कानपुर: शहर में जाम की बड़ी समस्या बन चुके मंधना-अनवरगंज रेलवे ट्रैक को एलिवेटेड बनाने की शुरुआत हो गई है. ई-बस के जरिए 30 सदस्यीय दल ने रेलवे ट्रैक को हटाने के लिए पूरे ट्रैक का निरीक्षण किया. वहीं, रेलवे ट्रैक को एलिवेटेड बनाने के लिए डीपीआर के लिए 42.5 लाख रुपये रखे गए हैं. पिछले कई सालों से शहर के व्यापारी, कारोबारी समेत अन्य जन इस रेलवे ट्रैक के चलते शहर की अलग-अलग 15 क्रासिंगों पर लगने वाले जाम से ऊब चुके थे.
खत्म हो जाएगी 15 रेलवे क्रॉसिंग
कमिश्नर डॉ. राजशेखर ने बताया कि मंधना-अनवरगंज रेलवे ट्रैक की दूरी 17 किमी है. पूरे ट्रैक का एलिवेटेड करने में सभी 15 रेलवे क्रॉसिंग बंद हो जाएगी. वहीं, रावतपुर और कल्याणपुर स्टेशन में से एक स्टेशन का हटा दिया जाएगा. एलिवेटेड ट्रैक रेलवे अपनी खाली पड़ी जमीन के ऊपर बनाएगा. वहीं ट्रैक की जगह पर 4 लेन रोड बनाई जाएगी.
शहर में पिछले 20 सालों से थी समस्या
निरीक्षण में सांसद सत्यदेव पचौरी और देवेंद्र सिंह भोले भी शामिल रहे. उन्होंने बताया कि शहर के अंदर से गुजर रहे रेलवे ट्रैक की वजह से कानपुर 20 सालों से जाम झेल रहा है. व्यस्त रेलवे ट्रैक होने की वजह से रोजाना ये क्रॉसिंग करीब 10 घंटे बंद रहती है, जिसमें रोजाना लाखों लोग जाम में फंसते हैं.
डीपीआर के लिए कमेटी का गठन, 3 महीने में बनेगी
कमिश्नर ने बताया कि डीपीआर बनाने के लिए अपर जिलाधिकारी के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई है. इसमें रेलवे के उपमुख्य अभियंता, मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी, मुख्य अभियंता नगर निगम, मुख्य अभियंता केडीए, नीरज श्रीवास्तव समन्वयक उच्च स्तरीय विकास समिति, मेट्रो के अधिकारी और बिजली विभाग के अधिकारी रखे गए हैं. 9 जून को फिर से रेलवे ट्रैक का निरीक्षण करेगी। डीपीआर के लिए 3 महीने का समय रखा गया है.
निरीक्षण में ये लोग रहे शामिल
30 सदस्यों में सांसद देवेंद्र सिंह भोले, सत्यदेव पचोरी, पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी निर्माण राजीव कुमार, पूर्वात्तर रेलवे के इज्जत नगर डिवीजन से अपर मंडलीय रेल प्रबंधक विवेक गुप्ता, डीएम नेहा शर्मा, केडीए वीसी अरविंद सिंह, नीरज श्रीवास्तव, रेलवे, लोक निर्माण विभाग, नगर निगम केडीए के मुख्य अभियंता, सेतु निगम के जीएम, एडीएम लैंड और कानपुर मेट्रो के अधिकारियों के अतिरिक्त के अन्य विभागों के अधिकारी निरीक्षण में शामिल रहे.
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