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कानपुर नगर में लाए जाएंगे ये 7 थाने, जानिए क्यों लेना पड़ा ये निर्णय - judicial area of ​​kanpur city

कानपुर नगर के 7 थानों का न्यायिक क्षेत्र कानपुर देहात में आता है. इन सात थानों को अब कानपुर नगर में लाने की कवायद शुरू हो गई है. बुधवार को आईजी मोहित अग्रवाल की बैठक में ये फैसला लिया गया.

आईजी मोहित अग्रवाल
आईजी मोहित अग्रवाल
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Published : Nov 25, 2020, 9:03 PM IST

कानपुर: आईजी मोहित अग्रवाल की बैठक में कानपुर नगर के 7 थानों का न्यायिक क्षेत्र कानपुर देहात की माती कोर्ट से कानपुर नगर में लाने का फैसला लिया गया है. सात थाने यानी चौबेपुर, शिवराजपुर, ककवन, बिल्हौर, घाटमपुर, साढ़ और सजेती का प्रशासनिक क्षेत्राधिकार कानपुर नगर जनपद में आता है. दूसरी ओर इन सभी थाना क्षेत्रों का न्यायिक क्षेत्राधिकार कानपुर देहात जनपद के मुख्यालय स्थित माती कोर्ट के अधीन है. अब इन थानों का न्यायिक क्षेत्र कानपुर जनपद में लाने की कवायद शुरू हो गई है.

एसआईटी ने भी शासन से की संस्तुति
बिकरू कांड की जांच को लेकर गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने भी शासन से की अपनी संस्तुति में यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया है. बुधवार को आईजी मोहित अग्रवाल ने एसआईटी की रिपोर्ट के क्रियान्वयन को लेकर महत्वपूर्ण बैठक में निर्णय लिया कि इन सभी सात थाना क्षेत्रों के न्यायिक क्षेत्र वापस से कानपुर में लाए जाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा.

इसलिए उठा न्यायिक क्षेत्र का मुद्दा
बिकरू कांड को लेकर बनी इंवेस्टिगेशन टीम के सामने कुख्यात विकास दुबे से संबंधित मुकदमों की पैरवी में हीलाहवाली सामने आई तो कानपुर के अधिकारियों ने कहा कि चौबेपुर समेत 7 थानों का प्रशासनिक क्षेत्र उनके अधिकार क्षेत्र में है, लेकिन न्यायिक क्षेत्राधिकार कानपुर देहात जनपद की माती कोर्ट के आधीन है. इसलिए कानपुर के अधिकारी मुकदमों में प्रभावी पैरवी करने में असक्षम हैं.अधिकारियों की इन दलीलों को ध्यान में रखकर एसआईटी ने न्यायिक क्षेत्र को कानपुर नगर से जोड़ने की प्रकिया शुरू करने की संस्तुति की थी. इसके मद्देनजर बैठक में निर्णय लिया गया कि इन सभी 7 थानों का न्यायिक कार्य क्षेत्र कानपुर नगर से जोड़ने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा.

कानपुर: आईजी मोहित अग्रवाल की बैठक में कानपुर नगर के 7 थानों का न्यायिक क्षेत्र कानपुर देहात की माती कोर्ट से कानपुर नगर में लाने का फैसला लिया गया है. सात थाने यानी चौबेपुर, शिवराजपुर, ककवन, बिल्हौर, घाटमपुर, साढ़ और सजेती का प्रशासनिक क्षेत्राधिकार कानपुर नगर जनपद में आता है. दूसरी ओर इन सभी थाना क्षेत्रों का न्यायिक क्षेत्राधिकार कानपुर देहात जनपद के मुख्यालय स्थित माती कोर्ट के अधीन है. अब इन थानों का न्यायिक क्षेत्र कानपुर जनपद में लाने की कवायद शुरू हो गई है.

एसआईटी ने भी शासन से की संस्तुति
बिकरू कांड की जांच को लेकर गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने भी शासन से की अपनी संस्तुति में यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया है. बुधवार को आईजी मोहित अग्रवाल ने एसआईटी की रिपोर्ट के क्रियान्वयन को लेकर महत्वपूर्ण बैठक में निर्णय लिया कि इन सभी सात थाना क्षेत्रों के न्यायिक क्षेत्र वापस से कानपुर में लाए जाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा.

इसलिए उठा न्यायिक क्षेत्र का मुद्दा
बिकरू कांड को लेकर बनी इंवेस्टिगेशन टीम के सामने कुख्यात विकास दुबे से संबंधित मुकदमों की पैरवी में हीलाहवाली सामने आई तो कानपुर के अधिकारियों ने कहा कि चौबेपुर समेत 7 थानों का प्रशासनिक क्षेत्र उनके अधिकार क्षेत्र में है, लेकिन न्यायिक क्षेत्राधिकार कानपुर देहात जनपद की माती कोर्ट के आधीन है. इसलिए कानपुर के अधिकारी मुकदमों में प्रभावी पैरवी करने में असक्षम हैं.अधिकारियों की इन दलीलों को ध्यान में रखकर एसआईटी ने न्यायिक क्षेत्र को कानपुर नगर से जोड़ने की प्रकिया शुरू करने की संस्तुति की थी. इसके मद्देनजर बैठक में निर्णय लिया गया कि इन सभी 7 थानों का न्यायिक कार्य क्षेत्र कानपुर नगर से जोड़ने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा.

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