कानपुर: 'पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा बेटा हमारा ऐसा काम करेगा...' इस गाने को आपने खूब सुना होगा. सभी बच्चों के माता-पिता यही सोचते भी हैं, और वह अपना तन-मन-धन खर्च करके बेटों को इंजीनियर और पीएचडी की डिग्री दिलवाते हैं. लेकिन, कभी-कभार कुछ बेटे ऐसे काम करते हैं, जो माता-पिता को कहीं मुंह दिखाने लायक तक नहीं छोड़ते. मंगलवार को एक ऐसा ही मामला कानपुर में सामने आया. क्राइम ब्रांच व गोविंद नगर थाना पुलिस ने मुखबिर की सटीक सूचना पर नकली नोट छापने वाले तीन शातिरों को करीब 4.59 लाख रुपये के नकली नोट संग गिरफ्तार कर लिया. इसमें से एक ने तो बीटेक किया है, जबकि दूसरा पीएचडी धारक है. पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड ने इस मामले की जानकारी वार्ता कर दी. उन्होंने उन्होंने बताया कि अभियुक्तों के पास से नोट छापने वाली मशीन, प्रिंटर समेत अन्य जरूरत का सामान बरामद हुआ है.
फिरोजाबाद से नकली नोट छापने का चल रहा था धंधा: पुलिस उपायुक्त के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद पूछताछ करने पर अभियुक्त विमल ने बताया कि वह अपने दो दोस्त कुंवर और सौरभ के साथ फिरोजाबाद में नकली नोट छापने का काम शुरू कर चुका था. उनके जिम्मे रुपये मुहैया कराना था और वे लोग फिरोजाबाद में रहते हैं. आरोपी विमल ने बताया कि हम सभी के बीच तय हुआ था कि नकली नोट छापकर उन्हें प्रदेश के हर शहर, खासतौर से ग्रामीण इलाकों में खपाएंगे. हालांकि पुलिस ने मुखबिरों के सहारे हमें पकड़ लिया.
पूछताछ में बोले अभियुक्त: अभियुक्त कुंवर अनुज कुमार उर्फ छोटू ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि उसने भीलवाड़ा राजस्थान से टेक्सटाइल में बीटेक इंजीनियर की डिग्री ली हुई है. वर्तमान में कोई जॉब नहीं कर रहा है. अभियुक्त सौरव सिंह ने बताया कि वह पीएचडी की डिग्री ली है और वर्तमान में ईंटों का भट्टा का चलाता है. विमल सिंह चौहान ने बीए स्नातक डिग्री ली हुई है और अपनी गाड़ी चलाता है.
यू-ट्यूब से लिया आइडियाः संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि अभियुक्तों ने इस काम के लिए यू-ट्यूब से आइडिया लिया. इसके बाद तय किया कि इस काम को अपने बिजनेस के तौर पर शुरू करेंगे. हालांकि पुलिस ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया. आरोपी के पास से एक प्रिंटर इप्सोन, स्याही, पेपर रिम, स्केल, काटने के लिए ब्लेड, तीन मोबाइल फोन, 459050 के नकली नोट बरामद हुए हैं. संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि गोविंद नगर थाना और क्राइम ब्रांच पुलिस को 50 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया है.