ETV Bharat / state

बोल रहे निर्यातक, वाह री मोदी सरकार ! अब शिपमेंट पर भी GST की मार

author img

By

Published : Oct 7, 2022, 9:01 PM IST

केन्द्र सरकार ने अब शिपमेंट पर भी जीएसटी लगा दी है. 30 सितंबर से पहले किसी भी तरह की जीएसटी नहीं लागू थी. यह नया नियम एक अक्टूबर से लागू हो गया है. इससे व्यापारियों की मुसीबते बढ़ गई हैं.

शिपमेंट पर भी जीएसटी
शिपमेंट पर भी जीएसटी

कानपुर: एक ओर जहां केंद्र में मोदी सरकार और दूसरी ओर सूबे में योगी सरकार की मंशा है कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो. इसके लिए सरकार लगातार यह तो कह रही है कि वह कारोबारियों, उद्यमियों और निर्यातकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. मगर, निर्यातकों की पीड़ा इससे बिल्कुल अलग है. कुछ दिनों पहले ही केंद्र सरकार ने निर्यातकों को जीएसटी के माध्यम से एक बड़ा झटका दिया है.

जानकारी देते आलोक श्रीवास्तव


दरअसल ऐसे निर्यायत जिनका कारोबार शिपमेंट पर आधारित है. अब उन्हें अपने उत्पादों के लिए लगने वाले मालभाड़ा ढुलाई (फ्रेट) पर जीएसटी देना होगा. एक अक्टूबर से निर्यातकों के लिए यह संकट सरकार की ओर से आया है, जबकि उससे पहले 30 सितंबर तक उक्त उत्पादों की माल ढुलाई पूरी तरह से जीएसटी मुक्त थी.

रूस युद्ध के बाद से यूरोपीय देश कैंसल कर रहे आर्डर, बढ़ रहीं चुनौतियां: शहर में लेदर कारोबारी व काउंसिल फार लेदर एक्सपोर्ट के पूर्व चेयरमैन मुख्तारुल अमीन ने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से जो भी यूरोपीय देश हैं वह आर्डर कैंसल कर रहे हैं. इससे निर्यातकों की मुश्किलें पहले से बढ़ी हुई थीं. अब जीएसटी लागू होने की वजह से और अधिक राशि फंस जाएगी. कहीं, न कहीं इससे कारोबार प्रभावित होगा.

इसी तरह सीएलई के वाइस चेयरमैन आरके जालान ने कहा कि नई व्यवस्था से कारोबारियों की रकम लगभग एक से डेढ़ माह तक फंसी रहेगी. इससे कहीं न कहीं उनको नुकसान होगा. हालांकि, निर्यातकों की ओर से इस मामले में वित्त मंत्री को पत्र भेजा गया है. ऐसे निर्यातक जो एयर शिपमेंट के तहत कारोबार करते थे. उन्हें निर्यात के लिए लगने वाले भाड़ा पर 30 सितंबर तक किसी तरह का जीएसटी नहीं देना होता था. हालांकि, अब एक अक्टूबर से उन्हें जीएसटी देना होगा. सरकार के इस निर्णय से निर्यातकों को परेशानी होना लाजिमी है.

इन आंकड़ों को देखें:

वित्तीय वर्ष 2021-22 में यूपी के अंदर कुल निर्यात हुआ: 45681 करोड़ रुपये
वित्तीय वर्ष 2022-23 में यूपी के अंदर कुल निर्यात हुआ: 60578 करोड़ रुपये
एक साल के अंदर कुल वृद्धि: 4.88 प्रतिशत
वित्तीय वर्ष 2021-22 में कानपुर से कुल निर्यात हुआ: 2411 करोड़ रुपये
वित्तीय वर्ष 2022-23 में कानपुर से कुल निर्यात हुआ: 3156 करोड़ रुपये
शहर में कुल सीधा निर्यात करने वाले निर्यातकों की संख्या: 700-800
यूपी में कुल सीधा निर्यात करने वाले निर्यातकों की संख्या: 8000-10000

यह भी पढे़ं:कानपुर में लव ट्रैंगल में युवक की अपहरण के बाद हत्या, गर्लफ्रेंड समेत तीन गिरफ्तार

यह भी पढे़ं:बारिश ने मौसम किया खुशनुमा तो मायूस हुआ बुराई पर अच्छाई का पर्व, देखें Video

कानपुर: एक ओर जहां केंद्र में मोदी सरकार और दूसरी ओर सूबे में योगी सरकार की मंशा है कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो. इसके लिए सरकार लगातार यह तो कह रही है कि वह कारोबारियों, उद्यमियों और निर्यातकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. मगर, निर्यातकों की पीड़ा इससे बिल्कुल अलग है. कुछ दिनों पहले ही केंद्र सरकार ने निर्यातकों को जीएसटी के माध्यम से एक बड़ा झटका दिया है.

जानकारी देते आलोक श्रीवास्तव


दरअसल ऐसे निर्यायत जिनका कारोबार शिपमेंट पर आधारित है. अब उन्हें अपने उत्पादों के लिए लगने वाले मालभाड़ा ढुलाई (फ्रेट) पर जीएसटी देना होगा. एक अक्टूबर से निर्यातकों के लिए यह संकट सरकार की ओर से आया है, जबकि उससे पहले 30 सितंबर तक उक्त उत्पादों की माल ढुलाई पूरी तरह से जीएसटी मुक्त थी.

रूस युद्ध के बाद से यूरोपीय देश कैंसल कर रहे आर्डर, बढ़ रहीं चुनौतियां: शहर में लेदर कारोबारी व काउंसिल फार लेदर एक्सपोर्ट के पूर्व चेयरमैन मुख्तारुल अमीन ने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से जो भी यूरोपीय देश हैं वह आर्डर कैंसल कर रहे हैं. इससे निर्यातकों की मुश्किलें पहले से बढ़ी हुई थीं. अब जीएसटी लागू होने की वजह से और अधिक राशि फंस जाएगी. कहीं, न कहीं इससे कारोबार प्रभावित होगा.

इसी तरह सीएलई के वाइस चेयरमैन आरके जालान ने कहा कि नई व्यवस्था से कारोबारियों की रकम लगभग एक से डेढ़ माह तक फंसी रहेगी. इससे कहीं न कहीं उनको नुकसान होगा. हालांकि, निर्यातकों की ओर से इस मामले में वित्त मंत्री को पत्र भेजा गया है. ऐसे निर्यातक जो एयर शिपमेंट के तहत कारोबार करते थे. उन्हें निर्यात के लिए लगने वाले भाड़ा पर 30 सितंबर तक किसी तरह का जीएसटी नहीं देना होता था. हालांकि, अब एक अक्टूबर से उन्हें जीएसटी देना होगा. सरकार के इस निर्णय से निर्यातकों को परेशानी होना लाजिमी है.

इन आंकड़ों को देखें:

वित्तीय वर्ष 2021-22 में यूपी के अंदर कुल निर्यात हुआ: 45681 करोड़ रुपये
वित्तीय वर्ष 2022-23 में यूपी के अंदर कुल निर्यात हुआ: 60578 करोड़ रुपये
एक साल के अंदर कुल वृद्धि: 4.88 प्रतिशत
वित्तीय वर्ष 2021-22 में कानपुर से कुल निर्यात हुआ: 2411 करोड़ रुपये
वित्तीय वर्ष 2022-23 में कानपुर से कुल निर्यात हुआ: 3156 करोड़ रुपये
शहर में कुल सीधा निर्यात करने वाले निर्यातकों की संख्या: 700-800
यूपी में कुल सीधा निर्यात करने वाले निर्यातकों की संख्या: 8000-10000

यह भी पढे़ं:कानपुर में लव ट्रैंगल में युवक की अपहरण के बाद हत्या, गर्लफ्रेंड समेत तीन गिरफ्तार

यह भी पढे़ं:बारिश ने मौसम किया खुशनुमा तो मायूस हुआ बुराई पर अच्छाई का पर्व, देखें Video

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.