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कानपुर सड़क हादसाः किशोरों का शव गंगा बैराज मार्ग पर रख परिजनों ने लगाया जाम, 20-20 लाख मुआवजे की मांग

कानपुर में डॉक्टर के बेटे की कार से मौत हुई किशोरों के परिजनों ने शव को गंगा बैराज पर रखकर पांच घंटे तक जाम (Jam at Ganga Barrage) लगाया. परिजनों ने पुलिस प्रशासन से 20-20 लाख रुपये मुआवजा की मांग की. वहीं, परिजनों को समझाने में पुलिस अफसरों के पसीने छूट गए. आश्वास्त करने पर शव को रास्ते से हटाया गया.

किशोरों का शव गंगा बैराज पर रख परिजनों ने लगाया जाम
किशोरों का शव गंगा बैराज पर रख परिजनों ने लगाया जाम
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 27, 2023, 10:15 PM IST

किशोरों का शव गंगा बैराज पर रख परिजनों ने लगाया जाम

कानपुर: शहर के गंगा बैराज मार्ग पर आम दिनों की अपेक्षा शुक्रवार सुबह से ही सन्नाटा पसरा था. दरअसल, गुरुवार देर रात कार हादसे में कांशीराम नगर निवासी 15 साल के सागर और आशीष की मौत हो हो गई थी. शुक्रवार को गांव वालों को शव घर पहुंचने का इंतजार था. वहीं, तमाम ग्रामीण सुबह से ही पीएम हाउस में डंटे हुए थे. रास्ते में किसी तरह की अव्यवस्था न हो, इसके लिए कोहना चौकी पर नवाबगंज थाने की फोर्स तैनात की गई थी.

हादसे में क्षतिग्रस्त कार
हादसे में क्षतिग्रस्त कार

भीड़ बढ़ने पर लगाई अतिरक्त फोर्स: ऐसे में जब शुक्रवार शाम को आशीष और सागर के शव पहुंचे तो परिजनों और ग्रामीणों ने गुस्से में सड़क पर जाम लगा दिया. बैराज मार्ग जाम होते ही पूरे शहर में हड़कंप की स्थिति हो गई. नवाबगंज थाना प्रभारी ने कंट्रोल रूम में सूचना दी कि लगातार भीड़ बढ़ रही है, अतिरिक्त फोर्स भेज दीजिए.


आरोपियों को जेल भेजने की मांग : इसके बाद पुलिस की गाड़ियां बैराज मार्ग पर पहुंची तो परिजन गुस्से में खड़े थे. परिजनों ने पुलिस अफसरों को देखते ही आशीष और सागर के शव बीच सड़क पर रख दिए. परिजनों का कहना था कि 20-20 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए. सभी आरोपियों को जेल भेजा जाए. इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए. जिसपर कुछ देर तो अफसरों से परिजनों की तीखी नोंकझोंक हुई.

मांग पूरी होने के आश्वासन पर पीछे हटे परिजन: वहीं, जब परिजन काफी देर तक रास्ते से नहीं हटे तो बैराज मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. कानून व्यवस्था अनियंत्रित होती देख एडीसीपी सेंट्रल आरती सिंह मौके पर पहुंची. उन्होंने एसीपी मो.अकमल खां और नवाबगंज थाना प्रभारी रोहित तिवारी के साथ मिलकर परिजनों को आश्वस्त किया. एडीसीपी ने कहा कि सभी मांगों को पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा. तब जाकर परिजन शांत हुए और शवों को रास्ते से हटा लिया.

पांच घंटे फंसे रहे राहगीर: बैराज मार्ग पर जाम लगने की सूचना पूरे शहर में आग की तरह फैल गई. जो राहगीर जाम में फंसे थे, वह पहले तो मौके से निकलने की कोशिश कर रहे थे. जब उन्हें रास्ता नहीं मिला तो उन्होंने पुलिस और प्रशासन को जमकर कोसा. लोगों का कहना था कि न पुलिस की शय पर मैगी प्वाइंट्स की दुकानें लगती और न ही ऐसा हादसा होता. जिसमें दो 15-15 साल के लड़कों की मौत होती. वहीं, जब जाम खुला तो लोगों ने राहत की सांस ली.

यह भी पढ़ें: डॉक्टर के नाबालिग बेटे ने कार से दो किशोरों को कुचला, मौत

यह भी पढ़ें: Kanpur News: भजनलाल इंस्टीट्यूट के शिक्षक को छात्र ने मारी गोली, टीचर और एक छात्रा घायल

किशोरों का शव गंगा बैराज पर रख परिजनों ने लगाया जाम

कानपुर: शहर के गंगा बैराज मार्ग पर आम दिनों की अपेक्षा शुक्रवार सुबह से ही सन्नाटा पसरा था. दरअसल, गुरुवार देर रात कार हादसे में कांशीराम नगर निवासी 15 साल के सागर और आशीष की मौत हो हो गई थी. शुक्रवार को गांव वालों को शव घर पहुंचने का इंतजार था. वहीं, तमाम ग्रामीण सुबह से ही पीएम हाउस में डंटे हुए थे. रास्ते में किसी तरह की अव्यवस्था न हो, इसके लिए कोहना चौकी पर नवाबगंज थाने की फोर्स तैनात की गई थी.

हादसे में क्षतिग्रस्त कार
हादसे में क्षतिग्रस्त कार

भीड़ बढ़ने पर लगाई अतिरक्त फोर्स: ऐसे में जब शुक्रवार शाम को आशीष और सागर के शव पहुंचे तो परिजनों और ग्रामीणों ने गुस्से में सड़क पर जाम लगा दिया. बैराज मार्ग जाम होते ही पूरे शहर में हड़कंप की स्थिति हो गई. नवाबगंज थाना प्रभारी ने कंट्रोल रूम में सूचना दी कि लगातार भीड़ बढ़ रही है, अतिरिक्त फोर्स भेज दीजिए.


आरोपियों को जेल भेजने की मांग : इसके बाद पुलिस की गाड़ियां बैराज मार्ग पर पहुंची तो परिजन गुस्से में खड़े थे. परिजनों ने पुलिस अफसरों को देखते ही आशीष और सागर के शव बीच सड़क पर रख दिए. परिजनों का कहना था कि 20-20 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए. सभी आरोपियों को जेल भेजा जाए. इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए. जिसपर कुछ देर तो अफसरों से परिजनों की तीखी नोंकझोंक हुई.

मांग पूरी होने के आश्वासन पर पीछे हटे परिजन: वहीं, जब परिजन काफी देर तक रास्ते से नहीं हटे तो बैराज मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. कानून व्यवस्था अनियंत्रित होती देख एडीसीपी सेंट्रल आरती सिंह मौके पर पहुंची. उन्होंने एसीपी मो.अकमल खां और नवाबगंज थाना प्रभारी रोहित तिवारी के साथ मिलकर परिजनों को आश्वस्त किया. एडीसीपी ने कहा कि सभी मांगों को पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा. तब जाकर परिजन शांत हुए और शवों को रास्ते से हटा लिया.

पांच घंटे फंसे रहे राहगीर: बैराज मार्ग पर जाम लगने की सूचना पूरे शहर में आग की तरह फैल गई. जो राहगीर जाम में फंसे थे, वह पहले तो मौके से निकलने की कोशिश कर रहे थे. जब उन्हें रास्ता नहीं मिला तो उन्होंने पुलिस और प्रशासन को जमकर कोसा. लोगों का कहना था कि न पुलिस की शय पर मैगी प्वाइंट्स की दुकानें लगती और न ही ऐसा हादसा होता. जिसमें दो 15-15 साल के लड़कों की मौत होती. वहीं, जब जाम खुला तो लोगों ने राहत की सांस ली.

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