ईपीएफ के विभागीय अफसरों का कहना है, कि मुख्यालय से जांच के लिए ईपीएफ विभाग के सहायक निदेशक विजिलेंस आए थे. सहायक निदेशक विजिलेंस के साथ सीबीआइ की 5 सदस्यीय टीम आई थी.
ईपीएफ के अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्रीय ऑफिस में आई टीम ने पिछले 2 सालों में कोरोना काल के दौरान सामने आए केस की जानकारी ली. मुख्यालय से आई टीम ने जानकारी ली की कोरोना महामारी के दौरान कब आवेदन आए, कब तक भुगतान किया गया. साथ ही पेंशन समेत कार्यालय से जुड़ी सभी गतिविधियों का रिकार्ड चेक किया. इसके बाद सीबीआइ अफसरों ने पीएफ कार्यालय के अधिकारियों से कई फाइलें मांगकर उनकी जांच की.
ईपीएफ स्टाफ संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत शुक्ला ने बताया कि मुख्यालय से देश के 50 अलग-अलग शहरों में टीमें भेजी जा रही हैं. टीम के सदस्यों ने मुख्य रूप से कोरोना महामारी के दौरान आए मामले व भुगतान की जानकारी ली है. उन्होंने बताया कि जब सीबीआइ टीम के सदस्य कार्यालय आए थे, तो छापे की चर्चा हो गई थी.
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