कानपुरः लखनऊ से गिरफ्तार अलकायदा के दो आतंकियों से पूछताछ के बाद उनका कानपुर कनेक्शन सामने आया है. जिसके बाद यूपी एटीएस ने कानपुर में दबिश दी. वे गिरफ्तार आतंकियों के साथियों की तलाश में कानपुर गए थे. जानकारी के अनुसार एटीएस की टीम ने शहर के एक बिल्डर के साथ-साथ तीन से चार हिस्ट्रीशीटर को भी हिरासत में लिया है. वहीं महिलाओं की तलाश में देर रात एटीएस ने पनकी में भी दबिश दी है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अलकायदा में कानपुर के 8 इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स भी शामिल थे. वहीं लखनऊ से गिरफ्तार आतंकियों के बाद से 4 दिनों में सभी स्टूडेंट अंडरग्राउंड चल रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक बकरीद से पहले बड़ी बैठक में तय होना था कि ब्लास्ट कहां-कहां करना है. महिला मानव बम का भी आतंकियों का प्लॉन था. लखनऊ में पकड़े गए आतंकियों ने खुलासा किया है.
वहीं आतंकियों ने कानपुर में 3 महिलाओं के मानव बम होने की भी पुष्टि की थी. जिसके बाद एटीएस ने 3 महिलाओं की तलाश में कानपुर के पनकी थाना क्षेत्र में देर रात दबिश दी थी. लेकिन महिलाएं मौके से गायब मिलीं. जिनकी तलाश में कानपुर में जगह-जगह दबिश दी जा रही है.
3 दिन पहले गिरफ्तार हुए थे 2 आतंकी
3 दिन पहले एटीएस ने लखनऊ से अलकायदा के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था. इन दोनों आतंकियों के जरिए अलकायदा ने लखनऊ को बकरीद से पहले दहलाने की योजना बनाई थी. इसके लिए पिछले जनवरी से भीड़-भाड़े वाले इलाकों की दोनों ने बुलेट से रेकी की थी. इस योजना को अजाम तक पहुंचाने के लिए कश्मीर से दो कमांडर तौहीद और मूसा आने वाले थे. जो शुक्रवार को होने वाले धमाके की तारीख और समय तय करते. जिसके बाद राजधानी में तबाही का मंजर खड़ा किया जाता. इसकी पूरी तैयारी कर ली गयी थी.
कानपुर में छिपे हैं आतंकियों के साथी!
मसीरूद्दीन और मिनहाज का हैंडलर उमर हलमंदी पाकिस्तान में बैठा है. सूत्रों के मुताबिक मसीरूद्दीन और मिनहाज कानपुर समेत उत्तर प्रदेश के कई अहम शहरों के युवाओं को आतंकी संगठन में जोड़ने का काम कर रहे थे. इनके कई साथियों के कानपुर में छिपे होने की भी ख़बर है. जो इनके लिए काम करते हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक पकड़े गए दोनों आतंकियों के पासे एटीएस को कानपुर रक्षा संस्थानों के नक्शे मिले हैं. इसके साथ ही दोनों कानपुर भी आए थे. शहर के कई स्थानों का निरीक्षण किया था. एटीएस की पूछताछ में पता चला है कि इनके साथी कानपुर में ही हैं. ये कानपुर से जुड़ी जानकारियों को आतंकियों तक पहुंचाते थे. दोनों ही आतंकी अपने सहयोगियों की मदद से किसी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे.
राजधानी से दो आतंकियों के पकड़े जाने के बाद कानपुर पुलिस हाई अलर्ट पर है. कानपुर सेंट्रल स्टेशन, बस अड्डे समेत शहर के प्रमुख स्थानों पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. संदिग्ध गाड़ियों को भी चेक किया जा रहा है. इसके साथ ही शहर के भीतर आने वाली गाड़ियों पर भी पैनी नजर रखी जा रही है.
कानपुर में हुई आतंकी घटनाएं
21 साल पहले 14 अगस्त 2000 में आर्यनगर में पहला कुकर बम धमाका हुआ था. सचेंडी से 11 सितंबर 2009 को आईएसआई एजेंट इम्तियाज की गिरफ्तारी हुई थी. इसके साथ ही दूसरे आईएसआई एजेंट वकास की गिरफ्तारी बिठूर से 27 सितंबर 2009 को हुई थी. 18 सितबंर 2011 को एटीएस ने रेल बाजार से रहमान उर्फ गुड्डू को अरेस्ट किया था. रहमान आईएसआई एजेंट था. वो पाकिस्तान को जानकारी भेजता था. पटना विस्फोट करने वाले एक संदिग्ध को भी एटीएस ने 14 अप्रैल को पनकी स्टेशन से ही गिरफ्तार किया था.
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2017 में आईएसआईएस के आतंकियों के खुरासान मॉड्यूल का खुलासा हुआ था. एटीएस ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के करूज्जमा उर्फ कमरूद्दीन को 14 सितंबर 2018 को जाजमऊ से अरेस्ट किया था.