ETV Bharat / state

कानपुर: कैग ने पकड़े हवाला के दो मामले, शक के घेरे में आयकर अधिकारी

कानपुर में आयकर विभाग में फैले भ्रष्टाचार की एक और बानगी देखने को मिली है. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में आयकर अफसरों के इस भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है. कैग ने देश के 13 राज्यों के आयकर विभाग से संबंधित 260 प्रकरणों को अपनी जांच का हिस्सा बनाया. इनमें दो मामले कानपुर से संबंधित पाए गए हैं.

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक.
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक.
author img

By

Published : Oct 10, 2020, 5:50 AM IST

कानपुर: जनपद में बढ़ते भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है. आयकर विभाग में फैले भ्रष्टाचार की कैग रिपोर्ट आने के बाद बड़ा खुलासा हुआ है. इसमें हवाला के 156 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला सामने आया है. अफसरों ने आंखों के सामने से गुजरे करोड़ों रुपये के हवाला रैकेट की जड़ें ढूंढने के बजाय उस पर मिट्टी डाल दी. न तो रकम इधर से उधर करने वाले कारोबारी पर शिकंजा कसा और न ही रकम हासिल करने वालों पर.

कैग की रिपोर्ट में आयकर अफसरों के इस भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है. कैग ने देश भर में 13 राज्यों के आयकर विभाग से संबंधित 260 प्रकरणों को अपनी जांच का हिस्सा बनाया था. इसमें कानपुर के दो मामले भी शामिल हैं. एक मामला 156 करोड़ रुपए के हवाला रैकेट से जुड़ा हुआ है, जिसे आयकर विभाग ने भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया और मामले को रफा-दफा कर दिया.

कैग की रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में प्रधान आयकर आयुक्त के निर्देश पर एक कारोबारी के यहां छापा मारा गया था, जहां से बड़े पैमाने पर नकदी, ज्वेलरी, संपत्तियों के दस्तावेज, लॉकर मिले थे. वहीं 2 साल तक इस प्रकरण की जांच चली. इसके बाद सिर्फ मामूली टैक्स ,चोरी की रकम जमा कराई गई. वहीं जब कैग ने इस प्रकरण का ऑडिट किया तो पता चला कि कारोबारी हवाला रैकेट से जुड़ा हुआ था. कैग ने जब दस्तावेज खंगाले तो इस बात की पुष्टि भी हुई.

एक ऐसा ही मामला 202 करोड़ रुपए का है, जहां एक कारोबारी ने 202 करोड़ रुपए का कैश लोन दिखाया. जबकि लोन कभी कैश में नहीं होता है यानी लोन हमेशा बैंक से उसके खाते में ट्रांसफर किया जाता है. वहीं आयकर विभाग ने इसमें भी बड़ा भ्रष्टाचार किया है, जो कि कैग रिपोर्ट के बाद सामने आया. आयकर विभाग की तरफ से दलील दी गई कि कारोबारी ने 115 करोड़ रुपए की आय सरेंडर कर दी. जबकि कारोबारी ने अपने आयकर रिटर्न में इतनी रकम कभी दिखाई ही नहीं. यानी अफसरों ने कभी उसका रिटर्न भी चेक नहीं किया. इससे कहीं ना कहीं सीधे तौर पर भ्रष्टाचार की पोल खुलती दिखाई देती है.

कानपुर: जनपद में बढ़ते भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है. आयकर विभाग में फैले भ्रष्टाचार की कैग रिपोर्ट आने के बाद बड़ा खुलासा हुआ है. इसमें हवाला के 156 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला सामने आया है. अफसरों ने आंखों के सामने से गुजरे करोड़ों रुपये के हवाला रैकेट की जड़ें ढूंढने के बजाय उस पर मिट्टी डाल दी. न तो रकम इधर से उधर करने वाले कारोबारी पर शिकंजा कसा और न ही रकम हासिल करने वालों पर.

कैग की रिपोर्ट में आयकर अफसरों के इस भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है. कैग ने देश भर में 13 राज्यों के आयकर विभाग से संबंधित 260 प्रकरणों को अपनी जांच का हिस्सा बनाया था. इसमें कानपुर के दो मामले भी शामिल हैं. एक मामला 156 करोड़ रुपए के हवाला रैकेट से जुड़ा हुआ है, जिसे आयकर विभाग ने भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया और मामले को रफा-दफा कर दिया.

कैग की रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में प्रधान आयकर आयुक्त के निर्देश पर एक कारोबारी के यहां छापा मारा गया था, जहां से बड़े पैमाने पर नकदी, ज्वेलरी, संपत्तियों के दस्तावेज, लॉकर मिले थे. वहीं 2 साल तक इस प्रकरण की जांच चली. इसके बाद सिर्फ मामूली टैक्स ,चोरी की रकम जमा कराई गई. वहीं जब कैग ने इस प्रकरण का ऑडिट किया तो पता चला कि कारोबारी हवाला रैकेट से जुड़ा हुआ था. कैग ने जब दस्तावेज खंगाले तो इस बात की पुष्टि भी हुई.

एक ऐसा ही मामला 202 करोड़ रुपए का है, जहां एक कारोबारी ने 202 करोड़ रुपए का कैश लोन दिखाया. जबकि लोन कभी कैश में नहीं होता है यानी लोन हमेशा बैंक से उसके खाते में ट्रांसफर किया जाता है. वहीं आयकर विभाग ने इसमें भी बड़ा भ्रष्टाचार किया है, जो कि कैग रिपोर्ट के बाद सामने आया. आयकर विभाग की तरफ से दलील दी गई कि कारोबारी ने 115 करोड़ रुपए की आय सरेंडर कर दी. जबकि कारोबारी ने अपने आयकर रिटर्न में इतनी रकम कभी दिखाई ही नहीं. यानी अफसरों ने कभी उसका रिटर्न भी चेक नहीं किया. इससे कहीं ना कहीं सीधे तौर पर भ्रष्टाचार की पोल खुलती दिखाई देती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.