कानपुर देहात: फूलन देवी नरसंहार हत्याकांड केस ने एक नया मोड़ ले लिया है. शनिवार को फूलन देवी नरसंहार में फैसला आना था. सुनवाई शुरू होते ही पता चला कि मामले की केस डायरी उपलब्ध नहीं है, जिसके चलते फूलन देवी नरसंहार हत्याकांड में पीड़ितों को न्यायालय द्वारा फिर एक और तारीख दे दी गई है.
इस मामले के आखरी गवाह जंटर सिंह ने ईटीवी से बातचीत करते हुए अपनी निराशा व्यक्त की. उन्होंने न्याय प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि दस्तावेज बेच दिए गए हैं और अब न्याय की उम्मीद खत्म हो गई है.
दस्तावेज मिसिंग की खबर ने सबको चौंकाया
18 जनवरी को 38 साल बाद बेहमई कांड पर सुनवाई होनी थी. इस मामले में वादी राजा राम ने सिकन्दरा थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. 38 सालों से कानपुर देहात की दस्यु प्रभावित डकैती कोर्ट में चल रही है. शनिवार को डकैती स्पेशल कोर्ट में बहस जारी थी, जिसकी शनिवार को सुनवाई थी. 38 साल बाद फैसला आना था, जिसको लेकर पूरे देश की नजर बनी हुई है, लेकिन सुनवाई शुरू होते ही पता चला कि मामले की केस डायरी उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण न्यायालय को सुनवाई टालनी पड़ी.
आखिरी गवाह ने क्या कहा
इस पूरे मामले में फूलन देवी ने एक साथ 21 लोगों को लाइन से खड़ा करके गोली मारी थी, जिसमें एक शख्स बच गया था. इस गोलीकांड में 20 लोगों की मौत हुई थी. उस आखरी गवाह जंटर सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि इस पूरे मामले को जान बूझकर देरी की जा रही है. उन्होंने न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि सारे दस्तावेजों को बेच दिया गया है और अब न्याय की उम्मीद खत्म हो गई है, लेकिन आखिरी दम तक हम लड़ते रहेंगे.
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