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कहीं खो न जाए अकबरपुर की मुगलकालीन बारादरी और शुक्ल तालाब - कानपुर देहात समाचार

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के अकबरपुर नगर में चार सदी पूर्व मुगल शासन में तालाब और इमारत का निर्माण हुआ था. यह वास्तुकला का अद्भुत नमूना ही नहीं है, बल्कि हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल भी प्रस्तुत करता है.

कानपुर देहात में बसा मुगल शासन का अद्भुत तालाब.
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Published : Jun 15, 2019, 9:10 PM IST

Updated : Jun 15, 2019, 11:29 PM IST

कानपुर देहात: अकबरपुर स्थित ऐतिहासिक शुक्ल तालाब मुगलकाल में बनाया गया था. अकबरपुर नगर में चार सदी पूर्व निर्मित इस तालाब और इमारत वास्तुकला का अद्भुत नमूना है.

कानपुर देहात में बसा मुगल शासन का अद्भुत तालाब.

शुक्ल तालाब और बारादरी का इतिहास

सन् 1578 में अकबरपुर में भयावह अकाल पड़ा तब नत्थे खां और शीतल प्रसाद शुक्ल ने राजस्व का एकत्र धन राजकोष में जमा न करवा कर लोगों को राहत दिलाने के लिए यहां पक्का तालाब और बारादरी का निर्माण करवाया था. तभी से इस नगर का नाम अकबरपुर और शीतल शुक्ल के नाम से तालाब का नाम शुक्ल तालाब पड़ गया. अकबरपुर का शुक्ल तालाब और इमारत मुगल शासन का जीता जागता नमूना है. कानपुर देहात के मुख्यालय से चंद कदम की दूरी पर बसे अकबरपुर नगर में चार सदी पूर्व निर्मित शुक्ल तालाब एवं बारादरी हिन्दू-मुस्लिम एकता की सबसे बड़ी मिसाल भी है.

शुक्ल तालाब बदहाल

मुगलकाल में इलाके की शान रहे इस तालाब के हालात अब बदल गए हैं. कभी सैरगाह हुआ करने वाला तालाब अब गंदगी और कचरे से भर गया है. तालाब परिसर में स्थित बाबा अवधूतेश्वर महादेव का मंदिर हिन्दू-मुस्लिम एकता की डोर को अब भी बांधे हुए है, लेकिन इस तालाब की हालत सुधारने पर अब भी ध्यान नहीं दिया गया तो मुगलकाल की यह धरोहर हमेशा के लिए खो जाएगी.

यह बदहाल तालाब कानपुर देहात के अकबरपुर का इकलौता पर्यटन स्थल माना जाता है. अव्यवस्था के चलते शुक्ल तालाब अपनी सुंदरता खोता जा रहा है. प्रशासन की ओर से इस स्थल का कोई खास ध्यान नहीं रखा जाता है. जहां एक समय में इस पर्यटक स्थल पर इमारत और तालाब को देखने की भीड़ जमा होती थी, वहीं आज के समय में यहां सन्नाटा पसरा रहता है.

साल 2014 में कानपुर देहात के जिलाधिकारी ने अंधेरे में पड़े इस पर्यटक स्थल का नवीनीकरण भी कराया. यहां पर उन्होंने रोशनी के इंतजाम किया और तालाब का गंदा पानी भी निकलवाया, लेकिन उनके जाने के बाद शुक्ल तालाब फिर बदहाली में चला गया.

कानपुर देहात: अकबरपुर स्थित ऐतिहासिक शुक्ल तालाब मुगलकाल में बनाया गया था. अकबरपुर नगर में चार सदी पूर्व निर्मित इस तालाब और इमारत वास्तुकला का अद्भुत नमूना है.

कानपुर देहात में बसा मुगल शासन का अद्भुत तालाब.

शुक्ल तालाब और बारादरी का इतिहास

सन् 1578 में अकबरपुर में भयावह अकाल पड़ा तब नत्थे खां और शीतल प्रसाद शुक्ल ने राजस्व का एकत्र धन राजकोष में जमा न करवा कर लोगों को राहत दिलाने के लिए यहां पक्का तालाब और बारादरी का निर्माण करवाया था. तभी से इस नगर का नाम अकबरपुर और शीतल शुक्ल के नाम से तालाब का नाम शुक्ल तालाब पड़ गया. अकबरपुर का शुक्ल तालाब और इमारत मुगल शासन का जीता जागता नमूना है. कानपुर देहात के मुख्यालय से चंद कदम की दूरी पर बसे अकबरपुर नगर में चार सदी पूर्व निर्मित शुक्ल तालाब एवं बारादरी हिन्दू-मुस्लिम एकता की सबसे बड़ी मिसाल भी है.

शुक्ल तालाब बदहाल

मुगलकाल में इलाके की शान रहे इस तालाब के हालात अब बदल गए हैं. कभी सैरगाह हुआ करने वाला तालाब अब गंदगी और कचरे से भर गया है. तालाब परिसर में स्थित बाबा अवधूतेश्वर महादेव का मंदिर हिन्दू-मुस्लिम एकता की डोर को अब भी बांधे हुए है, लेकिन इस तालाब की हालत सुधारने पर अब भी ध्यान नहीं दिया गया तो मुगलकाल की यह धरोहर हमेशा के लिए खो जाएगी.

यह बदहाल तालाब कानपुर देहात के अकबरपुर का इकलौता पर्यटन स्थल माना जाता है. अव्यवस्था के चलते शुक्ल तालाब अपनी सुंदरता खोता जा रहा है. प्रशासन की ओर से इस स्थल का कोई खास ध्यान नहीं रखा जाता है. जहां एक समय में इस पर्यटक स्थल पर इमारत और तालाब को देखने की भीड़ जमा होती थी, वहीं आज के समय में यहां सन्नाटा पसरा रहता है.

साल 2014 में कानपुर देहात के जिलाधिकारी ने अंधेरे में पड़े इस पर्यटक स्थल का नवीनीकरण भी कराया. यहां पर उन्होंने रोशनी के इंतजाम किया और तालाब का गंदा पानी भी निकलवाया, लेकिन उनके जाने के बाद शुक्ल तालाब फिर बदहाली में चला गया.

Intro:Date- 10-6-2019

Center - Kanpur dehat

Reporter - Himanshu sharma

नोट- E tv bharat एब व L U - smart से Badhal mugal talab नाम की 2 फाइले भेजी जा चुकी है ।

एंकर- कानपुर देहात के अकबरपुर स्थित मुगलिया शासन में मुगल कालीन में बनाया गया था ऐतिहासिक शुक्ल तालाब जोकि आज भी जसका तस बना हुआ है और राजा अकबर के समय की मुगलिया धरोहर आज बदहाल पड़ी हुई है अगर बात करे पर्यटक स्थल की तो कानपुर देहात के अकबरपुर क्षेत्र में एकलौता पर्यटक स्थल है तो आइये देखिए हमारी स्पेशल स्टोरी सिर्फ E TV भारत पर बदहाल मुगल कालीन की धरोहर.....

Badhal mugal talab 02 w t himanshu


Body:वी0ओ0-मुगल शासन का जीता जागता नमूना है अकबरपुर का शुक्ल तालाब व इमारत कानपुर देहात के मुख्यालय से चंद कदम की दूरी पर बसे अकबरपुर नगर में चार सदी पूर्व निर्मित शुक्ल तालाब एवं इमारत वस्तुकला का अद्भुद नमूना ही नही बल्कि हिन्दू मुस्लिम एकता की सबसे बड़ी मिशाल भी है तो वही ऐतिहासिक इमारत बदहाली के आशु बहा रही है लेकिन रख रखाव के अभाव में ये दुर्दशा छतिग्रस्त होकर धीरे धीरे अपना अस्तित्व खोती जा रही है जबकि कानपुर देहात के अकबरपुर का इकलौता पर्यटन स्थल है......


Conclusion:वी0ओ0- 1556 में सम्राट अकबर आगरा गद्दी पर बैठे उन्होंने उसी वक़्त नत्थे खा को अकबरपुर का आमिल नियुक्त किया था परंतु बाद में बीरबल ने 1563 में शीतल प्रसाद शुक्ल को यहा का दिवान नियुक्त किया था बताया जाता है कि सन 1578 में जब अकबरपुर क्षेत्र में भयावह अकाल पड़ा तो नत्थे खा व शीतल प्रसाद शुक्ल ने राजस्व का एकत्र राजकोष में न जमकरके लोगो के भले के लिए ये बारादरी व पक्के तालाब का निर्माण कराया था उस दौरान अकबर को स्वयं आना पड़ा था और उन्होंने इस अंचल राजस्व की खुलकर प्रशासन की थी तभी से इस नगर का नाम अकबरपुर और शीतल शुक्ल के नाम से तालाब का नाम शुक्ल तालाब पड़ा गया लेकिन आज ये धरोहर जो मुगलकालीन के समय की है बदहाली के कागार पर पड़ी हुई है..........
Last Updated : Jun 15, 2019, 11:29 PM IST
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