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सुपरहीरो बनने के भ्रम को बच्चे ने किया 'यथार्थ', देखें कारनामा

दुनिया में दो चीजें हैं. पहला भ्रम और दूसरा यथार्थ यानी सत्य. भ्रम यह है कि आम इंसान सुपरहीरो स्पाइडर मैन की तरह दीवारों पर नहीं चढ़ सकता है, जबकि सत्य यह है कि सात साल का बालक यथार्थ यह कारनामा कर लेता है. वह पलक झपकते ही 12 फुट ऊंची दीवार पर स्पाइडर मैन की तरह चढ़ जाता है.

स्पाइडर ब्वॉय यथार्थ
स्पाइडर ब्वॉय यथार्थ
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Published : Sep 8, 2020, 2:28 PM IST

कानपुर: जिले के 7 वर्षीय यथार्थ अब जूनियर स्पाइडर ब्वॉय के नाम से सुर्खियां बटोर रहे हैं. यर्थार्थ 12 फुट की ऊंची दीवार पर पल भर में बिना किसी सहारे के चढ़ जाते हैं. यथार्थ का यह शौक अब जुनून बन गया है. यथार्थ तीसरी कक्षा के छात्र हैं. वहीं उनके माता-पिता अब उन्हें खेल-कूद की दिशा में भी बढ़ावा दे रहे हैं.

दरअसल, यथार्थ स्पाइडर मैन की फिल्मों को बड़े ही शौक से देखता है. इसी फिल्म से प्रेरित होकर उसने दीवारों पर चढ़ना शुरू किया. स्पाइडर मैन की तरह दीवारों पर चढ़ने के लिए यथार्थ घर में ही छिप-छिप कर दीवारों पर चढ़ने का अभ्यास करने लगा, क्योंकि जब भी उसके माता-पिता की नजर उस पर पड़ती तो उसके दीवार पर चढ़ने के लिए डांट भी पड़ती. शुरुआत में उसके माता-पिता को उसका यह काम सही नहीं लगता था और वह उसे बार-बार मना करते थे. उन्हें डर था कि यथार्थ अगर गिर गया तो उसके हाथ-पैर भी टूट सकते हैं. हालांकि यथार्थ ने दीवारों पर चढ़ना बंद नहीं किया और यह अब उसका सबसे पसंदीदा खेल बन चुका था.

स्पाइडर ब्वॉय यथार्थ के कारनामे.

दीवार पर चढ़ते समय यथार्थ किसी छिपकली की तरह अपने हाथों और पैरों को पंजे की तरह दीवार से चिपका लेता है. एक दिन यथार्थ के रिश्तेदार उसके घर आए हुए थे. उन्होंने जब देखा कि यथार्थ बिना किसी सहारे के बिल्कुल स्पाइडर मैन की तरह दीवार पर चढ़ गया, तो उन्होंने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. यहां पर जूनियर स्पाइडर ब्वॉय को 5 लाख लोगों ने न सिर्फ देखा, बल्कि उसकी सराहना भी की.

इसके बाद यथार्थ के शिक्षक, पिता और मां का उसके दीवार पर चढ़ने की आदत के प्रति नजरिया बदला. अब उन्हें अपने बेटे के इस विलक्षण गुण पर नाज है. यथार्थ के माता-पिता अब उसको एथलीट गेम्स के लिए खेलने की छूट देने की बात कह रहे हैं. वहीं जूनियर स्पाइडर ब्वॉय यथार्थ बड़ा होकर आईपीएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करना चाहता है.

यथार्थ के पिता ने कहा कि पहले जब यथार्थ दीवार पर चढ़ता था, तो उसे डांटते थे, लेकिन एक दिन उसके मामा घर आए और उन्होंने इसकी वीडियो फेसबुक पर अपलोड कर दी. इसको उन्होंने भी देखा. उनका कहना है कि अब वह स्कूल खुलने के बाद प्रिंसिपल से बात करके यथार्थ के खेल-कूद पर भी विशेष ध्यान देने के लिए बात करेंगे.

वहीं यथार्थ की मां का कहना है कि पहले तो डर लगता था, लेकिन फिर बाद में सोचा कि सभी में यह टैलेंट नहीं होता. अगर यथार्थ में यह टैलेंट है तो वह उसके इस टैलेंट को निखारने का काम करेंगी. यथार्थ की मां ने कहा कि वह चाहती हैं कि यथार्थ आगे चलकर एथलीट बने और वह इसके लिए यथार्थ का एडमिशन भी किसी एथलीट कॉलेज में कराना चाहती हैं.

इसे भी पढ़ें- आगरा: केमिकल और सोल फैक्ट्री में लगी भीषण आग, सेना से मांगी गई मदद

कानपुर: जिले के 7 वर्षीय यथार्थ अब जूनियर स्पाइडर ब्वॉय के नाम से सुर्खियां बटोर रहे हैं. यर्थार्थ 12 फुट की ऊंची दीवार पर पल भर में बिना किसी सहारे के चढ़ जाते हैं. यथार्थ का यह शौक अब जुनून बन गया है. यथार्थ तीसरी कक्षा के छात्र हैं. वहीं उनके माता-पिता अब उन्हें खेल-कूद की दिशा में भी बढ़ावा दे रहे हैं.

दरअसल, यथार्थ स्पाइडर मैन की फिल्मों को बड़े ही शौक से देखता है. इसी फिल्म से प्रेरित होकर उसने दीवारों पर चढ़ना शुरू किया. स्पाइडर मैन की तरह दीवारों पर चढ़ने के लिए यथार्थ घर में ही छिप-छिप कर दीवारों पर चढ़ने का अभ्यास करने लगा, क्योंकि जब भी उसके माता-पिता की नजर उस पर पड़ती तो उसके दीवार पर चढ़ने के लिए डांट भी पड़ती. शुरुआत में उसके माता-पिता को उसका यह काम सही नहीं लगता था और वह उसे बार-बार मना करते थे. उन्हें डर था कि यथार्थ अगर गिर गया तो उसके हाथ-पैर भी टूट सकते हैं. हालांकि यथार्थ ने दीवारों पर चढ़ना बंद नहीं किया और यह अब उसका सबसे पसंदीदा खेल बन चुका था.

स्पाइडर ब्वॉय यथार्थ के कारनामे.

दीवार पर चढ़ते समय यथार्थ किसी छिपकली की तरह अपने हाथों और पैरों को पंजे की तरह दीवार से चिपका लेता है. एक दिन यथार्थ के रिश्तेदार उसके घर आए हुए थे. उन्होंने जब देखा कि यथार्थ बिना किसी सहारे के बिल्कुल स्पाइडर मैन की तरह दीवार पर चढ़ गया, तो उन्होंने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. यहां पर जूनियर स्पाइडर ब्वॉय को 5 लाख लोगों ने न सिर्फ देखा, बल्कि उसकी सराहना भी की.

इसके बाद यथार्थ के शिक्षक, पिता और मां का उसके दीवार पर चढ़ने की आदत के प्रति नजरिया बदला. अब उन्हें अपने बेटे के इस विलक्षण गुण पर नाज है. यथार्थ के माता-पिता अब उसको एथलीट गेम्स के लिए खेलने की छूट देने की बात कह रहे हैं. वहीं जूनियर स्पाइडर ब्वॉय यथार्थ बड़ा होकर आईपीएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करना चाहता है.

यथार्थ के पिता ने कहा कि पहले जब यथार्थ दीवार पर चढ़ता था, तो उसे डांटते थे, लेकिन एक दिन उसके मामा घर आए और उन्होंने इसकी वीडियो फेसबुक पर अपलोड कर दी. इसको उन्होंने भी देखा. उनका कहना है कि अब वह स्कूल खुलने के बाद प्रिंसिपल से बात करके यथार्थ के खेल-कूद पर भी विशेष ध्यान देने के लिए बात करेंगे.

वहीं यथार्थ की मां का कहना है कि पहले तो डर लगता था, लेकिन फिर बाद में सोचा कि सभी में यह टैलेंट नहीं होता. अगर यथार्थ में यह टैलेंट है तो वह उसके इस टैलेंट को निखारने का काम करेंगी. यथार्थ की मां ने कहा कि वह चाहती हैं कि यथार्थ आगे चलकर एथलीट बने और वह इसके लिए यथार्थ का एडमिशन भी किसी एथलीट कॉलेज में कराना चाहती हैं.

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