कानपुरः थाना चौबेपुर क्षेत्र के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिस जवानों की निर्मम हत्या के मामले में पुलिस लगातार कार्रवाई बढ़ाती जा रही है. मुख्य आरोपी विकास दुबे पर पुलिस शिकंजा कसती जा रही है. ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में आईजी कानपुर रेंज मोहित अग्रवाल ने बताया कि पूरा थाना रडार पर है. थाने से जुड़े सभी सरकारी और प्राइवेट लोग शक के दायरे में हैं.
पूरा थाना शक के दायरे में
मोस्ट वांटेड पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया है वहीं 40 थानों की टीम विकास दुबे को पकड़ने के लिए लगी हुई है. इस कार्रवाई को सफल बनाने के लिए सीमावर्ती कई राज्यों में भी खोजबीन जारी है. मुखबिरी की आशंका में थाना इंचार्ज चौबेपुर विनय तिवारी को निलंबित कर जांच की जा रही है वहीं पूरा थाना शक के दायरे में है.
पेशेवर तरीके से हुई घटना
आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि जिस तरह से कुख्यात विकास दुबे और उसके गुर्गों ने स्वचालित हथियारों से पुलिस टीम पर फायरिंग की. उससे प्रतीत होता है कि जैसे नक्सली हमला किया गया हो. घात लगाकर बैठे हमलावरों ने बिल्कुल पेशेवर शूटरों की तरह से पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया. हालांकि पुलिस टीम को इतना एहसास नहीं था कि इस तरह से हमला होगा.
बदमाशों ने ऊंचाई से किया टारगेट
बदमाशों को ऊंचाई का जरूर फायदा मिला कि वह छत पर थे और पुलिस टीम नीचे थी. इस लिए बड़ी आसानी से पुलिस के जवानों को टारगेट पर लेकर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई. आईजी ने कहा कि पुलिस को इस घटना से सबक लेने की भी आवश्यकता है कि आखिर कहां हमसे चूक हो गई, जिसके चलते डिप्टी एसपी समेत हमारे 8 बहादुर जवान शहीद हो गए.
कहीं नहीं छुप पाएगा विकास दुबे
आईजी ने दावा किया कि पुलिस की शहादत जाया नहीं जाएगी. चाहे विकास दुबे पाताल में भी छुप जाए उसको हर हाल में पुलिस पकड़ कर कठोर सजा दिलाएगी. सभी अपराधियों को सीधे-सीधे संदेश जाना चाहिए कि पुलिस और कानून से भिड़ने वालों का क्या अंजाम होता है.