कानपुर: अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद के सदस्यों का देशव्यापी सम्मेलन 10 सितंबर को आयोजित किया जाएगा. इस सम्मलेन के पहले ही गुरुवार को परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव 2024 में वैश्य समाज 12 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कियया है. सम्मेलन के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुमंत गुप्ता ने कहा कि चुनाव में प्रभावी रूप से उनकी हिस्सेदारी होनी चाहिए.
वैश्य व्यापारियों को विधानपरिषद में मौका मिले
अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुमंत गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, कन्नौज, फर्रुखाबाद समेत अन्य कई सीटें ऐसी हैं. जहां वैश्य समाज का अच्छा खासा वोट बैंक है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में उनकी मांग है कि जैसे विधानपरिषद की सीटों पर शिक्षकों को मौका दिया जाता है. उसी आधार पर वैश्य समाज के व्यापारियों को भी मौका मिलना चाहिए. इस विषय में वह केंद्र और राज्य सरकार दोनों के सामने अपनी बुलंद आवाज रखेंगे. इसके लिए 10 सितंबर को देशव्यापी वैश्य व्यापारी एकता का सम्मेलन होना है. उसमें देश और प्रदेश के व्यापारियों के सामने वह एकजुट होकर आवाज उठायेंगे.
सबसे ज्यादा कर हम देते, फिर भी हमारा उत्पीड़न
डॉ. सुमंत गुप्ता ने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सबसे अधिक कर वैश्य समाज के व्यापारी देते हैं. इसके बावजूद भी व्यापारियों का उत्पीड़न होता है. उन्होंने कहा कि सूबे में 52 लाख नए आयकर दाता जुड़े हैं. इसमें बड़ी संख्या में वैश्य व्यापारी शामिल हैं. इसके बाद भी व्यापारियों के यहां ईडी का छापा पड़ता रहता है. उन्होंने कहा कि भारत में विदेशी कंपनियां अपने व्यापार को बढ़ा रही हैं. उन कंपनियों का वैश्य समाज के व्यापारियों को विरोध करना चाहिए. देश में जो छोटे और मझले स्तर के जो व्यापारी कारोबार कर रहे हैं. उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए. इस काम सरकार को व्यापारियों का साथ देना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर व्यापारी एकजुट होकर सरकार के खिलाफ देशभर में आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.
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