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कानपुरः अवैध अस्पतालों पर लगातार छापेमारी कर रहा प्रशासन - fake hospitals in kanpur  

यूपी के कानपुर जिले में कोरोना काल के बीच अवैध अस्पतालों की भरमार सी हो गई है. इनमें कुछ के पास न तो रजिस्ट्रेशन है और न ही ये अस्पताल कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन करते हैं. CMO ने ऐसे अस्पतालों पर मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही उन्हें सीज करने का बीड़ा उठाया है.

अवैध अस्पताल पर प्रशासन सख्त
अवैध अस्पताल पर प्रशासन सख्त
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Published : Sep 25, 2020, 7:57 PM IST

कानपुरः कोरोना काल के बीच अवैध अस्पतालों की जिले में भरमार हो चली है. इनमें ऐसे हॉस्पिटल शामिल हैं जिनका रजिस्ट्रेशन ही नहीं है और न ही ये कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन करते हैं. इन फर्जी अस्पतालों का मकसद इलाज के नाम पर जनता से मोटी रकम वसूलना है. ऐसे में सही इलाज न मिल पाने से कुछ मरीजों को तो अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ता है और ऐसा कई बार हो चुका है. इसका संज्ञान जिले के CMO ने लेते हुए ऐसे अस्पतालों के खिलाफ एक मुहिम चलाई, इसके तहत जो भी फर्जी अस्पताल मिले, उन्हें सीज करने की कार्रवाई की जा रही है.

शुक्रवार को स्वास्थ विभाग ने कल्याणपुर स्थित प्रीति हॉस्पिटल में भी छापेमारी की और कोविड नियमों को भी चेक किया. यह अस्पताल किसी सरकारी डॉक्टर का बताया जा रहा था, जिसके पेपर भी मजिस्ट्रेट ने जांचे और रिपोर्ट तैयार की. वहीं जब उनसे यह भी पूछा गया कि क्या सरकारी डॉक्टर हॉस्पिटल चला सकता है तो इस पर उन्होंने कहा कि सरकारी तो नहीं चला सकता पर संविदा डॉक्टर चला सकता है. इसके बाद मामले की जांच की रिपोर्ट CMO अनिल कुमार को देने की बात कही गई.

कानपुरः कोरोना काल के बीच अवैध अस्पतालों की जिले में भरमार हो चली है. इनमें ऐसे हॉस्पिटल शामिल हैं जिनका रजिस्ट्रेशन ही नहीं है और न ही ये कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन करते हैं. इन फर्जी अस्पतालों का मकसद इलाज के नाम पर जनता से मोटी रकम वसूलना है. ऐसे में सही इलाज न मिल पाने से कुछ मरीजों को तो अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ता है और ऐसा कई बार हो चुका है. इसका संज्ञान जिले के CMO ने लेते हुए ऐसे अस्पतालों के खिलाफ एक मुहिम चलाई, इसके तहत जो भी फर्जी अस्पताल मिले, उन्हें सीज करने की कार्रवाई की जा रही है.

शुक्रवार को स्वास्थ विभाग ने कल्याणपुर स्थित प्रीति हॉस्पिटल में भी छापेमारी की और कोविड नियमों को भी चेक किया. यह अस्पताल किसी सरकारी डॉक्टर का बताया जा रहा था, जिसके पेपर भी मजिस्ट्रेट ने जांचे और रिपोर्ट तैयार की. वहीं जब उनसे यह भी पूछा गया कि क्या सरकारी डॉक्टर हॉस्पिटल चला सकता है तो इस पर उन्होंने कहा कि सरकारी तो नहीं चला सकता पर संविदा डॉक्टर चला सकता है. इसके बाद मामले की जांच की रिपोर्ट CMO अनिल कुमार को देने की बात कही गई.

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