कानपुर: मोदी सरकार द्वारा जो बजट पेश किया गया, उसमें जूता बनाने के दौरान उपयोग की जाने वाली एसेसरीज यानि फिटिंग्स उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी को फ्री कर दिया गया है. बजट में लिए गए इस फैसले से शहर के चमड़ा कारोबारियों ने राहत की सांस ली है और अब उनका कहना है कि शहर का जूता कारोबार चमकेगा.
अभी तक जूता बनाने के दौरान जब उसमें एसेसरीज लगाई जाती थीं तो कुल लागत की लगभग 20 फीसदी राशि को कस्टम ड्यूटी के रूप में भुगतान करना पड़ता था. कारोबारी इस कस्टम ड्यूटी को फ्री करने की मांग काफी समय से कर रहे थे. अब सरकार के निर्णय से उन्हें उम्मीद है कि वह बेहतर ढंग से अपना कारोबार कर सकेंगे और इस औद्योगिक नगरी की पहचान विदेशों में विस्तार लेगी.
30 फीसदी तक घट गया था कारोबार
काउंसिल फार लेदर एक्सपपोर्ट के पूर्व चेयरमैन व प्रतिष्ठित चमड़ा उद्यमी मुख्तारुल अमीन ने बताया कि शहर में जूता कारोबार का सालाना टर्नओवर करीब आठ हजार करोड़ रुपये है. जब से कोरोना महामारी आई तो पिछले साल तक 30 फीसदी कारोबार प्रभावित रहा. हालांकि, जैसे-जैसे स्थितियां ठीक हो रही हैं, वैसे-वैसे कारोबार पटरी पर लौट रहा है. उन्होंने दावा किया कि एसेसरीज पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी फ्री होने से 20 फीसदी कारोबार सालाना बढ़ जाने की पूरी उम्मीद है.
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आंकड़ों को देखें
एक्सपोर्ट व डोमेस्टिक को मिलाकर शहर से कुल कारोबार होता है 15 हजार करोड़ रुपये.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का कुल जूता कारोबार लगभग छह बिलियन डालर.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के कुल कारोबार का नया लक्ष्य 10 बिलियन डालर.
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