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अब भारतीय भाषाओं में होंगी उच्च और तकनीकी शिक्षा-प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें

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Published : Jul 8, 2023, 7:33 PM IST

अब भारतीय राज्य भाषाओं में विद्यार्थियों के लिए उच्च, तकनीकी शिक्षा व प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें होंगी. भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. छामू कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हर राज्य में की भाषाओं में पुस्तकें तैयार करने का काम शुरू हो गया है.

दो दिवसीय शिक्षा मंथन
दो दिवसीय शिक्षा मंथन
भारतीय भाषाओं में होंगी उच्च, तकनीकी शिक्षा व प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें

कानपुर: जुलाई के अंतिम सप्ताह में नई शिक्षा नीति के तीन वर्ष पूरे हो जाएंगे. उस दिन (29 जुलाई) को दिल्ली में पीएम मोदी भारतीय भाषाओं में तैयार उच्च, तकनीकी शिक्षा व प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकों का विमोचन करेंगे. इस दौरान लगभग 100 पुस्तकों का विमोचन होगा. जिससे आने वाले समय में देश के छात्र भारतीय भाषाओं यानी हिंदी और अन्य राज्य भाषाओं में सभी किताबों को पढ़ सकेंगे, भले ही वह विज्ञान और वाणिज्य विषय हो. यह जानकारी भारतीय भाषा समिति नई दिल्ली के अध्यक्ष पद्मश्री डा.छामू कृष्ण शास्त्री ने शनिवार को दी. वह कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में आयोजित दो दिवसीय शिक्षा मंथन कार्यक्रम में शामिल होने आए थे.

उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने के दौरान कुछ राज्यों ने हिंदी को लेकर विरोध जरूर किया था. लेकिन अब सभी राज्यों में भारतीय भाषाओं में पाठ्य पुस्तकों, संदर्भ ग्रंथों को तैयार करने का काम शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा कि शिक्षा मातृभाषा माध्यम में हो, इसका कोई विरोध नहीं कर रहा है. जब उनसे पूछा गया कि एक देश एक बोर्ड करने की भी कोई कवायद चल रही है क्या, तो कहा कि इसकी उन्हें जानकारी नहीं है. उन्होंने यह जरूर कहा कि हर राज्य अपनी भाषा को प्रमोट जरूर करता है.


भारतीय भाषा में शिक्षा हो, इसके लिए सभी को भेजा प्रस्ताव: भारतीय भाषा समिति की ओर से नई कवायद क्या होने वाली है? इस सवाल के जवाब में डा.छामू कृष्ण शास्त्री ने बताया कि भारतीय भाषा समिति की ओर से शिक्षा मंत्रालय व तमाम शिक्षण संस्थानों को यह प्रस्ताव भेजा गया कि वह अपनी पाठ्य पुस्तकों को भारतीय भाषाओं में प्रकाशित करवाएं. इसके अलावा भारतीय भाषाओं को सीखने, सिखाने संबंधी प्रशिक्षण कार्यक्रम भी जल्द शुरू किए जाएंगे. यही नहीं, तकनीकों के उपयोग संबंधी जानकारियों को भी स्कूल स्तर तक लेकर का काम किया जाना है.

यह भी पढ़ें: सीएसजेएमयू में शिक्षा जगत के दिग्गजों का जमावड़ा, शिक्षा पर करेंगे मंथन

भारतीय भाषाओं में होंगी उच्च, तकनीकी शिक्षा व प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें

कानपुर: जुलाई के अंतिम सप्ताह में नई शिक्षा नीति के तीन वर्ष पूरे हो जाएंगे. उस दिन (29 जुलाई) को दिल्ली में पीएम मोदी भारतीय भाषाओं में तैयार उच्च, तकनीकी शिक्षा व प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकों का विमोचन करेंगे. इस दौरान लगभग 100 पुस्तकों का विमोचन होगा. जिससे आने वाले समय में देश के छात्र भारतीय भाषाओं यानी हिंदी और अन्य राज्य भाषाओं में सभी किताबों को पढ़ सकेंगे, भले ही वह विज्ञान और वाणिज्य विषय हो. यह जानकारी भारतीय भाषा समिति नई दिल्ली के अध्यक्ष पद्मश्री डा.छामू कृष्ण शास्त्री ने शनिवार को दी. वह कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में आयोजित दो दिवसीय शिक्षा मंथन कार्यक्रम में शामिल होने आए थे.

उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने के दौरान कुछ राज्यों ने हिंदी को लेकर विरोध जरूर किया था. लेकिन अब सभी राज्यों में भारतीय भाषाओं में पाठ्य पुस्तकों, संदर्भ ग्रंथों को तैयार करने का काम शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा कि शिक्षा मातृभाषा माध्यम में हो, इसका कोई विरोध नहीं कर रहा है. जब उनसे पूछा गया कि एक देश एक बोर्ड करने की भी कोई कवायद चल रही है क्या, तो कहा कि इसकी उन्हें जानकारी नहीं है. उन्होंने यह जरूर कहा कि हर राज्य अपनी भाषा को प्रमोट जरूर करता है.


भारतीय भाषा में शिक्षा हो, इसके लिए सभी को भेजा प्रस्ताव: भारतीय भाषा समिति की ओर से नई कवायद क्या होने वाली है? इस सवाल के जवाब में डा.छामू कृष्ण शास्त्री ने बताया कि भारतीय भाषा समिति की ओर से शिक्षा मंत्रालय व तमाम शिक्षण संस्थानों को यह प्रस्ताव भेजा गया कि वह अपनी पाठ्य पुस्तकों को भारतीय भाषाओं में प्रकाशित करवाएं. इसके अलावा भारतीय भाषाओं को सीखने, सिखाने संबंधी प्रशिक्षण कार्यक्रम भी जल्द शुरू किए जाएंगे. यही नहीं, तकनीकों के उपयोग संबंधी जानकारियों को भी स्कूल स्तर तक लेकर का काम किया जाना है.

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