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कानपुर देहात: विकास की राह ताकता पचलग गांव, सांसद के नहीं पड़े कदम - बीजेपी'

कानपुर देहात के भोगनीपुर विधानसभा क्षेत्र के पचलग गांव की हालत 2014 से बदहाल है. केंद्र में बीजेपी सरकार और सांसद भी बीजेपी से होने के बावजूद यहां विकास तो दूर, लोगों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिली हैं.

विकास की राह ताकता पचलग गांव
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Published : Apr 25, 2019, 12:52 AM IST

कानपुर देहात: एक तरफ जहां केंद्र सरकार के आते ही पिछड़े ग्रामीण इलाकों में विकास की उम्मीद जगी थी, वहीं आज भी कई गांव वैसे ही बदहाल पड़े हैं. इन गांवों में बिजली और पानी तो दूर, लोगों को चलने के लिए सड़क तक नहीं है. गांव तक जाने के लिए कहीं-कहीं पर ही खड़ंजे बने हैं. इनमें से एक है कानपुर देहात के भोगनीपुर विधानसभा का पचलग गांव.

विकास की राह ताकता पचलग गांव

इस गांव की हालत आज भी बदतर है. 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी जब सत्ता में आई तो ग्रामीणों के दिलों में विकास के सपने जगने लगे. लेकिन सत्ता में काबिज हुए सांसद भानू प्रताप ने अपने कार्यकाल में कभी इस गांव में आना भी मुनासिब नहीं समझा. पेश है ETV भारत की ग्राउंड जीरो रिपोर्ट-

ईटीवी भारत की टीम जब कानपुर देहात के भोगनीपुर विधानसभा क्षेत्र के पचलग गांव पहुंची तो यहां के हालात कुछ और ही दिखे. इस गांव में जाने के लिए सड़क-खड़ंजे नहीं बल्कि कूचें और पगडंडियां हैं. विकास के नाम पर बस एक पानी की टंकी है, जिसका काम 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए अब निर्माण काम चालू हो पाया है.

वहीं जब ईटीवी भारत की टीम ने पचलग के ग्रामीणों से बात की तो उनका कहना था कि 2014 लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी सांसद ने गांव की तरफ एक बार भी रुख नहीं किया. विकास बस एक सपना बनकर रह गया. और तो और यहां लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तक तरस रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि इस बार तो सांसद वोट मांगने भी नहीं आए.

कानपुर देहात: एक तरफ जहां केंद्र सरकार के आते ही पिछड़े ग्रामीण इलाकों में विकास की उम्मीद जगी थी, वहीं आज भी कई गांव वैसे ही बदहाल पड़े हैं. इन गांवों में बिजली और पानी तो दूर, लोगों को चलने के लिए सड़क तक नहीं है. गांव तक जाने के लिए कहीं-कहीं पर ही खड़ंजे बने हैं. इनमें से एक है कानपुर देहात के भोगनीपुर विधानसभा का पचलग गांव.

विकास की राह ताकता पचलग गांव

इस गांव की हालत आज भी बदतर है. 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी जब सत्ता में आई तो ग्रामीणों के दिलों में विकास के सपने जगने लगे. लेकिन सत्ता में काबिज हुए सांसद भानू प्रताप ने अपने कार्यकाल में कभी इस गांव में आना भी मुनासिब नहीं समझा. पेश है ETV भारत की ग्राउंड जीरो रिपोर्ट-

ईटीवी भारत की टीम जब कानपुर देहात के भोगनीपुर विधानसभा क्षेत्र के पचलग गांव पहुंची तो यहां के हालात कुछ और ही दिखे. इस गांव में जाने के लिए सड़क-खड़ंजे नहीं बल्कि कूचें और पगडंडियां हैं. विकास के नाम पर बस एक पानी की टंकी है, जिसका काम 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए अब निर्माण काम चालू हो पाया है.

वहीं जब ईटीवी भारत की टीम ने पचलग के ग्रामीणों से बात की तो उनका कहना था कि 2014 लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी सांसद ने गांव की तरफ एक बार भी रुख नहीं किया. विकास बस एक सपना बनकर रह गया. और तो और यहां लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तक तरस रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि इस बार तो सांसद वोट मांगने भी नहीं आए.

Intro:Date- 20-4-2019

Center - Kanpur dehat

Reporter - Himanshu sharma

नोट- E tv bharat एब व L U - smart से KND ViKASH KO TARSA GAV नाम की 2 फाइले भेजी जा चुकी है ।

एंकर - आज कानपुर देहात में etv भारत की टीम ने जायजा लिया एक ऐसे गांव का जहा पर हमारे लिए भी बदहाल गांव में पहुचना मुश्किल था हम बात कर रहे है उत्तर प्रदेश के जनपद कानपुर देहात की भोगनीपुर विधान सभा के पचलग गांव की जोकि जालोंन गरौठा लोकसभा सीट में लगता है और इस गांव में विकाश की बात करे तो 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी से काबिज सांसद भानू प्रताब जी ने इस गांव में आना भी मुनाशिफ नही समझा और छोड़ दिया पचलक गांव को बदहाली की कगार पर तो देखिए हमारी E TV भारत की ग्राउंड जीरो से स्पेशल रिपोर्ट.....

ग्रामीणों के साथ खाश बात चीत फाईल NAME - KND ViKASH KO TARSA GAV 02 WT Himanshu


Body:वी0ओ0- ये तस्बीरे है जनपद कानपुर देहात के भोगनीपुर विधानसभा क्षेत्र के पचलक गांव की और यहा लोकसभा सीट जनपद जालोंन गरौठा में लगती है जिसका एक हिस्सा कानपुर देहात में आता है और यहा के मौजूदा बीजेपी सांसद भानू प्रताब है अगर इस गांव में कोई जाना चाहता है तो सड़क व ख़रीनजे से नही बल्कि जैसे ETV भारत की टीम तरह गाली कुचों पखडंडियो से होते हुए जाना पड़ेगा और आप को मिलेगा गढ्ढे व कच्ची सड़के ये हाल है सिर्फ पचलक गांव तक पहुचने का अगर बात करे गांव की तो तस्बीरे कुछ अलग ही देखने को मिली गांव भी था ग्रामीण भी थे गांव की टूटे खुदे ख़रीनजे भी कुछ नही था तो वो था विकाश अगर इस गांव की बात करे तो 2014 लोकसभा चुनाव के बाद अगर कुछ यहा के लोगो के हाथ लगा है तो वो है सिर्फ गांव के बाहर बन रही पानी की टंकी जिसका काम 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए अब निर्माण काम चालू हो पाया है......


Conclusion:वी0ओ0- E TV भारत की इस ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट में जब हमारी टीम ने पचलक के ग्रामीणों से बात की तो उनका साफ तौर से कहना था कि 2014 लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी सांसद ने गांव की तरफ एक बार भी रुख नही किया विकाश तो दूर की बात है न तो इस गांव में सड़के है न ही ख़रीनजे अगर कुछ है भी तो गांव की बदहाली की तस्बीरे तो वही दूसरी और गांव के बच्चों को ये भी नही मालूम कि उसके गांव का सांसद कौन है और अपने सांसद का नाम तक नही जानते यहा के बच्चे ग्रामीणों की माने तो इस बार वोट मांगने भी नही आये सांसद जी......
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