कानपुर: शहर के आनंदेश्वर मंदिर (परमट) में बीते मंगलवार की सुबह करीब 6 बजे सेवादार कन्हैयालाल का शव मिला था. मृतक के बेटे ने पुलिस को इस घटना की सूचना दी थी. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी थी. इस पूरी घटना का शुक्रवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया. घटना से जुड़ी एक ऐसी बात सामने आई है, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया.
दोस्त संग मिलकर की पिता की हत्या : शहर के ग्वालटोली थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित आनंदेश्वर मंदिर (परमट) में रहने वाले सेवादार कन्हैयालाल (60) मंदिर में सेवादार थे. कन्हैयालाल का शव मंदिर परिसर में मंगलवार सुबह करीब 6 बजे रक्तरंजित अवस्था में मिला था. बेटे ने इस पूरी घटना की सूचना पुलिस को दी थी. बेटे ने आरोप लगाया था कि मंदिर की जमीन को लेकर पिता का पड़ोसी श्याम नारायण से विवाद चल रहा था. सोमवार को उन्होंने जगह खाली करने की धमकी भी दी थी. इसी बीच जब पुलिस पूरे मामले की तहकीकात में जुटी हुई थी, तभी शुक्रवार सुबह घटना से जुड़ी ऐसी बात सामने आयी, जिसने पुलिस के आला-अफसरों के होश उड़ाकर रख दिए.
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कन्हैयालाल की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि, खुद उसके बेटे संदीप ने ही गोली मारकर की थी. पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि बेटे ने घटना को अंजाम देने से ठीक 2 दिन पहले अपनी मां को इलाज के लिए उन्नाव भेज दिया था और फिर अपने साथी संग मिलकर पिता की हत्या कर दी थी. सीसीटीवी फुटेज और घटनास्थल से मिले साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने जब बेटे से सख्ती से पूछताछ की, तो फिर इस पूरी घटना का सच सबके सामने आ गया.
इस पूरे मामले में एसीपी कर्नलगंज महेश बाबू ने बताया कि कन्हैयालाल की हत्या उसके ही बेटे ने अपने दोस्त संग मिलकर की थी. वह पुलिस को लगतार गुमराह कर रहा था. पुलिस जब इस पूरे मामले की जांच कर रही थी, तब पुलिस को कुछ ऐसे तथ्य मिले जिससे शक की सुई मृतक के बेटे पर अटक गई. इसके बाद पुलिस ने आरोपी बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरी घटना खुलासा हो गया.
डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार ने बताया कि पुलिस ने दोनों आरोपियों को संदीप कुमार वी अजय कश्यप को गिरफ्तार कर लिया है. संदीप कश्यप का काफी समय से पड़ोस में ही रहने वाले श्याम नारायण से जमीन विवाद चल रहा था. इस वाद विवाद को खत्म करने के लिए संदीप ने अपने ही पिता की हत्या करने की योजना बनाई थी. अपने बुआ के लड़के अजय कश्यप के साथ मिलकर पिता की हत्या को अंजाम दिया था.और फिर आरोप श्याम नारायण पर लगाकर रिपोर्ट दर्ज करा दी थी.
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