कानपुर: शहर से भाजपा ने मेयर पद के लिए प्रमिला पांडेय को दोबारा प्रत्याशी तो बना दिया, मगर इस बार प्रमिला पांडेय की घोषणा के बाद से भाजपा की अंतरकलह सामने आ गई है. भाजपा सांसद ने ईटीवी भारत संवाददाता से फोन पर बातचीत के दौरान कहा कि अगर बेईमान और भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन मिलेगा तो मुझे कष्ट होगा. उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर ही अपनी टिप्पणी कर दी. हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि अगर पार्टी का फैसला है तो सभी को मान्य होगा.
वहीं, उन्होंने मेयर प्रत्याशी प्रमिला पांडेय के नामांकन से भी पूरी तरह दूरी बनाई. उन्होंने कहा कि मैं नामांकन जुलूस में शामिल नहीं हुआ. यह बेहद हैरान करने वाली बात इसलिए है, क्योंकि मेयर प्रत्याशी जिस वाहन पर सवार होकर नामांकन के लिए निकली थीं, उस पर फोटो खिंचवाने के लिए शहर के प्रभारी मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, चुनाव के लिए पार्टी की ओर से तय जिम्मेदार विजय बहादुर पाठक, चुनाव संयोजक प्रकाश शर्मा, पूर्व मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह समेत शहर के तमाम विधायक व संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे.
नामांकन जुलूस में जिस बात की सबसे अधिक चर्चा थी, वह विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना का अचानक पहुंचना. दरअसल, रविवार को जब भाजपा ने मेयर पद के लिए प्रमिला पांडेय का नाम घोषित किया, उससे कुछ घंटों पहले तक पूरे शहर में यह चर्चा भी जोरों पर थी कि पार्टी सांसद सत्यदेव पचौरी की बेटी नीतू सिंह को टिकट मिल सकता है. अब, सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर शहर के महापौर पद की टिकट को लेकर तमाम तरह के कमेंट्स पोस्ट किए जा रहे हैं.
तो क्या सतीश महाना ने कराई टिकट: शहर में भाजपा के एक गुट के पदाधिकारियों का दावा है, कि महापौर पद के लिए प्रमिला पांडेय की टिकट विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कराई है. वैसे भी पिछले रिकार्ड को देखें तो महाना और पचौरी गुट के समर्थक कई बार एक दूसरे के आमने-सामने हो चुके हैं. अब, देखना यह होगा, कि संगठन इस खींचतान को कैसे संभालता है.