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अग्निवीर अभ्यर्थी बोले- एक दिन के लिए ही सही, सेना की वर्दी पहनना गर्व की बात

अग्निपथ योजना को लेकर जून के महीने में देशभर में विरोध चल रहा था. यह विरोध देखकर उम्मीद की जा रही थी कि युवा इस भर्ती में खास रुचि नहीं लेंगे. लेकिन इस भर्ती के लिए मिले आवेदन और परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों की भीड़ देखकर लोगों के सारे भ्रम टूट गए हैं. इस पर अभ्यर्थियों का कहना है कि एक दिन के लिए ही सही, सेना की वर्दी पहनना हमारे लिए गर्व की बात है.

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अग्निपथ योजना
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Published : Jul 25, 2022, 4:40 PM IST

कानपुर: केंद्र सरकार की तरफ से अग्निपथ योजना की जानकारी साझा करते ही देशभर में इसका विरोध शुरू हो गया था. युवाओं ने आक्रोश जताते हुए कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन किए थे. देश के युवा सरकार की इस योजना से खुश नहीं थे. हालांकि भर्ती निलकते ही युवाओं का गुस्सा शांत हो गया और बड़ी संख्या में युवाओं ने इसमें हिस्सा भी लिया है. अग्निपथ योजना के तहत सेना भर्ती की परीक्षा बीते रविवार से शुरू हो चुकी है. कानपुर के परीक्षा केंद्रों में अभ्यर्थियों की भारी भीड़ देखने को मिली. इस दौरान युवाओं ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा कि सेना की वर्दी पहनना गर्व की बात है.

सोमवार को दूर-दराज शहरों से आकर कानपुर के काकादेव पहुंचे युवाओं ने ईटीवी से बातचीत की. युवाओं का कहना है कि वह योजना से खुश नहीं हैं. लेकिन उनके दिल में जो देशसेवा का भाव है, उसके तहत वह योजना का लाभ लेंगे. आगरा से आए अभ्यर्थी हरिओम सिंह ने कहा कि इससे पहले जो भर्ती होनी थी, उसमें उनका चयन लगभग तय था. अंतिम समय में भर्ती निरस्त कर अग्निवीर योजना को लाया गया. अभ्यर्थी ने कहा कि वो इस योजना से खुश नहीं हैं, लेकिन एक दिन के लिए भी वर्दी पहनना हमारे लिए गर्व की बात है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अभ्यर्थी

राजस्थान से आए अभ्यर्थी जतिन सिंह ने कहा योजना में रुचि नहीं है, क्योंकि नौकरी के लिए पांच साल की समय सीमा निर्धारित कर दी गई है. मगर, देश सेवा के लिए सेना में जाना है. अलीगढ़ से आए लकी ठेनुआ ने कहा कि योजना जो भी हो, बस देशसेवा करनी है. परिवार के कई सदस्य पहले से सेना में हैं. उनसे ही सेना में जाने की प्रेरणा मिली है.

यह भी पढ़ें- जवानों की भर्ती में जाति कॉलम पर बोले राजनाथ- 'ये नियम आजादी से पहले का है, कोई बदलाव नहीं हुआ'

बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत सेना भर्ती की बीते 24 जुलाई रविवार से शुरू हुई परीक्षा 31 जुलाई तक होनी है. रोजाना तीन पालियों में यह परीक्षा चल रही है. गाइडलाइंस के मुताबिक कोई भी परीक्षार्थी फुल शर्ट या टीशर्ट पहनकर परीक्षा केंद्र के अंदर नहीं जा सकेंगे. लेकिन जानकारी के अभाव में अभ्यर्थी फुल शर्ट और टीशर्ट पहनकर आ रहे हैं. इसके चलते गाइडलाइन का पालन करते हुए उन्हें केवल बनियान पहनकर परीक्षा देनी पड़ रही है.

परीक्षा केंद्र संचालक के मुताबिक परीक्षा को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से कई निर्देश जारी हुए हैं. उसके तहत युवा जेब वाली या फुल बांह वाली शर्ट और टीशर्ट पहनकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं कर सकते. इसलिए परीक्षा केंद्र के बाहर ही उनकी शर्ट और टी-शर्ट उतरवाई जा रही हैं. इसके अलावा इलेक्ट्रानिक उपकरणों को लेकर अंदर नहीं जा सकते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि 45 मिनट के पेपर में युवाओं को 50 सवालों के जवाब देने होते हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

कानपुर: केंद्र सरकार की तरफ से अग्निपथ योजना की जानकारी साझा करते ही देशभर में इसका विरोध शुरू हो गया था. युवाओं ने आक्रोश जताते हुए कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन किए थे. देश के युवा सरकार की इस योजना से खुश नहीं थे. हालांकि भर्ती निलकते ही युवाओं का गुस्सा शांत हो गया और बड़ी संख्या में युवाओं ने इसमें हिस्सा भी लिया है. अग्निपथ योजना के तहत सेना भर्ती की परीक्षा बीते रविवार से शुरू हो चुकी है. कानपुर के परीक्षा केंद्रों में अभ्यर्थियों की भारी भीड़ देखने को मिली. इस दौरान युवाओं ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा कि सेना की वर्दी पहनना गर्व की बात है.

सोमवार को दूर-दराज शहरों से आकर कानपुर के काकादेव पहुंचे युवाओं ने ईटीवी से बातचीत की. युवाओं का कहना है कि वह योजना से खुश नहीं हैं. लेकिन उनके दिल में जो देशसेवा का भाव है, उसके तहत वह योजना का लाभ लेंगे. आगरा से आए अभ्यर्थी हरिओम सिंह ने कहा कि इससे पहले जो भर्ती होनी थी, उसमें उनका चयन लगभग तय था. अंतिम समय में भर्ती निरस्त कर अग्निवीर योजना को लाया गया. अभ्यर्थी ने कहा कि वो इस योजना से खुश नहीं हैं, लेकिन एक दिन के लिए भी वर्दी पहनना हमारे लिए गर्व की बात है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अभ्यर्थी

राजस्थान से आए अभ्यर्थी जतिन सिंह ने कहा योजना में रुचि नहीं है, क्योंकि नौकरी के लिए पांच साल की समय सीमा निर्धारित कर दी गई है. मगर, देश सेवा के लिए सेना में जाना है. अलीगढ़ से आए लकी ठेनुआ ने कहा कि योजना जो भी हो, बस देशसेवा करनी है. परिवार के कई सदस्य पहले से सेना में हैं. उनसे ही सेना में जाने की प्रेरणा मिली है.

यह भी पढ़ें- जवानों की भर्ती में जाति कॉलम पर बोले राजनाथ- 'ये नियम आजादी से पहले का है, कोई बदलाव नहीं हुआ'

बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत सेना भर्ती की बीते 24 जुलाई रविवार से शुरू हुई परीक्षा 31 जुलाई तक होनी है. रोजाना तीन पालियों में यह परीक्षा चल रही है. गाइडलाइंस के मुताबिक कोई भी परीक्षार्थी फुल शर्ट या टीशर्ट पहनकर परीक्षा केंद्र के अंदर नहीं जा सकेंगे. लेकिन जानकारी के अभाव में अभ्यर्थी फुल शर्ट और टीशर्ट पहनकर आ रहे हैं. इसके चलते गाइडलाइन का पालन करते हुए उन्हें केवल बनियान पहनकर परीक्षा देनी पड़ रही है.

परीक्षा केंद्र संचालक के मुताबिक परीक्षा को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से कई निर्देश जारी हुए हैं. उसके तहत युवा जेब वाली या फुल बांह वाली शर्ट और टीशर्ट पहनकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं कर सकते. इसलिए परीक्षा केंद्र के बाहर ही उनकी शर्ट और टी-शर्ट उतरवाई जा रही हैं. इसके अलावा इलेक्ट्रानिक उपकरणों को लेकर अंदर नहीं जा सकते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि 45 मिनट के पेपर में युवाओं को 50 सवालों के जवाब देने होते हैं.

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