट चेक कर रहे थे. इस दौरान उन्होने दिनेश नामक व्यक्ति को पकडा, जो अपने आपको टीटीई बता रहा था. शक होने पर उससे पूछताछ की गई तो वह फर्जी टीटीई पाया गया. इसके बाद उसने अपने मोबाइल पर आईडी दिखाई, जिस पर सीनियर सेक्शन इंजीनियर की मुहर लगी हुई थी, जिसके कारण और शक होने पर टीटीई ऑफिस कानपुर लाकर काॅमर्शियल स्टाफ ने अपने रिकाॅर्ड चेक किये तो कोई भी इस नाम का टीटीई ट्रेनिंग नही कर रहा था और न ही कोई रिकाॅर्ड पाया गया.

टिकट चेकिंग स्टाफ सुनील पासवान ने उसे पकड़ कर जीआरपी थाना कानपुर सेंट्रल ले गए, जहां पर पकडे गये व्यक्ति के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए लिखित तहरीर दी गई, जिस पर जीआरपी उप निरीक्षक द्वारा पूछताछ करने पर पकडे गये दिनेश नामक व्यक्ति ने बताया कि कुछ दिनों से और भी कुछ लोग कानपुर स्टेशन पर टीटीई की ट्रेनिंग कर रहे हैं. जानकारी के बाद स्टेशन और स्टेशन परिसर से उन व्यक्तियों को जीआरपी स्टाफ ने तलाश कर पकडा और जीआरपी थाना कानपुर सेंट्रल लाया गया.

जीआरपी क्षेत्राधिकारी ने बताया

जीआरपी क्षेत्राधिकारी कमरुल हसन ने बताया कि जीआरपी और आरपीएफ पुलिस ने कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से शक होने पर एक फर्जी टीटीई को पकड़कर पूछताछ की तो पता चला कि वह ट्रेनी टीटीई है और सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेनिंग कर रहा है. उसके साथ रेलवे में जॉइनिंग पा चुके अन्य कई कर्मी भी ट्रेनिंग कर रहे हैं, जिसके बाद जीआरपी पुलिस ने कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से 15 अन्य लोगों को हिरासत में लिया जो कि अपने आपको रेलवे का कर्मचारी बता कर सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेनिंग कर रहे थे.

जीआरपी ने इन सभी लोगों के विषय मे पता किया तो पता चला कि इन्हें किसी रुद्र प्रताप ठाकुर जो कि कानपुर के पनकी का रहने वाला है, उसने ही इन सभी को रेलवे में जॉइनिंग दिलाई थी. साथ ही यह भी बताया था कि इनकी ट्रेनिंग सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर होगी, लेकिन यह सब कुछ फर्जी था. इन सभी लोगों के साथ रूद्र प्रताप सिंह ने ठगी की है. टीटीई के लिये 4 लाख अन्य पद के लिये 2 लाख रुपये लिए थे. इन लोगों को फर्जी आईडी,नियुक्ति पत्र थमाकर बकायदा इन सभी को कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर ट्रेनिंग करा रहा था. हालांकि अब तक ठगी करने वाला रुद्र प्रताप सिंह जीआरपी पुलिस की गिरफ्त से बचा हुआ है.

कानपुर: महानगर में फर्जी नौकरी दिलाने वाला ग्रुप एक बार फिर से एक्टिव हो गया है. इससे पहले एसपी साउथ रहे दीपक भूकर ने भी फर्जी नौकरी दिलाने के नाम पर तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, जो कि रेलवे में नौकरी लगवाते थे. वहीं इसी क्रम में रेलवे में नौकरी के नाम पर भोले-भाले छात्र और नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. किसी को टीटीई तो किसी को द्वितीय श्रेणी का कर्मी बनाया जा रहा है. इन सभी फर्जी कर्मचारियों की ट्रेनिग भी कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर करायी जा रही थी.

जानकारी देते जीआरपी क्षेत्राधिकारी
जानिए पूरा मामलाकानपुर सेंट्रल स्टेशन पर कार्यरत टिकट चेकिंग स्टाफ सुनील पासवान रात करीब साढ़े 11 बजे फुट ओवर ब्रिज पर टिकट चेक कर रहे थे. इस दौरान उन्होने दिनेश नामक व्यक्ति को पकडा, जो अपने आपको टीटीई बता रहा था. शक होने पर उससे पूछताछ की गई तो वह फर्जी टीटीई पाया गया. इसके बाद उसने अपने मोबाइल पर आईडी दिखाई, जिस पर सीनियर सेक्शन इंजीनियर की मुहर लगी हुई थी, जिसके कारण और शक होने पर टीटीई ऑफिस कानपुर लाकर काॅमर्शियल स्टाफ ने अपने रिकाॅर्ड चेक किये तो कोई भी इस नाम का टीटीई ट्रेनिंग नही कर रहा था और न ही कोई रिकाॅर्ड पाया गया.

टिकट चेकिंग स्टाफ सुनील पासवान ने उसे पकड़ कर जीआरपी थाना कानपुर सेंट्रल ले गए, जहां पर पकडे गये व्यक्ति के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए लिखित तहरीर दी गई, जिस पर जीआरपी उप निरीक्षक द्वारा पूछताछ करने पर पकडे गये दिनेश नामक व्यक्ति ने बताया कि कुछ दिनों से और भी कुछ लोग कानपुर स्टेशन पर टीटीई की ट्रेनिंग कर रहे हैं. जानकारी के बाद स्टेशन और स्टेशन परिसर से उन व्यक्तियों को जीआरपी स्टाफ ने तलाश कर पकडा और जीआरपी थाना कानपुर सेंट्रल लाया गया.

जीआरपी क्षेत्राधिकारी ने बताया

जीआरपी क्षेत्राधिकारी कमरुल हसन ने बताया कि जीआरपी और आरपीएफ पुलिस ने कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से शक होने पर एक फर्जी टीटीई को पकड़कर पूछताछ की तो पता चला कि वह ट्रेनी टीटीई है और सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेनिंग कर रहा है. उसके साथ रेलवे में जॉइनिंग पा चुके अन्य कई कर्मी भी ट्रेनिंग कर रहे हैं, जिसके बाद जीआरपी पुलिस ने कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से 15 अन्य लोगों को हिरासत में लिया जो कि अपने आपको रेलवे का कर्मचारी बता कर सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेनिंग कर रहे थे.

जीआरपी ने इन सभी लोगों के विषय मे पता किया तो पता चला कि इन्हें किसी रुद्र प्रताप ठाकुर जो कि कानपुर के पनकी का रहने वाला है, उसने ही इन सभी को रेलवे में जॉइनिंग दिलाई थी. साथ ही यह भी बताया था कि इनकी ट्रेनिंग सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर होगी, लेकिन यह सब कुछ फर्जी था. इन सभी लोगों के साथ रूद्र प्रताप सिंह ने ठगी की है. टीटीई के लिये 4 लाख अन्य पद के लिये 2 लाख रुपये लिए थे. इन लोगों को फर्जी आईडी,नियुक्ति पत्र थमाकर बकायदा इन सभी को कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर ट्रेनिंग करा रहा था. हालांकि अब तक ठगी करने वाला रुद्र प्रताप सिंह जीआरपी पुलिस की गिरफ्त से बचा हुआ है.

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