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कानपुर के इस नन्हें इतिहासकार का बजता है दुनियां में डंका, NASA में भी दर्ज है नाम...

लंदन की संस्था हार्वर्ड ने कानपुर नगर के शिवकटरा निवासी 11 वर्षीय छात्र यशवर्धन सिंह को कुछ समय पहले यंगेस्ट हिस्टोरियन का अवार्ड का अवार्ड दिया है. भारतीय डाक विभाग भी यशवर्धन के नाम व फोटो के साथ उनकी डाक टिकट जारी कर चुका है. आइए जानते हैं इनके बारे में...

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कानपुर के इस नन्हें इतिहासकार का बजता है दुनियां में डंका
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Published : Apr 4, 2022, 4:12 PM IST

Updated : Apr 5, 2022, 3:55 PM IST

कानपुर : लंदन की संस्था हार्वर्ड ने कानपुर नगर के शिवकटरा निवासी 11 वर्षीय छात्र यशवर्धन सिंह को कुछ समय पहले यंगेस्ट हिस्टोरियन का अवार्ड का अवार्ड दिया है. भारतीय डाक विभाग भी यशवर्धन के नाम व फोटो के साथ उनकी डाक टिकट जारी कर चुका है. वहीं बीते 26 मार्च 2022 को नासा ने चंद्रमा पर अपना स्पेसक्राफ्ट भेजा था, इस मिशन में भी कानपुर के यशवर्धन का नाम शामिल है. ऐसी ही तमाम उपलब्धियां अपने नाम कर चुके छात्र से ईटीवी भारत की टीम ने खास बातचीत की.

इस दौरान उन्होंने यश ने बताया कि वह इंटरनेशनल रिलेशंस में अच्छी पकड़ रखते हैं और सिविल सेवा की तैयारी करने वाले छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाते हैं. खास बातचीत में यशवर्धन ने बताया कि उनकी इतिहास में रुचि इसलिए इतनी अधिक हो गई, क्योंकि उन्होंने इस विषय की जानकारी अपनी मम्मी से ली.

यंगेस्ट हिस्टोरियन यशवर्धन सिंह से खास बातचीत

दरअसल यशवर्धन की माता कंचन प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं. वह कुछ समय पहले पीसीएस की तैयारी कर रही थीं. तब यशवर्धन की उम्र महज 5-6 साल रही होगी, इसी बीच यशवर्धन की इतिहास के प्रति खासी रुचि बढ़ गई. यशवर्धन मौजूदा समय में नियमित रुप से स्कूल की पढ़ाई के अलावा 10 घंटे तक खुद पढ़ते हैं. यशवर्धन ने बताया कि पढ़ाई के दौरान उन्हें अपने पिता अंशुमान सिंह व माता कंचन का पूरा साथ मिलता है.

इसे पढ़ें- प्रधानाचार्य समेत 4 मदरसा शिक्षकों से करोड़ों रुपए की रिकवरी के आदेश, जानें पूरा मामला

कानपुर : लंदन की संस्था हार्वर्ड ने कानपुर नगर के शिवकटरा निवासी 11 वर्षीय छात्र यशवर्धन सिंह को कुछ समय पहले यंगेस्ट हिस्टोरियन का अवार्ड का अवार्ड दिया है. भारतीय डाक विभाग भी यशवर्धन के नाम व फोटो के साथ उनकी डाक टिकट जारी कर चुका है. वहीं बीते 26 मार्च 2022 को नासा ने चंद्रमा पर अपना स्पेसक्राफ्ट भेजा था, इस मिशन में भी कानपुर के यशवर्धन का नाम शामिल है. ऐसी ही तमाम उपलब्धियां अपने नाम कर चुके छात्र से ईटीवी भारत की टीम ने खास बातचीत की.

इस दौरान उन्होंने यश ने बताया कि वह इंटरनेशनल रिलेशंस में अच्छी पकड़ रखते हैं और सिविल सेवा की तैयारी करने वाले छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाते हैं. खास बातचीत में यशवर्धन ने बताया कि उनकी इतिहास में रुचि इसलिए इतनी अधिक हो गई, क्योंकि उन्होंने इस विषय की जानकारी अपनी मम्मी से ली.

यंगेस्ट हिस्टोरियन यशवर्धन सिंह से खास बातचीत

दरअसल यशवर्धन की माता कंचन प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं. वह कुछ समय पहले पीसीएस की तैयारी कर रही थीं. तब यशवर्धन की उम्र महज 5-6 साल रही होगी, इसी बीच यशवर्धन की इतिहास के प्रति खासी रुचि बढ़ गई. यशवर्धन मौजूदा समय में नियमित रुप से स्कूल की पढ़ाई के अलावा 10 घंटे तक खुद पढ़ते हैं. यशवर्धन ने बताया कि पढ़ाई के दौरान उन्हें अपने पिता अंशुमान सिंह व माता कंचन का पूरा साथ मिलता है.

इसे पढ़ें- प्रधानाचार्य समेत 4 मदरसा शिक्षकों से करोड़ों रुपए की रिकवरी के आदेश, जानें पूरा मामला

Last Updated : Apr 5, 2022, 3:55 PM IST
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