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फर्रुखबाद के रेस्क्यू ऑपरेशन में जानें क्या थी वजह, एडीजी कानपुर जोन ने दी जानकारी

फर्रुखाबाद जिले के करथिया गांव में गुरुवार को बंधक बनाए बच्चों को यूपी पुलिस ने बचा लिया. पुलिस और एटीएस की टीम ने रेस्क्यू के दौरान आरोपी को मार गिराया. वहीं पुलिस की इस कार्रवाई पर अब सवाल भी उठने लगे हैं कि यूपी पुलिस को रेस्क्यू में आखिर इतना समय कैसे लग गया?

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फर्रुखबाद के रेस्क्यू ऑपरेशन में जानें क्या थी वजह, एडीजी कानपुर जोन ने दी जानकारी
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Published : Jan 31, 2020, 11:41 PM IST

कानपुर: फर्रुखाबाद जिले के करथिया गांव में गुरुवार को बंधक बनाए गए सभी बच्चों को सकुशल बचा लिया गया. पुलिस और एटीएस टीम ने रेस्क्यू के दौरान बच्चों को बंधक बनाने वाले सुभाष बाथम को देर रात मार गिराया. साथ ही उग्र बेकाबू भीड़ ने सिरफिरे सुभाष बाथम की पत्नी को पीट-पीट कर मार डाला. पुलिस द्वारा बच्चों को छुड़ाने का रेस्क्यू ऑपरेशन करीब 9 घंटे चला.

फर्रुखबाद के रेस्क्यू ऑपरेशन में जानें क्या थी वजह, एडीजी कानपुर जोन ने दी जानकारी

अब, पुलिस के रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं कि यूपी पुलिस को रेस्क्यू ऑपरेशन में 9 घंटे का लंबा वक्त क्यों लग गया? इतना ही नहीं पुलिस को एटीएस और एनएसजी कमांडो को भी बुलाना पड़ा. तो वहीं क्यों इतनी फोर्स होने के बावजूद सिरफिरे बाथम की पत्नी के साथ भीड़ ने सारे नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए, मौके पर ही पीट-पीट कर मौत के घाट उतार डाला.

ईटीवी भारत से बात करते हुए एडीजी जयनारायण सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने बिना किसी अन्य फोर्स के आने के पहले ही बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. इसका पूरा श्रेय उत्तर प्रदेश पुलिस को जाता है. जब उनसे पूछा गया कि इस रेस्क्यू ऑपरेशन में उत्तर प्रदेश पुलिस को 9 घंटे क्यों लग गए? तो उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए हम लोग कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहे थे. बच्चों को बचाना हमारी प्राथमिकता थी. इस कारण इसमें इतना समय लग गया.

वहीं सुभाष की पत्नी की मौत पर उन्होंने कहा कि ग्रामीण बहुत गुस्से में थे और बहुत अधिक संख्या में थे. गांव वालों ने उत्तेजित होकर आरोपी की पत्नी से मारपीट की. पुलिस ने बचाने की कोशिश की लेकिन जब तक उसे अस्पताल ले जाया गया, वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई .

कानपुर: फर्रुखाबाद जिले के करथिया गांव में गुरुवार को बंधक बनाए गए सभी बच्चों को सकुशल बचा लिया गया. पुलिस और एटीएस टीम ने रेस्क्यू के दौरान बच्चों को बंधक बनाने वाले सुभाष बाथम को देर रात मार गिराया. साथ ही उग्र बेकाबू भीड़ ने सिरफिरे सुभाष बाथम की पत्नी को पीट-पीट कर मार डाला. पुलिस द्वारा बच्चों को छुड़ाने का रेस्क्यू ऑपरेशन करीब 9 घंटे चला.

फर्रुखबाद के रेस्क्यू ऑपरेशन में जानें क्या थी वजह, एडीजी कानपुर जोन ने दी जानकारी

अब, पुलिस के रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं कि यूपी पुलिस को रेस्क्यू ऑपरेशन में 9 घंटे का लंबा वक्त क्यों लग गया? इतना ही नहीं पुलिस को एटीएस और एनएसजी कमांडो को भी बुलाना पड़ा. तो वहीं क्यों इतनी फोर्स होने के बावजूद सिरफिरे बाथम की पत्नी के साथ भीड़ ने सारे नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए, मौके पर ही पीट-पीट कर मौत के घाट उतार डाला.

ईटीवी भारत से बात करते हुए एडीजी जयनारायण सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने बिना किसी अन्य फोर्स के आने के पहले ही बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. इसका पूरा श्रेय उत्तर प्रदेश पुलिस को जाता है. जब उनसे पूछा गया कि इस रेस्क्यू ऑपरेशन में उत्तर प्रदेश पुलिस को 9 घंटे क्यों लग गए? तो उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए हम लोग कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहे थे. बच्चों को बचाना हमारी प्राथमिकता थी. इस कारण इसमें इतना समय लग गया.

वहीं सुभाष की पत्नी की मौत पर उन्होंने कहा कि ग्रामीण बहुत गुस्से में थे और बहुत अधिक संख्या में थे. गांव वालों ने उत्तेजित होकर आरोपी की पत्नी से मारपीट की. पुलिस ने बचाने की कोशिश की लेकिन जब तक उसे अस्पताल ले जाया गया, वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई .

Intro:कानपुर:-फरुखाबाद के रेसक्यू ऑपरेशन की सफलता में क्यो लगे पुलिस को 9 घंटे



उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में बंधक संकट तो खत्म हो गया । बच्चों को भी सकुशल बरबाद कर लिया गया। साथ ही पुलिस और एटीएस की टीम ने बच्चों को बंधक बनाने वाले सुभाष बाथम को देर रात मार गिराया और उग्र बेकाबू भीड़ ने सिरफिरे सुभाष बाथम की पत्नी को पीट-पीट कर मार डाला। पुलिस का रेस्क्यू ऑपरेशन बंधक संकट करीब 9 घंटे चला। फरुखाबाद के मोहम्मदाबाद के कठरिया गॉंव में सुभाष ने बच्चों को बंधक बना लिया था।
अब ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है कि आधुनिक हो चुकी उत्तर प्रदेश पुलिस को आखिर क्यों 9 घंटे का लंबा वक्त लग गया इतना ही नही पुलिस को एटीएस और एनएसजी कमांडो को भी बुलाना पड़ा तो वही क्यों इतनी फ़ोर्स होने के बावजूद सिरफिरे बाथम की पत्नी के साथ भीड़ ने सारे नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए मौके पर ही पीट-पीट कर मौत के घाट उतार डाला।





Body:इन सभी सवालों के जवाब दिए एडीजी कानपुर जोन जय नारायण सिंह ने।
ईटीवी भारत से बात करते हुए एडीजी जयनारायण सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने बिना किसी अन्य फोर्स के आने के पहले ही बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया इसका सिर्फ पूरा उत्तर प्रदेश पुलिस को जाता है जब उनसे पूछा गया कि इस रेस्क्यू ऑपरेशन में उत्तर प्रदेश पुलिस को 9 घंटे लग गए तो उन्होंने इस पर कहा कि बच्चों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए हम लोग कोई भी कार्यवाही नहीं कर रहे थे बच्चे बचाना हमारी प्राथमिकता थी इस कारण इस मिश्रण में इतना समय लग गया वही सुभाष की पत्नी की मौत पर उन्होंने कहा कि ग्रामीण बहुत गुस्से में थे और बहुत अधिक संख्या में थे उन्होंने उत्तेजित होकर उसकी मारपीट कर दी पुलिस ने बचाने की कोशिश की लेकिन जब तक उसे अस्पताल ले जाया गया वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई .

बाईट:-जय नारायण सिंह....एडीजी कानपुर जोन


note:-सर इस ख़बर की फीड लाइव यूनिट से adg_on_farukkabad नाम से भेजी गई थी।
रजनीश दीक्षित,
कानपुर।





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