कानपुर देहात: जिले में ओडीएफ घोषित एक गांव में जबरदस्त जंग शुरू हो गई है. यह जंग इसलिए है कि गांव के मुखिया को पता ही नहीं कि उसका गांव स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2018 में ODF कर दिया गया है. ये तस्वीर और कहीं की नहीं, बल्कि अकबरपुर नगर पंचायत क्षेत्र में आने वाले जमालपुर गांव की है, जो कि कानपुर देहात के जिलाधिकारी आवास से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर है. ये तो ऐसा ही हुआ जैसे चिराग तले अंधेरा. इस गांव के ग्रामीण आज भी खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं. ग्रामीणों ने हाथ जोड़कर मोदी जी और योगी जी से शौचालय उपलब्ध कराने की गुहार लगाई है.
गांव 2018 में ही हो गया ओडीएफ
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत बीजेपी ने शौचालय की सौगात दी थी. प्रधानमंत्री मोदी ने 'देवालय से लेकर न्यायालय, न्यायालय से लेकर सचिवालय और देश के हर घर में हो शौचालय' का नारा दिया था, जिससे ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को खुले में शौच न जाना पड़े, लेकिन उनका यह नारा जमालपुर फेल दिखाई देता है, क्योंकि अकबरपुर नगर पंचायत क्षेत्र के जलालपुर गांव को 2018 में ही ओडीएफ तो घोषित कर दिया गया, जबकि ग्रामीण आज भी खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं. इसकी भनक जब गांव के सभासद करन कुशवाहा को लगी तो उन्होंने सिस्टम के खिलाफ जंग छेड़ दी.
नहीं हुई कोई कार्रवाई
गांव के सभासद करन कुशवाहा बताते हैं कि उन्होंने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से लेकर मंत्रियो तक की, लेकिन इस मामले पर आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई. गांव की महिलाएं खुले में शौच जाने के लिए आज भी मजबूर हैं. सभासद का कहना है कि नगर पंचायत अकबरपुर चेयरमैन पति महेंद्र कटियार जिले के अधिकारियों से साठ-गांठ करके कागजों में गांव को ODF घोषित करा दिया है. बार-बार शिकायत करने पर भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
ग्रामीण महिलाओं ने लगाई गुहार
गांव की महिलाओं ने हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हाथ जोड़कर शौचालय की मांग कर रही हैं कि साहेब ! हमें भी शौचालय दे दो खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं.
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