कानपुर: जिले में देर रात दबिश देने गई पुलिस पर अपराधियों ने घेरकर गांव में फायरिंग की, जिसमें एक डीएसपी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. वहीं 5 पुलिसकर्मी समेत सात लोग घायल हो गए. घटना शिवली थाने के बिकरू गांव में हुई. बता दें, हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे वहीं अपराधी है, जिसने 2001 में राजनाथ सिंह सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की थाने शिवली में घुसकर हत्या की थी.
एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने भी घटनास्थल पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों की शहादत बेकार नहीं जाएगी. आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस अभी भी अपराधियों की तलाश में लगी हुई है. पुलिस के हथियार भी गायब हुए हैं, जिसकी जांच चल रही है. वहीं जो लोग भी अपराध में शामिल हैं, उनको ढूंढ कर कानून के सामने पेश करेंगे और उनके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया कि पुलिस को अंदाजा नहीं था कि विकास और उसके साथी इतने असलहों के साथ अंदर मौजूद हैं. यह चूक पुलिस पर भारी पड़ गई. उन्होंने कहा कि जल्द ही मामले की उच्च स्तरीय जांच होगी. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि घटना में 5 पुलिसकर्मी समेत एक होमगार्ड और एक आम नागरिक घायल हुए हैं. वहीं कुछ पुलिसकर्मियों के हथियार भी गायब हैं.
कानपुर में हुई इस घटना से पूरे यूपी प्रशासन में हड़कम्प मच गया है. बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा, चौकी इंचार्ज मंधना अनूप कुमार, शिवराजपुर के थाना इंचार्ज महेश चंद्र यादव, दारोगा नेबु लाल समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं. वहीं 5 पुलिसकर्मी घायल हैं, जिनका इलाज कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में चल रहा है. घटना के बाद से जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए. साथ ही 50 थानों की फोर्स मौके पर तैनात है.
बता दें कि आरोपी विकास दुबे ने 2001 में भाजपा के तत्कालीन दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर हत्या की थी. जिसके बाद वह चर्चा में आया था. इस हत्याकांड के बाद से ही पुलिस को उसकी तलाश थी.
डीएम ब्रह्म देव राम तिवारी हॉस्पिटल पहुंचे और घायल पुलिस कर्मियों का हालचाल जाना. बीजेपी के स्थानीय सांसद देवेंद्र सिंह भोले भी हॉस्पिटल में पुलिसकर्मियों का हालचाल लेने पहुंचे हैं.
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