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कानपुर पुलिस की बड़ी लापरवाही, एक जैसा नाम होने पर अपराधी की जगह निर्दोष को भेज दिया जेल - कानपुर पुलिस कमिश्नर

यूपी के कानपुर में पुलिस (Negligence of Kanpur Police) का गजब कारनामा सामने आया है. पुलिस ने नाम एक होने के कारण निर्दोष को जेल भेज (Kanpur police sent innocent to jail) दिया. पुलिस ने जेल भेजते समय निर्दोष की एक भी नहीं सुनी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 21, 2023, 8:54 PM IST

संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने दी जानकारी.

कानपुर: कानपुर कमिश्नरेट पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. घाटमपुर थाना पुलिस ने ऐसा कारनामा किया है कि जिसकी चर्चा जोरों पर हो रही है. घाटमपुर पुलिस ने जिस आरोपी का गैर जमानती वारंट जारी था. उसकी जगह उसी नाम के दूसरे निर्देष युवक को जेल भेज दिया. निर्दोष को 10 दिन के लिए जेल काटनी पड़ी. अब जमानत पर छूटे प्रमोद कुमार साहू पुलिस कमिश्नर से शिकायत की तो उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं.

निर्दोष को काटनी पड़ी 10 की जेलः जानकारी के मुताबिक घाटमपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले प्रमोद संखवार को पुलिस ने 2021 में आर्म्स एक्ट में जेल भेजा था. इस मामले में जमानत पर छूटने के बाद और ट्रायल में समन जारी होने के बावजूद कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहा था. इसके बाद सिविल जज जूनियर डिवीजन ने 24 अगस्त को आरोपी प्रमोद कुमार संखवार के खिलाफ गैरजमानती वारंट (एनबीडब्लू) जारी किया था. इस मामले में दरोगा शुभम सिंह व हेड कांस्टेबल राजकिशोर ने 12 सितंबर को प्रमोद कुमार संखवार की जगह प्रमोद कुमार साहू को गिरफ्तार कर लिया जेल भेज दिया था.

इसे भी पढ़ें-एक अपराधी को लेकर दो थाना प्रभारियों में छिड़ी रार, डीसीपी ने दिए जांच के आदेश

पुलिस ने निर्दोष व्यक्ति की एक भी नहीं सुनीः बता दें कि घाटमपुर थाना क्षेत्र के बसंत विहार निवासी प्रमोद साहू और उनके भाई आढ़त का काम करते हैं. 22 सितंबर को जब प्रमोद साहू की जमानत हुई और वह जेल से रिहा होकर बाहर आए तो उन्होंने पुलिस कमिश्नर से इस मामले की शिकायत की. उन्होंने बताया कि उसे पुलिस द्वारा पकड़ कर चौकी लाया गया था. और उससे कहा गया कि तुम्हारा नाम प्रमोद कुमार है और तुम्हारे पिता मर गए हैं. साथ ही कहा कि तुम्हारे ऊपर कट्टा रखने का अपराध है और तुम अपनी पत्नी ऊषा को मारते- पीटते भी हो. इस पर प्रमोद का कहना है कि उसने पुलिस को बताया था कि उसकी पत्नी का नाम उषा नहीं है और वह कभी भी जेल नहीं गया है. बावजूद इसके पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी और उसे उसे जेल भेज दिया.

जांच जारी, दोषी पर की जाएगी सख्त कार्रवाईः संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि संज्ञान में आया है कि किसी हमनाम के ऊपर कारवाई की गई है, जिसकी जांच की जा रही है. जांच के दौरान अगर यह सही पाया जाता है तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिससे भविष्य में इस तरीके की लापरवाही ना हो सके. इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए सभी तथ्यों को मंगाया गया है.

इसे भी पढ़ें-एडीसीपी की जांच में दोषी पाए गए काकदेव थाना प्रभारी निलंबित, अपराधी को संरक्षण देने का लगा था आरोप

संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने दी जानकारी.

कानपुर: कानपुर कमिश्नरेट पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. घाटमपुर थाना पुलिस ने ऐसा कारनामा किया है कि जिसकी चर्चा जोरों पर हो रही है. घाटमपुर पुलिस ने जिस आरोपी का गैर जमानती वारंट जारी था. उसकी जगह उसी नाम के दूसरे निर्देष युवक को जेल भेज दिया. निर्दोष को 10 दिन के लिए जेल काटनी पड़ी. अब जमानत पर छूटे प्रमोद कुमार साहू पुलिस कमिश्नर से शिकायत की तो उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं.

निर्दोष को काटनी पड़ी 10 की जेलः जानकारी के मुताबिक घाटमपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले प्रमोद संखवार को पुलिस ने 2021 में आर्म्स एक्ट में जेल भेजा था. इस मामले में जमानत पर छूटने के बाद और ट्रायल में समन जारी होने के बावजूद कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहा था. इसके बाद सिविल जज जूनियर डिवीजन ने 24 अगस्त को आरोपी प्रमोद कुमार संखवार के खिलाफ गैरजमानती वारंट (एनबीडब्लू) जारी किया था. इस मामले में दरोगा शुभम सिंह व हेड कांस्टेबल राजकिशोर ने 12 सितंबर को प्रमोद कुमार संखवार की जगह प्रमोद कुमार साहू को गिरफ्तार कर लिया जेल भेज दिया था.

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पुलिस ने निर्दोष व्यक्ति की एक भी नहीं सुनीः बता दें कि घाटमपुर थाना क्षेत्र के बसंत विहार निवासी प्रमोद साहू और उनके भाई आढ़त का काम करते हैं. 22 सितंबर को जब प्रमोद साहू की जमानत हुई और वह जेल से रिहा होकर बाहर आए तो उन्होंने पुलिस कमिश्नर से इस मामले की शिकायत की. उन्होंने बताया कि उसे पुलिस द्वारा पकड़ कर चौकी लाया गया था. और उससे कहा गया कि तुम्हारा नाम प्रमोद कुमार है और तुम्हारे पिता मर गए हैं. साथ ही कहा कि तुम्हारे ऊपर कट्टा रखने का अपराध है और तुम अपनी पत्नी ऊषा को मारते- पीटते भी हो. इस पर प्रमोद का कहना है कि उसने पुलिस को बताया था कि उसकी पत्नी का नाम उषा नहीं है और वह कभी भी जेल नहीं गया है. बावजूद इसके पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी और उसे उसे जेल भेज दिया.

जांच जारी, दोषी पर की जाएगी सख्त कार्रवाईः संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि संज्ञान में आया है कि किसी हमनाम के ऊपर कारवाई की गई है, जिसकी जांच की जा रही है. जांच के दौरान अगर यह सही पाया जाता है तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिससे भविष्य में इस तरीके की लापरवाही ना हो सके. इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए सभी तथ्यों को मंगाया गया है.

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