कानपुर: अक्सर लोगों को बैंको, सरकारी कर्मियों, पुलिस-प्रशासन के अफसरों द्वारा यह जानकारी दी जाती है कि किसी भी अनजान ई-मेल को चेक न करें. अपना वन टाइम पासवर्ड किसी से साझा न करें. बावजूद इसके हैकर और साइबर ठग किसी न किसी तरीके से लोगों को अपने जाल में फंसा ही लेते हैं। ऐसा ही एक मामला चकेरी थाना से सामने आया, जिसकी जांच में हैरान कर देने वाले खुलासे हुए. यूके(ब्रिटेन) से एक ई-मेल बायोफार्मास्युटिकल का कच्चा माल सप्लाई करने वाले राजेश गुप्ता के पास आया और जब तक राजेश कुछ समझ पाते तब तक उनके साथ पौने दो करोड़ रुपये का फ्रॉड हो गया.
कैसे हुई धोखाधड़ी: घटना का खुलासा करते हुए एसीपी साइबर अपराध बृज नारायण सिंह ने बताया कि जाजमऊ निवासी राजेश गुप्ता ने अपने साथ 1.81 करोड़ के साइबर फ्रॉड की शिकायत की थी. इसमें बताया गया था कि उन्हें यूके में स्थित डॉ. फ्रैंक नाम से आवेदक की आईडी पर खरीद की इंक्वायरी के लिए एक ई-मेल मिला था. इसमें राजेश कुमार गुप्ता से बायोफार्मास्यूटिकल सामान बनाने व मैटेरियल सप्लाई करने का जिक्र था. मेल में लिखा था कि भारत के छोटे किसानों से संपर्क कर उन्हें कच्चा माल देना है. राजेश ने जब उन लोगों से बात की तो सभी ने का हम खेती करते हैं और कच्चा माल चाहिए. इसके बाद उन्होंने उनसे माल मंगाना भी शुरू किया. उन्होंने उनके बताए हुए नौ अलग-अलग बैंकों के खातों में कुल 1,11,53,625 रुपए भेज दिए.
एसीपी साइबर अपराध ने बताया कि इसके बाद कुल 150 पैकेट माल तैयार हुआ और राजेश ने यह माल खरीद लिया. इसके एवज में उक्त राशि को लेकर राजेश ने डॉ. मैट ग्रुप को इसकी सूचना दी. जिस पर उन्होंने कहा कि हम आपका पेमेंट कराने के लिए भारत में अपना एक प्रतिनिधि भेज रहे हैं. जिसका नाम डॉक्टर ओवेन स्मिथ है, वो आपसे मिलकर आपका पेमेंट कराएंगे और आपसे 150 पैकेट डिलीवरी ले लेंगे.
उन्होंने बताया कि कुछ दिन बाद उनके पास एक व्यक्ति का फोन आया जिसने उन्हें अपना नाम डाक्यूमेंट्स में बताया और कहा कि आपको पेमेंट करने के लिए एंबेसी में कुछ एडमिनिस्ट्रेटिव चार्जेस कन्वर्सेशन चार्जर्स देने होंगे साथी ट्रैवलिंग चार्जेस भी आपको देना पड़ेगा. जिसके लिए उन्होंने 69,71,750 देने पड़ेंगे. जिससे उनके द्वारा उनके बताए गए खाते पर सारे पैसे उन्होंने डाल दिए. राजेश ने कुल 1.81 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया.
भारतीय दूतावास में देनी होगी घूस: ठगों ने राजेश से कहा कि उनकी रकम 24 घंटे में बैंक से वापस उनके पास पहुंच जाएगी. लेकिन तय समय पर रकम नहीं मिली तो राजेश ने स्मिथ से बात की. तब स्मिथ ने कहा, ट्रांजेक्शन के लिए भारतीय दूतावास में 24 लाख रुपये घूस देनी होगी. बस यह सुनते ही राजेश को शक हो गया और उन्होंने सभी ठगों के खिलाफ साइबर सेल व चकेरी थाना में मुकदमा दर्ज करा दिया.
इस पूरे मामले पर तीन अभियुक्त गिरफ्तार किए गए हैं. जिनमें जनक कुमार पटेल पुत्र अंबालाल पटेल निवासी अहमदाबाद गुजरात, रमेश कुमार जायसवाल पुत्र राम भाई जायसवाल निवासी मध्य प्रदेश और अजहर पुत्र अवनीश अंसारी निवासी मुंबई को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से चेक बुक पासबुक सिम कार्ड एटीएम कार्ड स्टैंप लैपटॉप मोबाइल फोन इत्यादि चीजें भी पुलिस ने बरामद की है.
ये भी पढ़ेंः Maharajganj crime news: फिल्मी स्टाइल में नेपाल से सस्ता सोना दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले 3 गिरफ्तार