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निगम के लेखाधिकारी ने अभियंत्रण विभाग से मांगा योजनाओं में खर्च का हिसाब

कानपुर नगर निगम के मुख्य वित्त और लेखाधिकारी ने अपने ही विभाग के इंजीनियर्स से योजनाओं में हुए खर्च का हिसाब मांगा है. जिसके बाद से पूरे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.

अभियंत्रण विभाग से मांगा योजनाओं में खर्च का हिसाब
अभियंत्रण विभाग से मांगा योजनाओं में खर्च का हिसाब
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Published : Dec 7, 2020, 9:12 PM IST

कानपुर: नगर निगम के मुख्य वित्त और लेखाधिकारी ने अपने ही विभाग के इंजीनियर्स से अब तक केडीए द्वारा हस्तानांतरित की गई योजनाओं में किए गए खर्च और बचे हुए धन का हिसाब मांग लिया है. जिसके बाद से ही पूरे अभियंत्रण विभाग में खलबली मची हुई है. इन योजनाओं के विकास कार्यों की अगर जांच हो जाएगी तो अभियंत्रण विभाग में हो रही धांधली की पोल खुल जाएगी. बता दें कि अधूरे पड़े विकास कार्य के चलते नगर निगम केडीए की कॉलोनी को हस्तांतरित नहीं कर पा रहा है. इसके चलते लाखों लोग विकास कार्यों को लेकर परेशान हैं. मामला शासन तक पहुंचने के बाद दोनों विभाग ने सर्वे किया तो हर कॉलोनी में विकास कार्य अधूरा मिला.

लेखाधिकारी ने मुख्य अभियंता से तलब की रिपोर्ट
केडीए ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में नगर निगम को अपनी 15 योजना हस्तानांतरित की थी. साथ ही केडीए ने योजनाओं में अधूरे कामों को पूरा कराने के लिए हर योजना के लिए धनराशि भी दी थी. जिसके लिए नगर निगम ने टेंडर कर आगे काम भी शुरू कर दिए थे. अब इन योजनाओं को लेकर मुख्य वित्त और लेखा अधिकारी ने मुख्य अभियंता कैलाश सिंह से रिपोर्ट तलब की है. नगर आयुक्त ने रिपोर्ट देने के आदेश मुख्य अभियंता को दिए हैं.

यह कॉलोनी हुई हैं हस्तानांतरित
केडीए ने नगर निगम को पनकी आवासीय योजना, पनकी आवासीय योजना शताब्दी नगर, वाजिदपुर, अन्नपूर्णा, जरौली वसुंधरा विहार, स्वर्ण जयंती विहार, गंगापुर फेज एक तीन और चार, अंबेडकर नगर, स्वर्ण जयंती विहार सनिगवां 5 और 9, रविदास पुरम योजना, गुजैनी, इस्पात नगर योजना 1 और 2, अर्रा बिनगवा, खाड़ेपुर, चंद्र नगरी योजना दो, दबौली वेस्ट, वरुण विहार व तात्याटोपे नगर और आवास विकास हंसपुरम योजनाएं हस्तानांतरित की है.

कानपुर: नगर निगम के मुख्य वित्त और लेखाधिकारी ने अपने ही विभाग के इंजीनियर्स से अब तक केडीए द्वारा हस्तानांतरित की गई योजनाओं में किए गए खर्च और बचे हुए धन का हिसाब मांग लिया है. जिसके बाद से ही पूरे अभियंत्रण विभाग में खलबली मची हुई है. इन योजनाओं के विकास कार्यों की अगर जांच हो जाएगी तो अभियंत्रण विभाग में हो रही धांधली की पोल खुल जाएगी. बता दें कि अधूरे पड़े विकास कार्य के चलते नगर निगम केडीए की कॉलोनी को हस्तांतरित नहीं कर पा रहा है. इसके चलते लाखों लोग विकास कार्यों को लेकर परेशान हैं. मामला शासन तक पहुंचने के बाद दोनों विभाग ने सर्वे किया तो हर कॉलोनी में विकास कार्य अधूरा मिला.

लेखाधिकारी ने मुख्य अभियंता से तलब की रिपोर्ट
केडीए ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में नगर निगम को अपनी 15 योजना हस्तानांतरित की थी. साथ ही केडीए ने योजनाओं में अधूरे कामों को पूरा कराने के लिए हर योजना के लिए धनराशि भी दी थी. जिसके लिए नगर निगम ने टेंडर कर आगे काम भी शुरू कर दिए थे. अब इन योजनाओं को लेकर मुख्य वित्त और लेखा अधिकारी ने मुख्य अभियंता कैलाश सिंह से रिपोर्ट तलब की है. नगर आयुक्त ने रिपोर्ट देने के आदेश मुख्य अभियंता को दिए हैं.

यह कॉलोनी हुई हैं हस्तानांतरित
केडीए ने नगर निगम को पनकी आवासीय योजना, पनकी आवासीय योजना शताब्दी नगर, वाजिदपुर, अन्नपूर्णा, जरौली वसुंधरा विहार, स्वर्ण जयंती विहार, गंगापुर फेज एक तीन और चार, अंबेडकर नगर, स्वर्ण जयंती विहार सनिगवां 5 और 9, रविदास पुरम योजना, गुजैनी, इस्पात नगर योजना 1 और 2, अर्रा बिनगवा, खाड़ेपुर, चंद्र नगरी योजना दो, दबौली वेस्ट, वरुण विहार व तात्याटोपे नगर और आवास विकास हंसपुरम योजनाएं हस्तानांतरित की है.

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