कानपुर: झांसी में हुए पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर पर कानपुर जोन के एडीजी ने प्रेस कांफ्रेंस की. उन्होंने कहा कि सिटिंग जज से मामले में जांच की मांग की गई है. साथ ही कहा कि अभी तक जो भी जांच हो रही है, उसमें एनएचआरसी की गाइड लाइन का पालन हो रहा है. एडीजी ने कहा कि अगर अन्य कोई डिमांड आती है तो उस पर विचार किया जाएगा.
सिटिंग जज से जांच की गई है मांग
झांसी में हुए पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर पर राजनीतिक शुरू हो गई है. झांसी में बुधवार को पूर्व सीएम अखिलेश यादव पुष्पेंद्र के घर वालों से मुलाकात करने गए थे. इस दौरान उन्होंने एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए हाईकोर्ट के सिंटिंग जज से जांच कराने की मांग की थी. पूर्व सीएम अखिलेश की मांग पर कानपुर जोन के एडीजी प्रेमप्रकाश ने देर शाम प्रेस कांफ्रेंस करके पुलिस की स्थिति साफ करते हुए बताया की सिटिंग जज से जांच की मांग की गई है. लेकिन अभी जो एनएचआरसी की गाइड लाइन है, उसमें ऐसा प्रावधान नहीं है. उन्होंने कहा कि नियमत: प्रावधान के मुताबिक पालन अभी तक किया जा रहा है.
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थाना इंचार्ज धर्मेंद्र सिंह के बचाव में उतरे एडीजी
एडीजी ने यह भी जानकारी दी कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पास से गोली चलाए जाने की बात आई है, लेकिन असली हकीकत फोरेन्सिक रिपोर्ट से आएगी. उन्होंने पुष्पेंद्र पर पांच मुकदमे दर्ज होने की जानकारी दी. उनका यह भी कहना था कि मुठभेड़ में, जिस धर्मेंद्र सिंह का नाम लिया जा रहा है, वह तो घायल था. उसके एनकाउंटर में पुष्पेंद्र की मौत नहीं हुई है. एडीजी ने बताया कि मौत गुरसराय थाने के दारोगा सभाजीत से एनकाउंटर में हुई है. एडीजी ने यह भी साफ किया कि थाना इंचार्ज धर्मेंद्र से पुष्पेंद्र की दोस्ती नहीं थी. पुष्पेंद्र यादव ने पांच बार एसएचओ को फोन किया. केवल घटना वाले दिन ही धर्मेंद्र ने पुष्पेंद्र को फोन किया था, वह भी केवल 27 सेकेण्ड की कॉल है.