कानपुर: रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले डायरेक्टर जनरल ऑफ क्वालिटी एश्योरेंस यानी डीजीक्यूए कांप्लेक्स स्थित सामान्य वस्तु नियंत्रणालय में वर्ष 2016 में छह क्लर्कों की भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच शुरू हो गई है. दिल्ली सीबीआई के डायरेक्टर ने भर्ती में हुए भ्रष्टाचार की जांच के आदेश दिए हैं. उनके निर्देश पर लखनऊ मुख्यालय में तैनात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राम सिंह के नेतृत्व में नियुक्ति बोर्ड में शामिल रहे सभी अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष रखने को कहा गया है. इतना ही नहीं सीबीआई की टीम नियुक्ति बोर्ड में शामिल रहे सभी नामित सदस्यों से पूछताछ भी करेगी.
दरअसल दिल्ली हेड क्वार्टर में तैनात डीजीक्यूए के निर्देशों के तहत विभाग के तत्कालीन नियंत्रक देवकीनंदन ने 6 क्लर्कों की नियुक्ति के लिए आदेश करके ऑफिस के सीनियर अधिकारी डॉ. संतोष तिवारी को भर्ती बोर्ड का चेयरमैन नामित किया था. उनकी ही देखरख में अभ्यर्थियों की परीक्षा हुई. परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद भी नियुक्ति न होने की शिकायत अभ्यर्थियों ने रक्षा मंत्री, डीजीक्यूए और सीबीआई को पत्र भेज कर की थी.
अभ्यर्थियों ने नियुक्ति में भाई-भतीजावाद का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर तत्कालीन रक्षामंत्री रहे मनोहर पर्रिकर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए थे, जिस पर विभाग के तत्कालीन महानिदेशक विजिलेंस लेफ्टिनेंट जनरल शमशेर सिंह ने जांच कराई. इसमें शिकायत में सत्यता पाई गई.
महानिदेशक के आदेश पर सभी छह क्लर्कों को बर्खास्त कर दिया गया था, लेकिन सभी क्लर्कों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा कर बर्खास्तगी के आदेश के खिलाफ कोर्ट से स्टे ले लिया था. तब से सभी क्लर्क अपनी सीटों पर कार्यरत हैं. हाल ही में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के पास भी शिकायतें पहुंचीं तो सीबीआई सक्रिय हुई और जांच शुरू कर दी गयी है.