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बिकरू कांड के आरोपी दारोगा केके शर्मा की तीसरी जमानत अर्जी खारिज

कानपुर देहात के बिकरू कांड में जेल में बंद निलंबित दारोगा केके शर्मा की तीसरी जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई है. पुलिस ने चार्जशीट में हत्यायुक्त डकैती और विस्फोटक अधिनियम की धाराएं भी बढ़ा दी है.

Kanpur Dehat District Court
कानपुर देहात जिला न्यायालय
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Published : Oct 20, 2020, 12:59 PM IST

कानपुर देहात: बिकरू कांड में जेल में बंद चौबेपुर थाने के निलंबित दारोगा केके शर्मा की तीसरी जमानत याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी है. वहीं पुलिस ने चार्जशीट में हत्यायुक्त डकैती और विस्फोटक अधिनियम की धाराएं भी बढ़ा दी है, जिससे कि अब उनकी जमानत जिले स्तर से हो पाना नामुमकिन दिख रहा है.

कानपुर नगर में दो जुलाई को चौबेपुर थाने के बिकरू गांव में कुख्यात अपराधी विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थी. इसमे सीओ समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे. इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस घटनाक्रम में चौबेपुर थाने के तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और हलका इंचार्ज केके शर्मा पर विकास के खास होने के साथ ही दबिश की सूचना विकास दुबे तक पहुंचाने के आरोप लगे थे. दोनों को निलंबित कर दिया गया था.

उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारियों ने एसओ और दरोगा को गिरफ्तार कर लिया था. दोनों कानपुर देहात की माती जेल में बंद चल रहे हैं. मामले की सुनवाई स्पेशल जज डकैती रामकिशोर की अदालत में चल रही है. दरोगा के वकील ने तीसरी जमानत अर्जी दाखिल की थी. इस पर सुनवाई हुई सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रशांत कुमार मिश्रा ने बताया कि पुलिस की ओर से चार्जशीट मेें दरोगा केके शर्मा के विरुद्ध हत्यायुक्त डकैती और विस्फोटक अधिनियम की धारा बढ़ाई गई हैं. इसी आधार पर जमानत मांगी गई थी, लेकिन कोर्ट ने इसे जमानत देने का नया आधार नहीं माना है. वहीं केके शर्मा के वकील का कहना है कि अब वो मामले को सलेकर हाईकोर्ट जाएंगे.

कानपुर देहात: बिकरू कांड में जेल में बंद चौबेपुर थाने के निलंबित दारोगा केके शर्मा की तीसरी जमानत याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी है. वहीं पुलिस ने चार्जशीट में हत्यायुक्त डकैती और विस्फोटक अधिनियम की धाराएं भी बढ़ा दी है, जिससे कि अब उनकी जमानत जिले स्तर से हो पाना नामुमकिन दिख रहा है.

कानपुर नगर में दो जुलाई को चौबेपुर थाने के बिकरू गांव में कुख्यात अपराधी विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थी. इसमे सीओ समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे. इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस घटनाक्रम में चौबेपुर थाने के तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और हलका इंचार्ज केके शर्मा पर विकास के खास होने के साथ ही दबिश की सूचना विकास दुबे तक पहुंचाने के आरोप लगे थे. दोनों को निलंबित कर दिया गया था.

उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारियों ने एसओ और दरोगा को गिरफ्तार कर लिया था. दोनों कानपुर देहात की माती जेल में बंद चल रहे हैं. मामले की सुनवाई स्पेशल जज डकैती रामकिशोर की अदालत में चल रही है. दरोगा के वकील ने तीसरी जमानत अर्जी दाखिल की थी. इस पर सुनवाई हुई सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रशांत कुमार मिश्रा ने बताया कि पुलिस की ओर से चार्जशीट मेें दरोगा केके शर्मा के विरुद्ध हत्यायुक्त डकैती और विस्फोटक अधिनियम की धारा बढ़ाई गई हैं. इसी आधार पर जमानत मांगी गई थी, लेकिन कोर्ट ने इसे जमानत देने का नया आधार नहीं माना है. वहीं केके शर्मा के वकील का कहना है कि अब वो मामले को सलेकर हाईकोर्ट जाएंगे.

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