कानपुर: साड़ी कारोबारी मनीष कानोडिया के पुत्र कुशाग्र का अपहरण करने के बाद जिस तरह से मर्डर किया गया, उससे साफ है कि गुरु-शिष्य का जो समाज में रिश्ता होता है वह कलंकित हुआ. एक विश्वास की जो नींव गुरु-शिष्य के बीच होती है वह नींव ढह गई. बुधवार को यह बातें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने रायपुरवा थाना क्षेत्र स्थित आचार्य नगर में साड़ी कारोबारी मनीष कानोडिया और उनके परिजनों से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कही.
गार्ड को किया सम्मानितः अजय राय ने मौके पर ही उस गार्ड राजेंद्र कुमार को सम्मानित किया, जिसने कुशाग्र हत्याकांड के खुलासे में अहम भूमिका निभाई थी. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने ये भी कहा कि अगर गार्ड राजेंद्र अपनी सक्रियता न दिखाते तो शायद यह हत्याकांड एक राज बनकर रह जाता है. वहीं, घर पर परिजनों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को पूरा मामला बताया. पत्रकारों ने अजय राय से सवाल किया कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव कह रहे हैं कि कांग्रेस ने हमसे दूरी बना ली है. इस पर कहा कि वो बात बाद में करेंगे.
बाबू सिंह के परिजनों से मिलेः वहीं, मनीष कानोडिया से मिलने के पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने चकेरी स्थित किसान बाबू सिंह के परिजनों से भी मुलाकात की. परिजनों से कहा कि दो माह से पुलिस मुख्य आरोपी प्रियरंजन आशू को नहीं पकड़ पा रही है, यह प्रदेश सरकार की विफलता का प्रमाण है. इसके बाद अजय राय ने दलित गौरव संवाद कार्यक्रम में संगठन के पदाधिकारियों से संगठनात्मक गतिविधियों पर वार्ता की.
चेहरा दिखाने से पीछे नहीं रहे कांग्रेसी: प्रदेश अध्यक्ष का शहर में मूवमेंट हो और जिले के पदाधिकारी अपना चेहरा न दिखाएं भला एेसा कैसे हो सकता है? जैसे ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष साड़ी कारोबारी मनीष कानोडिया के घर पहुंचे और परिजनों से बात करने लगे तो शहर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलोक मिश्रा, नरेश चंद्र त्रिपाठी, शहर उत्तर अध्यक्ष नौशाद आलम, हरप्रकाश अग्निहोत्री समेत अन्य नेता भी खुद की मौजूदगी का प्रमाण देने के लिए चेहरा सामने लाने लगे। कांग्रेस के पदाधिकारियों के बीच इस तरह की गतिविधियों को लेकर यह भी चर्चा थी, कि तमाम वो लोग भी अपना चेहरा दिखाना चाह रहे थे, जिन्हें लोकसभा की टिकट चाहिए.