ETV Bharat / state

बाबा सिद्धनाथ धाम में करोड़ों का गुप्त दान, भक्त ने चढ़ाया सोने-चांदी का छत्र और घंट

कानपुर में स्थित बाबा सिद्धनाथ धाम में एक भक्त ने बाबा के ऊपर सोने-चांदी का छत्र और घंट चढ़ाया है. भक्त की ओर से किए करोंड़ों के गुप्त दान को लेकर क्षेत्र में चर्चा का विषय है और लोग छत्र और घंट देखने पहुंच रहे हैं.

बाबा सिद्धनाथ धाम
बाबा सिद्धनाथ धाम
author img

By

Published : Aug 12, 2021, 8:48 PM IST

कानपुरः जिले में स्थित दूसरे काशी कहे जाने वाला बाबा सिद्धनाथ धाम में सावन के पावन अवसर पर एक भक्त ने बाबा के ऊपर सोने-चांदी का छत्र और घंट चढ़ाया है. छत्र चढ़ाने से पहले पुजारी मुन्नी लाल पांडेय ने भक्त के साथ बाबा की पूजा अर्चना की. इसके बाद छत्र और घंटों की पूजा कर मंदिर में लगाया. मंदिर में चढ़ाए गए सोने-चांदी के छत्र और घंट को देखने दूर-दूर से लोग आ रहे हैं. मंदिर के पुजारी ने गुरुवार को कानपुर के एक भक्त ने सावन के पावन अवसर पर बाबा के ऊपर एक सोने का छत्र व घण्टा और एक चांदी का घंटा चढ़ाया है. भक्त ने यह दान गुप्त में किया है.


बताते चले कि पौराणिक मान्यता है कि जाजमऊ स्थित इस मंदिर के पास वर्षों पहले जंगल हुआ करता था. जहां एक गाय चरने आती थी और जब वापस अपने मालिक के पास शाम में जाति तो दूध नहीं देती. जिसके बाद मालिक ने अपने नौकर को गाय के पीछे लगाया तो उसने देखा कि गाय यहां आकर घास के ऊपर दूध छोड़ देती है. यह देखकर नौकर ने अपने मालिक को बताया. जिसके बाद गाय के मालिक ने गाय के दूध देने वाली जगह की सफाई कराई तो वहां शिवलिंग निकला और तब उसने यहां मन्दिर का निर्माण कराया, जो आज सिद्धनाथ धाम के नाम से जाना जाता है.

इसे भी पढ़ें-सावन झूला मेले से राम नगरी में लौटी रौनक, दूसरे जिले के श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक

कानपुर का सिद्धनाथ धाम मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है. एक और मान्यता है कि यहां पर राजा का महल हुआ करता था, जिन्हें सपने में भगवान शंकर ने दर्शन दिए और बोला कि यहां 100 यज्ञ कराओ तो यह दूसरा काशी बन जाएगा. जिसके बाद राजा ने यज्ञ कराए लेकिन 99 यज्ञ के दौरान कौवा ने हवन कुंड में हड्डी डाल दी थी, जिससे महल पलट गया.

कानपुरः जिले में स्थित दूसरे काशी कहे जाने वाला बाबा सिद्धनाथ धाम में सावन के पावन अवसर पर एक भक्त ने बाबा के ऊपर सोने-चांदी का छत्र और घंट चढ़ाया है. छत्र चढ़ाने से पहले पुजारी मुन्नी लाल पांडेय ने भक्त के साथ बाबा की पूजा अर्चना की. इसके बाद छत्र और घंटों की पूजा कर मंदिर में लगाया. मंदिर में चढ़ाए गए सोने-चांदी के छत्र और घंट को देखने दूर-दूर से लोग आ रहे हैं. मंदिर के पुजारी ने गुरुवार को कानपुर के एक भक्त ने सावन के पावन अवसर पर बाबा के ऊपर एक सोने का छत्र व घण्टा और एक चांदी का घंटा चढ़ाया है. भक्त ने यह दान गुप्त में किया है.


बताते चले कि पौराणिक मान्यता है कि जाजमऊ स्थित इस मंदिर के पास वर्षों पहले जंगल हुआ करता था. जहां एक गाय चरने आती थी और जब वापस अपने मालिक के पास शाम में जाति तो दूध नहीं देती. जिसके बाद मालिक ने अपने नौकर को गाय के पीछे लगाया तो उसने देखा कि गाय यहां आकर घास के ऊपर दूध छोड़ देती है. यह देखकर नौकर ने अपने मालिक को बताया. जिसके बाद गाय के मालिक ने गाय के दूध देने वाली जगह की सफाई कराई तो वहां शिवलिंग निकला और तब उसने यहां मन्दिर का निर्माण कराया, जो आज सिद्धनाथ धाम के नाम से जाना जाता है.

इसे भी पढ़ें-सावन झूला मेले से राम नगरी में लौटी रौनक, दूसरे जिले के श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक

कानपुर का सिद्धनाथ धाम मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है. एक और मान्यता है कि यहां पर राजा का महल हुआ करता था, जिन्हें सपने में भगवान शंकर ने दर्शन दिए और बोला कि यहां 100 यज्ञ कराओ तो यह दूसरा काशी बन जाएगा. जिसके बाद राजा ने यज्ञ कराए लेकिन 99 यज्ञ के दौरान कौवा ने हवन कुंड में हड्डी डाल दी थी, जिससे महल पलट गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.