कानपुर: फर्रुखाबाद जिले के करथिया गांव में गुरुवार को बंधक बनाए गए सभी बच्चों को सकुशल बचा लिया गया. पुलिस और एटीएस टीम ने रेस्क्यू के दौरान बच्चों को बंधक बनाने वाले सुभाष बाथम को देर रात मार गिराया. साथ ही उग्र बेकाबू भीड़ ने सिरफिरे सुभाष बाथम की पत्नी को पीट-पीट कर मार डाला. पुलिस द्वारा बच्चों को छुड़ाने का रेस्क्यू ऑपरेशन करीब 9 घंटे चला.
अब, पुलिस के रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं कि यूपी पुलिस को रेस्क्यू ऑपरेशन में 9 घंटे का लंबा वक्त क्यों लग गया? इतना ही नहीं पुलिस को एटीएस और एनएसजी कमांडो को भी बुलाना पड़ा. तो वहीं क्यों इतनी फोर्स होने के बावजूद सिरफिरे बाथम की पत्नी के साथ भीड़ ने सारे नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए, मौके पर ही पीट-पीट कर मौत के घाट उतार डाला.
ईटीवी भारत से बात करते हुए एडीजी जयनारायण सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने बिना किसी अन्य फोर्स के आने के पहले ही बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. इसका पूरा श्रेय उत्तर प्रदेश पुलिस को जाता है. जब उनसे पूछा गया कि इस रेस्क्यू ऑपरेशन में उत्तर प्रदेश पुलिस को 9 घंटे क्यों लग गए? तो उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए हम लोग कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहे थे. बच्चों को बचाना हमारी प्राथमिकता थी. इस कारण इसमें इतना समय लग गया.
वहीं सुभाष की पत्नी की मौत पर उन्होंने कहा कि ग्रामीण बहुत गुस्से में थे और बहुत अधिक संख्या में थे. गांव वालों ने उत्तेजित होकर आरोपी की पत्नी से मारपीट की. पुलिस ने बचाने की कोशिश की लेकिन जब तक उसे अस्पताल ले जाया गया, वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई .