कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के छात्र इंजीनियरिंग, प्रबंधन, चिकित्सा, साइबर सुरक्षा समेत अन्य पाठ्यक्रमों के अलावा अब कर्मकांड और ज्योतिष की पढ़ाई भी कर सकेंगे. इसकी शुरुआत इस सत्र से होगी, जिसके लिए छात्र-छात्राओं के लिए कोर्स में प्रवेश की प्रक्रिया भी अगले कुछ दिनों में शुरू कर दी जाएगी. विवि के दीनदयाल शोध केंद्र में इन विषयों के पाठ्यक्रमों को डिजाइन कर लिया गया है. छात्रों को अब विवि कैम्पस में डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स और परास्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में दाखिला देने की तैयारी है.
एक वर्षीय डिप्लोमा व 6 माह का होगा सर्टिफिकेट कोर्स: ईटीवी भारत से बातचीत में सीएसजेएमयू के प्रतिकुलपति प्रो. सुधीर अवस्थी ने बताया कि छात्रों को भारतीय संस्कृति और सभ्यता से सीधा जोड़ा जा सके, उन्हें ज्योतिष व कर्मकांड के क्षेत्र में पारंगत बनाया जा सके. इसी मकसद के साथ ही विवि में पीजी डिप्लोमा इन दीनदयाल अध्ययन (एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स), भारतीय ज्ञान परंपरा (छह माह का सर्टिफिकेट कोर्स) और परास्नातक स्तर पर एम इन ज्योर्तिविज्ञान शुरू किया जा रहा है. एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स के लिए छात्रों को पांच हजार रुपये शुल्क देना होगा, जबकि सर्टिफिकेट कोर्स के लिए 2500 रुपये देने होंगे. इसी तरह परास्नातक स्तर पर पढ़ाई के लिए हर साल सात हजार रुपये खर्च करने होंगे.
कोर्स शुरू होते ही मिलेगी स्कॉलरशिप: विवि के प्रतिकुलपति प्रो. सुधीर अवस्थी ने कहा, 'इन पाठ्यक्रमों की शुरुआत के साथ ही छात्रों को स्कॉलरशिप भी दिया जाएगा. हर कोर्स की 25 सीटें होंगी, उन्हें हम प्रायोजित करेंगे. इसके लिए विवि के विशेषज्ञों द्वारा लगातार शहर की सामाजिक संस्थाओं और विभिन्न वर्गों के विशिष्टजनों से संपर्क किया जा रहा है. जो छात्र दाखिला लेना चाहते हैं, वह विवि के दीनदयाल शोध केंद्र से सारी जानकारी ले सकते हैं.
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