कानपुर: शहर के बिधनू थाना क्षेत्र में डॉक्टर की लापरवाही से एक नवजात की मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर हंगामा काटा. पीड़ित परिवार कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को धरने पर बैठ गया. घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन देते हुए समझा-बुझाकर शांत कराया. मामले में परिजनों की शिकायत के आधार पर अस्पताल प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.
पीड़ित पिता अनुज कुमार द्विवेदी ने बताया कि वह अपनी पत्नी को बीती 11 फरवरी को डिलीवरी के लिए आर्किड हॉस्पिटल लेकर आया था, जोकि द्विवेदी नगर गल्ला मंडी थाना बिधनू क्षेत्र के अंतर्गत स्थित है. डॉक्टर पवन शर्मा हॉस्पिटल के प्रबंधक हैं. आरोप है कि उसने डॉक्टर को जांच की सभी रिपोर्ट दिखाकर पत्नी के केस के बारे में जानकारी दे दी. आरोप है कि इसी बीच दोपहर 3:30 बजे उनकी पत्नी को पेन बढ़ाने का इंजेक्शन दे दिया गया, जिससे उसकी हालत काफी बिगड़ गई. डिलीवरी के दौरान बच्चे का सिर भी अचानक फंस गया. इसके चलते पत्नी और बच्चा दोनों ही दर्द से 2 घंटे तक तड़पते रहे. आनन-फानन में डिलीवरी कर उन्हें दूसरे हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया. जहां, नवजात की इलाज के दौरान मौत हो गई.
अनुज ने बताया कि उसने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से भी मामले की शिकायत की थी. लिखित में 2 बार घटना से संबंधित शिकायत पत्र सीएमओ डॉ. आलोक रंजन को दिया, जिसकी उनके पास रसीद भी है. लेकिन, किसी भी प्रकार की कोई भी कार्रवाई हॉस्पिटल के खिलाफ नहीं की गई. इसके बाद मंगलवार को अनुज हॉस्पिटल के बाहर धरने पर बैठ गया. इस दौरान अनुज ने कहा कि जब तक हॉस्पिटल प्रशासन के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं होती है, तब तक वह धरने पर बैठा रहेगा. हालांकि, पुलिस प्रशासन के आश्वासन के बाद परिजनों ने धरना समाप्त कर दिया.
वहीं, सीएमओ डॉ. आलोक रंजन ने ऐसे किसी भी तरह का शिकायत पत्र मिलने से इनकार किया. उन्होंने कहा कि उन्हें इस तरह का कोई शिकायत पत्र प्राप्त नहीं हुआ. अगर ऐसी कोई शिकायत आती है तो टीम गठित कर मामले की जांच कराई जाएगी. बिधनू थाना एसएचओ सतीश राठौर ने बताया कि घटना से संबंधित परिजनों से शिकायत पत्र पुलिस को प्राप्त हुआ है. इसके आधार पर पुलिस मुकदमा पंजीकृत कर मामले की जांच कर रही है. जांच के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ेंः दस्तावेज से छेड़छाड़ का आरोप, विभाग की छवि धूमिल करने वाले डॉक्टर पर भी गिरी गाज