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पहले पति और बेटी की मौत, अब बेटा भी लापता, तलाश में भटक रही है बुजुर्ग महिला - बेटे की तलाश में भटक रही बुजुर्ग महिला

कानपुर देहात के गांधीनगर कस्बे में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला मुसीबत में फंसी है. करीब दो साल पहले उनके पति और बेटी का निधन हो गया. अगस्त 2022 में बेटा भी संदिग्ध हालात में लापता हो गया (missing from kanpur dehat) . महिला ने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. अफसरों के चक्कर काटे, मगर उनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है.

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Published : Nov 9, 2022, 5:15 PM IST

कानपुर देहात : जब हिफाजत करने वाला पुलिस प्रशासन किसी बुजुर्ग की बेबसी का मजाक उड़ाने लगे तो धैर्य टूट जाता है. ऐसा ही मामला कानपुर देहात में सामने आया है. यहां की एक बुजुर्ग महिला अपने जवान लापता बेटे की तलाश के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही हैं. पुलिस ने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज तो कर ली है, मगर अभी तक उसका अता-पता नहीं ढूंढ सकी है. महिला की आस उस समय कमजोर पड़ जाती है, जब थाने में पुलिसवाले सांत्वना के बजाय मजाक उड़ाते हैं. हालांकि रूरा थाने के प्रभारी का कहना है कि बुजुर्ग महिला के बेटे की तलाश की जा रही है.

जनपद कानपुर देहात के गांधीनगर कस्बा रूरा की रहने वाली श्यामलता दीक्षित का बेटा 20 अगस्त 2022 को लापता हो गया था. बेटे की गुमशुदगी के बाद बुजुर्ग मां ने थाने में दर्ज कराई थी. बुजुर्ग महिला ने अपने स्तर से भी बेटे की तलाश शुरू कर दी लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चला. जिसके बाद मां फिर से पुलिस की चौखट पर जा पहुंची और पुलिस से अपने बेटे को ढूंढने की गुहार लगाई. श्यामलता दीक्षित का कहना है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. फिर थक हारकर वह पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच गई और शिकायती पत्र देते हुए अपने बेटे को ढूंढने की मांग की. वहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी. दो महीने से ज्यादा बीत जाने के बाद भी बुजुर्ग मां अपने बेटे को ढूंढने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है.

श्यामलता दीक्षित ने बताया कि उनके पति प्रेम शंकर दीक्षित की एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई थी. इस सदमे को बेटी सहन नहीं कर पाई और उसने भी उसी दिन दम तोड़ दिया. एक साथ दो आर्थियां देखने के बाद वह टूट गईं. इस बीच उनका इकलौता बेटा दीपक दीक्षित भी लापता हो गया. श्यामलता का कहना है कि उन्होंने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई लेकिन अभी तक कुछ पता नहीं चला. उन्होंने आरोप लगाया कि जब वह थाना रूरा जाती है तो पुलिसवाले उनका मजाक उड़ाते हैं, जिसकी वजह से उन्होंने अब थाने जाना भी छोड़ दिया है. हालांकि श्यामलता दीक्षित ने अभी भी आस नहीं छोड़ी है. इंतजार है कि ईश्वर उसकी सुनेगा और उसका इकलौता बेटा वापस आ जाएगा.

स्थानीय निवासी और सभासद हिमांशु गुप्ता ने बताया कि गुमशुदा लड़के का नाम दीपक दीक्षित है.वह करीब ढाई महीने से लापता है.मां मदद के लिए इधर-उधर घूम रही है. मां के लिए उसका इकलौता बेटा ही सहारा है. रूरा थाने के इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार का कहना है कि महिला के बेटे दीपक दीक्षित की तलाश की जा रही है.

पढ़ें : खेत मे गलती से पानी चले जाने पर महिला की बुरी तरह पिटाई

कानपुर देहात : जब हिफाजत करने वाला पुलिस प्रशासन किसी बुजुर्ग की बेबसी का मजाक उड़ाने लगे तो धैर्य टूट जाता है. ऐसा ही मामला कानपुर देहात में सामने आया है. यहां की एक बुजुर्ग महिला अपने जवान लापता बेटे की तलाश के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही हैं. पुलिस ने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज तो कर ली है, मगर अभी तक उसका अता-पता नहीं ढूंढ सकी है. महिला की आस उस समय कमजोर पड़ जाती है, जब थाने में पुलिसवाले सांत्वना के बजाय मजाक उड़ाते हैं. हालांकि रूरा थाने के प्रभारी का कहना है कि बुजुर्ग महिला के बेटे की तलाश की जा रही है.

जनपद कानपुर देहात के गांधीनगर कस्बा रूरा की रहने वाली श्यामलता दीक्षित का बेटा 20 अगस्त 2022 को लापता हो गया था. बेटे की गुमशुदगी के बाद बुजुर्ग मां ने थाने में दर्ज कराई थी. बुजुर्ग महिला ने अपने स्तर से भी बेटे की तलाश शुरू कर दी लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चला. जिसके बाद मां फिर से पुलिस की चौखट पर जा पहुंची और पुलिस से अपने बेटे को ढूंढने की गुहार लगाई. श्यामलता दीक्षित का कहना है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. फिर थक हारकर वह पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच गई और शिकायती पत्र देते हुए अपने बेटे को ढूंढने की मांग की. वहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी. दो महीने से ज्यादा बीत जाने के बाद भी बुजुर्ग मां अपने बेटे को ढूंढने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है.

श्यामलता दीक्षित ने बताया कि उनके पति प्रेम शंकर दीक्षित की एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई थी. इस सदमे को बेटी सहन नहीं कर पाई और उसने भी उसी दिन दम तोड़ दिया. एक साथ दो आर्थियां देखने के बाद वह टूट गईं. इस बीच उनका इकलौता बेटा दीपक दीक्षित भी लापता हो गया. श्यामलता का कहना है कि उन्होंने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई लेकिन अभी तक कुछ पता नहीं चला. उन्होंने आरोप लगाया कि जब वह थाना रूरा जाती है तो पुलिसवाले उनका मजाक उड़ाते हैं, जिसकी वजह से उन्होंने अब थाने जाना भी छोड़ दिया है. हालांकि श्यामलता दीक्षित ने अभी भी आस नहीं छोड़ी है. इंतजार है कि ईश्वर उसकी सुनेगा और उसका इकलौता बेटा वापस आ जाएगा.

स्थानीय निवासी और सभासद हिमांशु गुप्ता ने बताया कि गुमशुदा लड़के का नाम दीपक दीक्षित है.वह करीब ढाई महीने से लापता है.मां मदद के लिए इधर-उधर घूम रही है. मां के लिए उसका इकलौता बेटा ही सहारा है. रूरा थाने के इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार का कहना है कि महिला के बेटे दीपक दीक्षित की तलाश की जा रही है.

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