कानपुर: 3 जून को हुए कानपुर हिंसा मामले में पुलिस की तरफ से गठित SIT ने 90 दिनों में विवेचना पूरी कर ली है. विवेचना में अभी तक 51 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया गया है.
कानपुर के परेड चौराहे पर बीती 3 जून को जुमे की नमाज के बाद एक समुदाय विशेष के लोगों ने इलाके में बाजार बंद को लेकर उपद्रव किया था, जिसके बाद पुलिस और उपद्रवियों के बीच कई घंटे तक संघर्ष हुआ था. इसी बीच शहर के चर्चित चंद्रेश्वर हाते को भी उपद्रवियों ने निशाना बनाया था. जिससे इलाके की स्थिति बेहद तनाव पूर्ण हो गई थी. दरअसल, चंदेश्वर हाता वर्ग विशेष बाहुल्य क्षेत्र में स्थिति है. जहां पर हिंदुओं की आबादी निवास करती है.
आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर और NSA जैसी कार्रवाई
हिंसा में कई आरोपियों की गिरफ्तारी की गई. इसमें पुलिस की एसआईटी टीम ने जांच में जफर हयात हाशमी, हाजी वसी और मुख्तार बाबा को मुख्य आरोपी बनाया था. इन आरोपियों में सबसे पहले जफर हयात हाशमी को गिरफ्तार किया गया था. बताया जा रहा था जफर पूरी हिंसा का मास्टरमाइंड था. जफर ने ही बाजार बंद का एलान किया था. उसके बाद हिंसा के लिए तैयारियां की गई थी. जफर की गिरफ्तारी के बाद कई और नाम सामने आए थे. जिसमें कानपुर के प्रसिद्ध बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा और शहर के बड़े बिल्डर हाजी वसी भी शामिल था. इन दोनों आरोपियों पर हिंसा में फंडिंग करने के आरोप लगे थे, जिसके बाद जफर पर NSA जैसी कार्रवाई की गई थी और हाजी वसी और मुख्तार बाबा पर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की गई.
संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि जांच में 51 मुख्य आरोपी पाए गए है, जिनकी हिंसा में संलिप्तता थी. फिलहाल सभी 51 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है.
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