कानपुर देहात: जिले के रसूलाबाद क्षेत्र के कहिंजरी के भीखदेव बाजार में स्थित लगभग 1500 साल पुराना राधा कृष्ण का मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है. इस मंदिर का निर्माण सेठ राम नारायण उर्फ मनइया सेठ ने करवाया था. जन्माष्टमी के अवसर पर यहां की तस्वीर देखते ही बनती है. जन्माष्टमी के अवसर पर यहां संगीत एवं लीला का विशेष आयोजन दशकों पहले से होता चला आ रहा है. इसका आनंद लेने के लिए दूर-दराज से श्रद्धालु आते हैं. मौजूदा समय में मंदिर की देखरेख व पूजा पाठ सुब्रत गुप्ता करते हैं.
'मनइया सेठ' के नाम से मशहूर इस मंदिर की देखरेख करने वाले व मनइया सेठ के वंशज अविनाश गुप्ता बताते हैं कि जन्माष्टमी पर भजन कीर्तन के अलावा वामन द्वादशी को विशेष कार्यक्रम का आयोजन होता है. जिसमें भगवान वामन का डोला उठता है और राम तलैया में जाकर वे जल विहार करते है. यह कार्यक्रम तीन दिन तक चलता है व कार्यक्रम का समापन अनंत चतुर्दशी को होता है.
राधा कृष्ण के इस नक्काशीदार मंदिर के अंदर मोबाइल फोन व कैमरा ले जाना फोटो खींचना वर्जित है, क्योंकि सेठ राम नारायण उर्फ मनइया सेठ का मानना था कि अगर किसी ने फोटो खींच ली तो ऐसे ही नक्काशीदार मंदिर वो भी बनवा लेगा. यही वजह है कि इस मंदिर के अंदर फोटो लेना वर्जित है जिसे लेकर मंदिर के अंदर लिखा भी गया है.
मनइया सेठ के वंशज अविनाश गुप्ता ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में मंदिर होने के कारण इसका ज्यादा प्रचार प्रसार नहीं हो पाया है. हालांकि दूर दराज से काफी श्रद्धालु यहां राधा कृष्ण के दर्शन के लिए आते हैं. वहीं एक श्रद्धालु श्याम जी ने बताया कि जन्माष्टमी के पर्व पर हर वर्ष मंदिर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, और राधा कृष्ण का ये मंदिर काफी मान्यताओं वाला है. यहां पर जो भी भक्त सच्चे मन से जो कुछ भी मांगते हैं उसकी मुराद पूरी होती है.
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