कानपुर: बिकरू कांड में शामिल आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट तैयार कर ली है. चार्जशीट जल्द ही कोर्ट में दाखिल की जाएगी. जानकारी के अनुसार, पुलिस के पास 4 अक्टूबर तक चार्जशीट दाखिल करने का समय है.
बता दें, पुलिस के चार्जशीट में खाकी के दामन पर लगे दाग पर मुहर लगती नजर आ रही है. पुलिस ने सीडीआर रिपोर्ट के आधार पर पाया कि विनय तिवारी ने दबिश की सूचना दारोगा केके शर्मा से विकास दुबे तक पहुंचवाई, जिस पर विकास दुबे ने पूरी जीप मारने की बात बोली. ऐसे में थाना चौबेपुर के तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और बीट दारोगा केके शर्मा पर कुख्यात विकास दुबे को संरक्षण देने के आरोप तय हुए हैं. साथ ही बिकरू कांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे के अपराधों पर लगातार पर्दा डालने के भी आरोप लगे हैं. इसी के चलते विकास दुबे का नाम टॉप 10 अपराधियों की सूची से गायब था.
दोनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ विवेचक ने पर्याप्त साक्ष्य जुटाए हैं. इतना ही नहीं, तत्कालीन थानेदार विनय तिवारी को कुख्यात विकास दुबे के आपराधिक गतिविधियों और गैंग की पूरी जानकारी थी, जिसे छिपाकर वह विकास दुबे की मदद कर रहा था.
बता दें कि घटना वाली रात विकास दुबे और उसके गुर्गों ने सुनियोजित ढंग से ताबड़तोड़ फायरिंग कर 8 पुलिस कर्मियों की निर्मम हत्या की थी. वहीं थाना चौबेपुर के एसओ पुलिस दबिश के दौरान सबसे पीछे चल रहे थे, उन्होंने हमले के वक्त पुलिस वालों को छोड़कर अपने आप को सुरक्षित कर लिया था. पुलिस की विवेचना के दौरान कुल 44 आरोपितों को चिन्हित किया गया था. इसमें से 36 आरोपी जेल में हैं. वहीं विकास दुबे समेत 6 आरोपी एनकाउंटर में मार गिराए गए. इस मामले में पुलिस अब तक चार्जशीट में चश्मदीद पुलिसकर्मियों समेत 150 गवाहों के बयान दर्ज कर चुकी है.
बिकरू कांड की चार्जशीट में कहीं कोई खामी न रह जाए, इसके लिए बाकायदा 5 थानेदारों को लगाया गया है. इसमें मुख्य विवेचक की भूमिका थाना रेल बाजार प्रभारी दधिबल तिवारी निभा रहे हैं, जबकि बाकी थाना प्रभारी सहयोग कर रहे हैं.