कानपुर: संजीत यादव के परिवार से एडीजी पीएचक्यू बीपी जोगदंड शनिवार को मिलने आए थे. वहीं आपको बताते चलें बीपी जोगदंड पीड़ित परिवार से मिलकर जैसे ही निकले, वैसे ही बीपी जोगदंड से मीडिया ने सवाल किए, वह मीडिया के सवालों से भागते हुए नजर आए. वहीं पीड़ित परिवार ने बीपी जोगदंड की गाड़ी को रोककर हंगामा शुरू कर दिया. संजीत यादव के शव की मांग को लेकर हंगामा करने लगे. वहीं वहां मौजूद अधिकारियों ने स्थानीय लोगों और पीड़ित परिवार को शांत कर वापस भेजा, जिसके बाद बीपी जोगदंड वहां से निकल पाए.
जिले के बर्रा थाने क्षेत्र में हुए अपहरण में संजीत यादव के अपहरण के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. बर्रा थाना पुलिस को गच्चा देकर शातिर अपहरणकर्ता फिरौती के 30 लाख रुपये लेकर फरार हो गए और युवक को भी नहीं छोड़ा. 22 जून को पैथोलॉजी में कार्यरत संजीत यादव का घर आते समय अपहरण हो गया था. इसके बाद संजीत को छोड़ने के लिए परिजनों को फिरौती की रकम के साथ कानपुर के गुजैनी फ्लाईओवर के ऊपर बुलाया था. परिजन जब फ्लाईओवर पर पहुंचे तो पुलिस भी उनके पीछे-पीछे अपहरणकर्ताओं को पकड़ने के लिए लगी थी. अपहरणकर्ता के कहने पर परिजनों ने पैसे से भरे बैग को फ्लाईओवर के नीचे फेंक दिया. वह पैसे कहां गए किसी को नहीं पता चला, क्योंकि अपहरणकर्ताओं ने संजीत के अपहरण के बाद मर्डर की बात तो कबूल कर ली, लेकिन रुपये की बात अभी तक नहीं कबूल की है.
वहीं, पीड़ित परिवार का कहना है कि हमने 30 लाख की रकम फ्लाईओवर से नीचे फेंकी थी. इसी की जांच करने आए लखनऊ से कानपुर एडीजी पीएचक्यू बीपी जोगदंड कल भी पीड़ित परिवार से मिलने आए थे और कल भी मीडिया से बिना बात करे ही चले गए थे. वहीं शनिवार को भी बीपी जोगदंड पीड़ित परिवार से बात कर जैसे ही गाड़ी में बैठने लगे, तो पीड़ित परिवार ने स्थानीय लोगों के साथ हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद समझा-बुझाकर लोगों को शांत कराया गया, जिसके बाद बीपी जोगदंड वहां से जा पाए.