कानपुरः कल्यानपुर में एक निजी हॉस्पिटल संचालक ने पैसों के लालच में बिना कोरोना जांच के ही मरीज को हॉस्पिटल के जनरल वार्ड में भर्ती कर लिया. दो दिन बाद जब मरीज की तबियत बिगड़ी तो डॉक्टर ने कोरोना की जांच कराई, जिसमें मरीज कोरोना पॉजिटिव निकला. उसके बाद भी दबंग हॉस्पिटल संचालक मरीज को जनरल वार्ड में सभी मरीजों के साथ भर्ती कर उपचार कर लाखों रुपये ऐंठ लिया. इसके बाद परिजनों ने घटना की जानकारी डायल 112 को दी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने मरीज को कोरोना हॉस्पिटल में शिफ्ट कराया और तत्काल मामले की जानकारी सीएमओ को दी. सीएमओ ने देर रात मजिस्ट्रेट से जांच कराकर कार्रवाई की बात कही.
कल्यानपुर के गोवा गर्डन निवासी मोती लाल कमल प्राइवेट कर्मी हैं. कुछ दिनों से मोती लाल को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. इसके बाद परिजन मोती लाल को पास बने नीलम सरोज हॉस्पिटल में ले जाकर दिखाया. डॉक्टरों ने मरीज को देखते ही मोती लाल की कंडीशन ठीक न होने की बात कहकर उसे भर्ती करने की बात कही. घबराए परिजनों ने भी मोती लाल को हॉस्पिटल में भर्ती कर दिया.
मोती लाल के बेटे सुनील ने बताया कि डॉक्टरों ने भर्ती करने से पहले 20 हजार रुपये जमा करवा लिए थे. इसके बाद डॉक्टरों ने उपचार शुरू कर दिया. सुनील का आरोप है कि उसने हॉस्पिटल संचालक अशोक पाल और उपचार करने वाले डॉक्टरों से कई बार कोरोना की जांच कराने की बात कही, लेकिन डॉक्टरों ने जांच कराने से मना कर दिया. वहीं जब दो दिन बाद पिता की हालत बिगड़ने लगी तो जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ गई.
उसके बाद परिजनों ने कई बार मरीज को हैलट रेफर करने की बात कही, लेकिन डॉक्टरों ने रेफर करने से मना कर दिया. साथ ही 25 हजार रुपये जमा करने की बात कही. परिजनों ने 25 हजार रुपये जमा कर दिए. तीन दिन बीतने के बाद दोबारा से हॉस्पिटल संचालक ने जब पैसे जमा करने की बात कही तो परिजन हॉस्पिटल संचालक अशोक पाल से भिड़ गए.
आरोप है कि अशोक पाल ने शराब के नशे में परिजनों को भद्दी-भद्दी गालियां तक दीं. इसके बाद परिजनों ने डायल 112 को घटना की जानकारी दी. जानकारी मिलते ही कल्याणपुर थाने की फोर्स मौके पर पहुंची और मरीज की जानकारी सीएमओ डॉक्टर अनिल मिश्रा को दी. इसके बाद सीएमओ ने मरीज को तत्काल कोविड हॉस्पिटल में भर्ती करने के आदेश दिए. वहीं परिजनों की शिकायत पर देर रात सीएमओ ने जांच कर रिपोर्ट मांगी है. सीएमओ का कहना है कि जांच पड़ताल की जा रही है. अगर हॉस्पिटल में खामियां मिलती हैं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.