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इस गांव की करोड़ों की जमीन के मालिक आज भी हैं पाकिस्तानी, सरकारी दस्तावेजों में नाम है दर्ज - Kanpur latest news in hindi

आपको जानकर हैरत होगी कि कानपुर देहात का एक गांव ऐसा है जहां की करोड़ों की जमीन के मालिक आज भी पाकिस्तानी हैं. सरकारी दस्तावेजों में बकायदा उनका नाम दर्ज है. ऐसा आखिर कैसे हुआ चलिए जानते हैं इस बारे में.

नेहा जैन जिलाधिकारी कानपुर देहात
नेहा जैन जिलाधिकारी कानपुर देहात
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Published : Apr 29, 2022, 2:29 PM IST

Updated : Apr 29, 2022, 4:59 PM IST

कानपुर देहात: आपको जानकर हैरत होगी कि जनपद के एक ग्राम की करोड़ों की जमीन के मालिक आज भी पाकिस्तानी हैं. आप सोच रहे होंगे ऐसा कैसे संभव हो सकता है तो आपको बता दें कि सरकारी दस्तावेजों की लिखापढ़ी में इनका नाम बकायदा दर्ज है. साथ ही देश का नाम पाकिस्तान लिखा हुआ है जबकि इन लोगों को भारत छोड़े अरसा बीत चुका है. इसके बावजूद आज भी ये पाकिस्तानी यहां की करोड़ों की जमीन के मालिक बने हुए हैं. यह मामला है जनपद मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूर स्थित बारा गांव का है.

यह भी पढ़ें: अलविदा जुमा आज, उत्तर प्रदेश की सड़कों पर नहीं अदा की जाएगी नमाज

वहीं, यह मामला सरकारी महकमे और उनकी कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है. लंबे अरसे से दर्ज भारत की जमीनों पर गैर मुल्क का नाम अधिकारियों की बड़ी लापरवाही को दर्शाता है. नियम के अनुसार हर 6 वर्ष में भूमि अभिलेख के दस्तावेजों की छानबीन की जाती है. साथ ही अभिलेखों में दर्ज त्रुटियों को सही भी किया जाता है. उसके बाद सभी दस्तावेजों का तहसील स्तर पर नवीनीकरण भी किया जाता है लेकिन इन दस्तावेजों में कोई सुधार नहीं किया गया.

यह बोलीं डीएम नेहा जैन.

कानपुर देहात की जिलाधिकारी नेहा जैन ने बताया कि उन्हें इस तरह के मामले की कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने इस तरह की भूमियों का निरीक्षण करने का आश्वासन दिया है. इन जमीनों की जांच कराकर शासन स्तर पर भी अवगत कराया जाएगा. अगर शत्रु संपत्ति है तो नियमताः कानून के अनुरूप कार्यवायी की जाएगी.

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कानपुर देहात: आपको जानकर हैरत होगी कि जनपद के एक ग्राम की करोड़ों की जमीन के मालिक आज भी पाकिस्तानी हैं. आप सोच रहे होंगे ऐसा कैसे संभव हो सकता है तो आपको बता दें कि सरकारी दस्तावेजों की लिखापढ़ी में इनका नाम बकायदा दर्ज है. साथ ही देश का नाम पाकिस्तान लिखा हुआ है जबकि इन लोगों को भारत छोड़े अरसा बीत चुका है. इसके बावजूद आज भी ये पाकिस्तानी यहां की करोड़ों की जमीन के मालिक बने हुए हैं. यह मामला है जनपद मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूर स्थित बारा गांव का है.

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वहीं, यह मामला सरकारी महकमे और उनकी कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है. लंबे अरसे से दर्ज भारत की जमीनों पर गैर मुल्क का नाम अधिकारियों की बड़ी लापरवाही को दर्शाता है. नियम के अनुसार हर 6 वर्ष में भूमि अभिलेख के दस्तावेजों की छानबीन की जाती है. साथ ही अभिलेखों में दर्ज त्रुटियों को सही भी किया जाता है. उसके बाद सभी दस्तावेजों का तहसील स्तर पर नवीनीकरण भी किया जाता है लेकिन इन दस्तावेजों में कोई सुधार नहीं किया गया.

यह बोलीं डीएम नेहा जैन.

कानपुर देहात की जिलाधिकारी नेहा जैन ने बताया कि उन्हें इस तरह के मामले की कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने इस तरह की भूमियों का निरीक्षण करने का आश्वासन दिया है. इन जमीनों की जांच कराकर शासन स्तर पर भी अवगत कराया जाएगा. अगर शत्रु संपत्ति है तो नियमताः कानून के अनुरूप कार्यवायी की जाएगी.

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Last Updated : Apr 29, 2022, 4:59 PM IST
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